बैकुंठपुर@क्यिा कोरिया कलेक्टर जनदर्शन मात्र औपचारिकता भर की?

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-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,27 नवम्बर 2024(घटती-घटना)। जब आमजन की व्यथा की सुनवाई उचित मंच पर नहीं होती,तब थका हारा पीडि़त व्यक्ति और समुदाय, जिले के मुखिया के समक्ष अपनी गुहार और अपनी अर्जी लगाता है। और यह तब होता है जब आम जनता की पहुंच निर्वाचित बड़े पद पर आसीन जनप्रतिनिधियों तक नहीं हो पाती। तब जनमानस के मन के किसी कोने में यह उम्मीद बंधी रहती है कि यदि अपनी व्यथा वह जिले के मुखिया तक पहुंचा पाए तो शायद उसे राहत मिल जाए। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने राजधानी से लेकर के प्रत्येक जिले में तयशुदा तिथि को जनदर्शन के माध्यम से आम जनता को राहत देने की और जनता के मन में बसे विश्वास को बनाए रखने की पहल की है। और आमतौर पर यह देखा जाता रहा है कि जनदर्शन में आए आवेदनों पर त्वरित निराकरण भी होता है। परंतु कोरिया जिले में यह देखने को नहीं मिल रहा है। जहां फरियादी जनदर्शन में अपनी फरियाद दाखिल कर हफ्तों से राहत पाने का इंतजार कर रहे हैं। जनदर्शन में फरियाद करने के बाद भी लंबित प्रकरणों में से दो प्रकरण दैनिक घटती घटना के समक्ष आए, जिनका उल्लेख करना जनदर्शन के कार्यशैली को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।
प्रकरण प्रथम
यह मामला बैकुंठपुर विधानसभा के पटना तहसील के ग्राम पंचायत छिंदिया से जुड़ा है। जहां एक अतिक्रमणकारी ने देवालय, आंगनवाड़ी, ढोढ़ी एवं खेत खलिहान जाने के मार्ग को जेसीबी से खोदकर अवरुद्ध कर दिया है। तथा अवैध कब्जा कर रखा है। जिसकी शिकायत प्रभावित ग्रामीणों ने जनदर्शन के माध्यम से जिलाधीश महोदय के समक्ष दर्ज कराई है। और साथ ही पूरे प्रकरण में देखने वाली बात यह है कि जब अवैध अतिक्रमणकारि व्यक्ति से इस अवैध अतिक्रमण का ग्रामीणों ने विरोध किया तो उस व्यक्ति ने विरोध करने वाले ग्रामीणों के साथ जातिगत गाली गलौज एवं मारपीट का प्रयास किया। जिसकी पटना थाने में और आजाक थाना बैकुंठपुर में दर्ज कराई गई है। जिसकी प्रतिलिपि भी जनदर्शन में दिए गए आवेदन में संलग्न है। अपने आवेदन में ग्रामीणों ने शीघ्रता से मार्ग को बहाल न किए जाने की दशा में गंभीर घटना कृत होने की संभावना भी व्यक्त की है। बावजूद इसके आवेदन देने के हफ्तों बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही प्रशासन की तरफ से नहीं की है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि अवरोध किए गए अवैध कब्जे वाले मार्ग से सैकड़ो ग्रामीणों का निस्तार है। जहां से वे अपने खेत खलिहान में, ग्राम के देवालय में, आंगनवाड़ी में, ढोडी में प्रतिदिन आना-जाना करते हैं। जहां एक ओर हम संविधान दिवस मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर आदिवासियों के निस्तार मार्ग को अवरोध करने के मामले में ग्रामीणों द्वारा आवेदन देने पर भी प्रशासन द्वारा कोई उचित कार्यवाही की पहल न करना संविधान दिवस के पर्व को हास्यास्पद बनाता है।
प्रकरण द्वितीय
दूसरा प्रकरण तो ऐसा है कि इसका कलेक्टर जन दर्शन तक जाना ही इसे विचारणीय बनाता है। यह प्रकरण ग्राम पंचायत के स्तर के निराकरण का है, परंतु स्थिति ऐसी निर्मित हो गई की ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत और कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन देना पड़ा। बावजूद इसके वर्तमान स्थिति तक इस प्रकरण में अभी तक निराकरण नहीं हो पाया है। मामला त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पूर्व वार्डबार मतदाता सूची पुनरीक्षण से जुड़ा हुआ है। जहां जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर हाईवे में स्थित ग्राम पंचायत डकई पारा के ग्रामीणों ने पंचायत सचिव पर मनमाने तरीके से वार्ड से नाम हटाने और अन्य जगह नाम जोड़ने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने जनदर्शन में दिए गए अपनी शिकायत में बताया है कि वह विगत कई चुनाव से जिस वार्ड में निवासरत हैं, राजनीतिक दबाव से उनका नाम अन्य वार्डों में बगैर किसी आवेदन के जोड़ दिया गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वार्डबार मतदाता सूची का जब ग्राम सभा के माध्यम से दावा आपत्ति ली गई, तो ग्रामीणों ने दावा आपत्ती के माध्यम से अपने आप को जिस वार्ड में रहना है, वहां के लिए आवेदन किया। परंतु आज पर्यंत तक इस मामले में कोई सुधार नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के ग्राम सभा में, तत्पश्चात जनपद पंचायत में और उसके बाद कलेक्टर जनदर्शन में अपना आवेदन प्रस्तुत किया। परंतु आज तक इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त होने तक कार्यवाही नहीं हो पाई है।
इस बार जिले के कई ग्राम पंचायत में इस प्रकार की शिकायत देखने सुनने को आ रही है कि पंचायत सचिव द्वारा मनमाने तरीके से वार्डबार मतदाता सूची का अधतन किया गया है। वर्तमान में ग्राम पंचायत डकई पारा में ग्रामीणों का आरोप है कि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने की नीयत से प्रत्येक वार्ड में इस प्रकार का हेर फेर किया गया है। जिन ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली है उन्होंने अपनी दावा आपत्ति और शिकायत दर्ज कराई है। परंतु सैकड़ो ऐसे ग्रामीण हैं जिन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनका नाम उनके अपने ही वार्ड से विलोपित कर अन्य वार्ड में संधारित कर दिया गया है। कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन देने वाले ग्रामीणों ने पूरे ग्राम पंचायत के लिए घटती घटना के प्रतिनिधि से बात करते हुए यह बात बताया कि हमारे पंचायत के सभी वार्डों में इस प्रकार का कृत्य किया गया है। अब देखने वाली बात यह है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का अंतिम समय चल रहा है, ग्रामीणों की शिकायतों पर समय रहते उचित कार्यवाही होती है या फिर प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण ग्रामीण अपने अधिकार से वंचित रह जाएंगे।


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