जिले से गई रिपोर्ट व कलेक्टर बदल गए पर वास्तविक दोषी कौन जिसकी वजह से गया अध्यक्ष पद?भाजपाइयों का इंतजार खत्म पर कांग्रेसियों को इंतजार है पर्यवेक्षकों के रिपोर्ट के खुलासे का?
भाजपा को जो नहीं मिला था वह मिल गया,कांग्रेस को जो मिलना था वह क्यो नहीं मिला?,जीती बाजी हार चुकी सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने खुद से क्या नहीं की हार की समीक्षा?
रवि सिंह-
बैकुंठपुर 16 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। कांग्रेस के लिए होनी के अनहोनी होने जैसा, आखिर क्या रही वजह कब होगा खुलासा? भाजपा को जो नहीं मिला था वह मिल गया, कांग्रेस को जो मिलना था वह क्यो नहीं मिला? भाजपा के लिए बैकुंठपुर नगरपालिका अध्यक्ष पद चुनाव अनहोनी के होनी होने जैसा। जिले से गई रिपोर्ट पर कलेक्टर बदल गए पर वास्तविक दोषी कौन जिसकी वजह से गया अध्यक्ष पद? भाजपाइयों को इंतजार खत्म पर कांग्रेसियों को इंतजार है रायपुर पहुंचे पर्यवेक्षकों रिपोर्ट के खुलासे का? कांग्रेसी अपनी हार की वजह जानने को है बेकरार हार की वजह मालूम है पर पर्यवेक्षक की रिपोर्ट से चाहते हैं पुष्टि। जीती बाजी हार चुकी सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने खुद से क्या की हार की समीक्षा? प्रदेश कांग्रेस कमेटी से भेजे गए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट का आखिर कब होगा खुलासा? कलेक्टर के तबादले के पीछे कहीं पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट तो वजह नहीं बनी? क्या हार की असल वजह कलेक्टर कोरिया की लापरवाही या पार्टी के भीतर ही अंतर्कलह। नगरपालिका चुनाव में हार के असली जिम्मेदारों पर कब होगी कार्यवाही उठ रहा सवाल।
कोरिया जिले की दो नगरपालिकाओं में संपन्न हुए चुनावों में वार्ड पार्षदों के हिसाब से भले ही सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के पास बहुमत से ज्यादा पार्षद चुनाव में जित दर्ज कर आये थे लेकिन जब अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव की बारी आई बैकुंठपुर नगरपालिका में बहुमत से दूर जा चुकी भाजपा ने अपना अध्यक्ष बना ले जाने में सफलता प्राप्त कर ली वहीं शिवपुर चरचा नगरपालिका में उपाध्यक्ष पद पर भी भाजपा ने बिना बहुमत अपना उपाध्यक्ष बना ले जाने मे सफलता प्राप्त कर ली। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की जिले में हुई इस तरह की नगरपालिका चुनावों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर बहुमत के बावजूद हुई हार को बड़ी हार मानते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तीन सदस्यीय पर्यवेक्षकों का दल जिला कोरिया भेजा गया जिसने कांग्रेस के सभी निर्वाचित वार्ड पार्षदों से बातचीत की उनका अलग अलग बयान दर्ज किया वहीं पार्टी के उन सभी लोगों का भी बयान दर्ज किया जिन्हें भी चुनाव में जिम्मेदारी मिली हुई थी या जो वरिष्ठ होने के नाते भी चुनाव में सक्रिय रहकर पार्टी का कार्य कर रहे थे। क्षेत्रीय विधायक सहित कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष तक का बयान दर्ज करने के बाद पर्यवेक्षकों का दल राजधानी तो लौट गया और वह अपनी समीक्षा रिपोर्ट भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंप चुका लेकिन अब समीक्षा में किसे किसे चुनाव में हार का जिम्मेदार माना गया है या किसी एक को ही जिम्मेदार माना गया इसको लेकर अब पार्टी के भीतर ही जिज्ञासा इस बात को लेकर बनी हुई है कि आखिर हार का कारण पर्यवेक्षकों ने किसे माना और कौन हार का समीक्षा उपरांत जवाबदेह निकला जिसपर कार्यवाही होगी। कलेक्टर के तबादले को भी नगरपालिका चुनावों से जोड़कर अब जिलेवासी देख रहें हैं और माना भी जा रहा है कि हार का पहला ठीकरा कलेक्टर का तबादला करके कलेक्टर पर फोड़ा गया क्योंकि कलेक्टर ने ज्यादा ही निष्पक्षता के साथ चुनाव कार्य संपादित कराया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक पहुंची पर्यवेक्षकों की जांच रिपोर्ट
जिले की नगरपालिकाओं में अप्रत्याशित हार को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच दल द्वारा बैकुंठपुर जिला मुख्यालय पहुंचकर कांग्रेस से निर्वाचित वार्ड पार्षदों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों साथ ही कार्यकर्ताओं का बयान नगरपालिका चुनाव के संदर्भ में एक एक करके दर्ज किया गया और पूरे बयानों की प्रति लेकर वहीं हार की वजहों की रिपोर्ट बनाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पर्यवेक्षकों द्वारा सौंप दी गई है और अब यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से बाहर आनी शेष है की रिपोर्ट में किसे दोषी माना गया है और कौन हार की असली वजह है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की रिपोर्ट का खुलासा होने का अब सभी को इन्तेजार है जिससे यह पता चल सके कि आखिर पर्यवेक्षकों ने सभी से वार्ता करके और सभी का बयान दर्ज करके किसे इस हार की असली वजह माना है और कौन उनके अनुसार सही मायने में दोषी है।
भाजपा के लिए अनहोनी होनी में तब्दील होने जैसा रहा जिले का नगरपालिका चुनाव
कोरिया जिले के दो नगरपालिकाओं में संपन्न हुए नगरपालिका चुनावों में भाजपा की स्थिति वार्ड पार्षदों के हिसाब से ऐसी रही कि भाजपा के लिए दोनों ही नगरपालिकाओं में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करने का विचार भी मन मे लाने का मतलब अनहोनी को होनी में तब्दील होते देखने जैसा प्रयास करना,लेकिन वही हुआ भी पार्षदों के हिसाब से बहुमत वाली कांग्रेस को जिला मुख्यालय के नगरपालिका अध्यक्ष पद से हांथ धोना पड़ गया वहीं शिवपुर चरचा नगरपालिका में उपाध्यक्ष पद भी भाजपा के खाते में चला गया। भाजपा हार कर भी जीत गई और कांग्रेस जीतकर भी हार तक पहुंच गई।
सत्ताधारी कांग्रेस के लिए होनी अनहोनी में तब्दील होने जैसा रहा नगरपालिका चुनाव
सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी जो पार्षदों के हिसाब से भी बहुमत में थी और सत्ता का भी उसके पास संरक्षण था के बावजूद जीत चुकी बाजी हराना होनी के अनहोनी में तब्दील होने जैसा रहा कांग्रेस के लिए। जिला मुख्यालय में अध्यक्ष पद से हांथ धोना पड़ा और शिवपुर चरचा में उपाध्यक्ष पद भी गवाना पड़ा और इसकी वजह क्या रही यह अभी भी स्पस्ट नहीं हो पा रहा है।
कलेक्टर कोरिया का तबादला भी नगरपालिका में हार की वजह से होने की हो रही चर्चा
कलेक्टर कोरिया के तबादले के बाद से यह भी चर्चा जिले में चल रही है कि हार का पहला ठीकरा कलेक्टर कोरिया पर फोड़ दिया गया है और कलेक्टर कोरिया के अल्प समय के जिले में कार्यकाल के बीच ही उनका तबादला केवल और केवल नगरपालिका चुनावों में हार की वजह से कर दिया गया जो शायद सत्ताधारी पार्टी के चुनाव जीतने पर नहीं किया जाने वाला तबादला होता यह भी लोग कहते सुने जा सकते हैं।
हार की वजहों में पार्टी की अंतर्कलह कितनी जिम्मेदार यह भी हो रही है समीक्षा
कोरिया जिले की नगरपालिकाओं में चुनावी परिणाम सत्ताधारी दल कांग्रेस के विपरीत आया और अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष पद पर बहुमत के बावजूद कांग्रेस को क्रमशः बैकुंठपुर और शिवपुर चरचा में हार का मुंह देखना पड़ा,और इसकी वजह क्या रही उसकी समीक्षा भी पार्टी ने कर ली है रिपोर्ट भी प्रस्तुत हो चुकी है लेकिन इसमें पार्टी की अंतर्कलह का कितना योगदान है इसको लेकर भी चर्चा जारी है और हार की मुख्य वजह पार्टी के अंतर्कलह को ही बताया रहा है जो सत्ता और संगठन के बीच सामंजस्य के आभाव के कारण उपजा अंतर्कलह है जिसे भी एक कारण माना जा रहा है।
हार की वजहों की समीक्षा उपरांत कार्यवाही का है इन्तेजार
सत्ताधारी दल कांग्रेस ने हार की समीक्षा करा ली है और अब हार का कारण और हार की मुख्य वजह और हार के जिम्मेदारों की पूरी जानकारी पार्टी के सज्ञान में आ चुकी है और अब पार्टी की तरफ से कार्यवाही का इन्तेजार है और यह भी इंतेजार है कि आखिर किसके ऊपर हार की गाज गिरती है और किसपर कार्यवाही होती है।