रामानुजगंज 16 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। बलरामपुर रामानुजगंज जिले के जनपद पंचायत कुसमी के अंतर्गत ग्राम पंचायत चांदो एवं मड़वा के सचिव के द्वारा दोनों पंचायतों में फर्जी रूप से 30 लाख रूपए गबन करने का आरोप लगाते हुए चांदो के सरपंच एवं उपसरपंच सहित ग्रामीणों के द्वारा बलरामपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई हैं। कलेक्टर को प्रेषित ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि ग्राम चांदो एवं मड़वा में सचिव का प्रभार एक ही व्यक्ति के पास है जिनके द्वारा ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंच एवं ग्रामीणों को गुमराह कर के बिना कोई प्रस्ताव पारित किए बिना कोई काम करवाएं 14 वें वित्त के खाते से जनपद में डाटा एंट्री आपरेटर से मिलीभगत कर छलपूर्वक सरपंच, डीएससी प्राप्त कर पीएमएफस के माध्यम से बसकेपी निवासी अपने पुत्र फर्जी वेंडर एवं पत्नी के खाते में लगभग 22 लाख रुपये अंतरण कराया गया। इसी प्रकार ग्राम पंचायत मड़वा में भी इनके द्वारा सरपंच का फर्जी रूप से डीएससी प्राप्त कर बसकेपी निवासी अपने पुत्र व फर्जी वेंडर व पत्नी के खाते में 10 लाख रुपए अंतरित किए गए। इसकी निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि संबंधित सचिव द्वारा ग्राम बसकेपी में सचिव रहने के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप में चार माह जेल भी काट चुके हैं। इधर ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में भी जनपद सीईओ एवं एसडीएम से सचिव के द्वारा की जा रही अनियमितता की शिकायत की गई थी परंतु इसके बाद भी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई जिसके बाद सचिव के द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया गया। ग्रामीणों ने कहा कि जनपद के अधिकारियों पर हमें भरोसा नहीं है जिला स्तर के अधिकारियों की टीम के द्वारा जांच की जानी चाहिए।
जिले में नियम विरुद्ध जनपद सीईओ कि नियुक्ति बना चर्चा का विषय
बलरामपुर जिले के कई जनपद पंचायत में नियम कानून को दरकिनार कर कई जनपद सीईओ अवैध रूप से पदासीन हैं जिससे अनुसूचित जाति जनजाति विकास विभाग के राजपत्रित अधिकारियों में आक्रोश व्याप्त है। गौरतलब है कि बलरामपुर जिला ट्राइबल जिले की श्रेणी में आता है और नियमानुसार ट्राइबल जिले में ट्राइबल विभाग का राजपत्रित अधिकारी ही जनपद पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बन सकता है परंतु बलरामपुर जिले के कुसमी विकासखंड के जनपद पंचायत में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी रणवीर साय अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठे हैं। शासन के नियमानुसार अनुसूचित जाति जनजाति विकासखंड में अनुसूचित जाति जनजाति विकास विभाग का राजपत्रित अधिकारी ही जनपद का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बन सकता है परंतु कुसमी विकासखंड पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी नियम विरुद्ध कब्जा जमाए बैठे हैं।