- सत्ता का सुख तो हम लेंगे,पर विपक्ष में मुंह बंद रखेंगे…पार्टी का कार्यक्रम कोई अटेंड नहीं करेंगे…सत्ता का सुख पूरा लेंगे
- अपने कार्यालय से राजनीति करेंगे पर जिले व प्रदेश के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होंगे…सत्ता आएगी तो चेहरे पर चमक भी आएगी
- राजनीति का उपयोग कहे या दुरुपयोग हमें खूब करना आता है क्योंकि हमें राजनीति का समीकरण बैठाने आता
-रवि सिंह-
कोरिया,19 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में राजनीति की बात की जाए तो कितनी निम्न स्तर की हो चुकी है, इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता,इसकी कोई सीमा भी नहीं बची है, शर्म तो है ही नहीं, क्योंकि राजनीति तो अपने लाभ के लिए आती है, अब लाभ के लिए की गई राजनीति से कितना शर्म की हो उम्मीद, यह है नेताओं की राजनीति लक्ष्य की प्रकाष्ठा। सत्ता रहेगी तो उसका सुख तो हम पूरा लेंगे पर जब सत्ता जाएगी तो हम विपक्ष की भूमिका में मुंह नही खोलेंगे, फिर सत्ता मिली तो हम ही तो दिलाए हैं फिर हम लाभ उठाएंगे, पर हम पार्टी के लिए सच्चे सिपाही का काम नहीं करेंगे, हमारी जिम्मेदारी कार्यालय से राजनीति करने की है, पार्टी के कार्यक्रम में शिरकत करने या उपस्थिति दर्ज करने की जिम्मेदारी नहीं। उम्र भले ज्यादा है पर राजनीति का तजुर्बा उससे भी ज्यादा,राजनीति के तजुर्बे में हमने सिर्फ लाभ की उम्मीद की है, बाकी सब तो पार्टी के झंडा ढोने वाली की जिम्मेदारी है। विपक्ष में जो झंडा ढोएगा, जो विरोध करेगा, उसकी सत्ता में पूछ नहीं है हमें तो राजनीति आती है, सत्ता का उपयोग करना आता है, हम तो लाभ काम आएंगे। नेता हैं हम दूजे किस्म के जैसा चाहेंगे वैसा करेंगे हम तो वरिष्ठ हैं अपनी मनमर्जी तो चलाएंगे। कौन रोकेगा हमें यह भी हम नगर पंचायत चुनाव में देखेंगे, अपनी तो हुकूमत बनी हुई है, हम ही पार्षद प्रत्याशी चुनेगे, हम ही होंगे अध्यक्ष के दावेदार, नहीं तो अपना अध्यक्ष उतरेंगे। कांग्रेसियों के साथ मिलकर अपना जन्म दिवस मनाएंगे, भाजपा के विधायक आए या ना आए, जिलाध्यक्ष आए या ना आए, हम तो जन्मदिन मनाएंगे, हमारी उपलब्धि इतनी है कि हम समय के साथ सब कुछ मैनेज कर लेंगे, क्योंकि हमें ही है सत्ता का ज्ञान और हमें ही है आपको अपने मुट्ठी में करने का अनुभव हैं, हम तो अपना मनमर्जी चलाएंगे। हमारी तो एक ही जिद है राजनीति उन लोगों को सिखाएंगे, जो मेहनत करके गला फाड़ के झंडा ढोके नहीं पाए और हम बैठे-बैठे सब पा कर दिखाएंगे। अपने क्षेत्र की राजनीति में हम तो माहिर हैं 10 पार्षदों को टिकट हम ही तय करेंगे, यह तो सबको पता है इसीलिए हाजिरी भी लोग हमारे पास ही लगाएंगे, नहीं लगी हाजिरी तो टिकट से अपना अधिकार गवाएंगे, तानाशाह तो नहीं है हम, पर तानाशाह से काम भी नहीं, राजनीति तो हमें आती है हम तुम्हें सिखाएंगे नहीं। समाज को मिलाकर राजनीति करेंगे, फिर नगर सरकार बनाएंगे और कार्यालय से बैठकर सारा संचालन करेंगे, हार गए तो जिम्मेदारी पार्टी की जीत गए तो हमारी। कांग्रेस के युवाओं को हम अपना बताएंगे, भाजपा के युवाओं तो तुम अपनी देख लो हम तो कांग्रेस की युवाओं के साथ मिलकर नगर सरकार बनाएंगे।