अम्बिकापुर,19 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोार महाविद्यालय अंबिकापुर में संस्था के प्राचार्य डॉक्टर रिजवान उल्ला के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में छाीसगढ़ी भाषा एवं सरगुजिहा बोली में नई कविता, कहानी, सुआ ,दरिया आदि रचनाओं को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में संस्था के प्राचार्य एवं अपर संचालक उच्च शिक्षा सरगुजा संभाग डॉ रिजवान उल्ला ने छाीसगढ़ी एवं सरगुजिहा बोली के अंतर को स्पष्ट किया। उन्होंने कार्यशाला में आए हुए रचनाकारों का उत्साह वर्धन करते हुए छाीसगढ़ी भाषा की रचनाओं की प्रशंसा की ।डॉ अनिल सिन्हा ने भी इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा आयोजित इस कार्यशाला की सराहना की।
सोन कुमारी सिंह ने अपनी रचना सरगुजिहा गीत (छोटे अकन गीत गाबो राजकर मोहाऊ,) गीत द्वारा सबका मन मोह लिया। चंदन चौहान ने अपनी रचना कविता (बरसात कर मौसम छत और छतरी बर तरसे ) प्रस्तुत किया।
कलावती सिंह ने अपनी रचना ( मैं छाीसगढ़ महतारी के करव बखान) प्रस्तुत किया।
सीमा तिवारी – सरगुजिया भजन, शशिलता- छाीसगढ़ी गीत, रोशनी सेन – कविता, बृजेश प्रजापति- करमा गीत तथा अन्य छात्र-छात्राओं एवं रचनाकारों ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
छाीसगढ़ी राजभाषा आयोग के सदस्य सरगुजा के प्रसिद्ध साहित्यकार रचनाकार एवं गायक श्री रंजीत सारथी जी , श्री विजय सिंह दमाली (हाय रे सरगुजा नाचे )के रचनाकार तथा माधुरी जायसवाल ने रचनाकारों की रचनाओं को सुना एवं मूल्यांकन किया।
कार्यक्रम का संचालन अजय गुप्ता एवं सोन कुमारी सिंह के द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी राजीव कुमार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डॉ अजय पाल सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। डॉ मानक टंडन जी शासकीय संगीत महाविद्यालय के शिक्षक हैं, उनकी रचना लेढवा का विमोचन इस कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा किया गया ।इस अवसर पर बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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