सूरजपुर@धान खरीदी महापर्वःकिसानों की मेहनत को मिल रहा समर्थन मूल्य का सम्मान

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22 नवंबर तक के लिए जारी हो चुके है 618 टोकन,धान उपार्जन केंद्रों में 3532.60 मीट्रिक टन धान खरीदी की संभावना
सूरजपुर,18 नवंबर 2024 (घटती-घटना)। जिले में इस बार समर्थन मूल्य में धान खरीदी महापर्व पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप किसानों की मेहनत का फल अब उनके हाथों तक पहुंचने लगा है। जिले में 14 नवंबर 2024 से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है, जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। किसानों के चेहरों पर रौनक और उनके दिलों में संतोष साफ झलक रहा है।
कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन के निर्देश पर किसानों की सुविधा के लिए धान खरीदी केंद्रों में सभी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जिले में धान खरीदी के पहले दिन ही किसानों ने धान खरीदी केंद्र पहुंचकर अपने धान को तौलकर समर्थन मूल्य में विक्रय किया। शासन के मंशानुरूप किसानों को पहले से ही टोकन जारी कर दिए गए, जिससे किसान आसानी से अपना धान का विक्रय कर सके। पहले दिन के लिए 11 धान उपार्जन केंद्र में कृषक बंधुओं के लिए 28 टोकन जारी हुए थे। जिसमें 26 ऑनलाइन व 02 ऑफलाइन मोड से जारी हुए थे। प्रथम दिवस 14 नवंबर के दिन इन टोकनों के माध्यम से 03 धान उपार्जन केंद्र द्वारा 40.72 मि्ंटल धान खरीदा गया। खाद्य अधिकारी श्री संदीप भगत द्वारा प्राप्त अंतिम जानकारी के अनुसार 22 नवंबर तक के लिए 618 टोकन कृषक बंधुओं के लिए जारी किये जा चुके हैं। जिसके विरूद्ध धान उपार्जन केंद्रो में 3532.60 मीट्रिक टन धान खरीदे जाने की संभावना है। इस बार प्रदेश सरकार द्वारा 3,100 रुपये प्रति मि्ंटल की दर पर प्रति एकड़ 21 मि्ंटल धान की खरीदी की जा रही है, जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहारा बनेगा। जिला प्रशासन ने धान खरीदी केंद्रों पर सुचारू और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। प्रत्येक केंद्र पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, ताकि खरीदी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
जिले के 54 केंद्रों को किसानों की सुविधा के अनुसार पूरी तरह तैयार किया गया है। हर केंद्र पर ऑनलाइन खरीदी के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर, इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र और बायोमैट्रिक उपकरण लगाए गए हैं। इन उपकरणों के संचालन के लिए कंप्यूटर ऑपरेटरों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। केंद्रों पर छाया, पेयजल, शौचालय और बैठने की उचित व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को धान बेचते समय किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। किसानों के लिए केंद्रों पर बैनर और पोस्टर के माध्यम से समर्थन मूल्य की जानकारी दी गई है। खरीदे गए धान के भंडारण के लिए डनेज और तारपोलिन की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा और भंडारण व्यय के लिए समितियों को अग्रिम राशि प्रदान की गई है। केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है, जिससे केंद्रों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, अवैध धान की बिक्री को रोकने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों को भी सक्रिय रखा गया है, जो सीमा क्षेत्रों पर निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन ने प्रत्येक केंद्र पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जो किसानों की समस्याओं को सुनने और हल करने का कार्य करेंगे। ये अधिकारी धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान केंद्रों की समस्त व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगे और किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत निराकरण करेंगे।


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