- फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वालों पर कार्यवाही के लिए दिव्यांग संघ लगा रहा गुहार
- जब तक मांगे नहीं होंगी पूरी तब तक लड़ेंगे लड़ाई चाहे मौत क्यों ना आ जाए: बोहित राम चंद्राकर
- पूर्व के आंदोलन के दौरान 6 बिंदुओं पर कार्यवाही करने का दिया था आश्वासन लेकिन एक महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ
- फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी पर भी है नौकरी करने का आरोप
-विशेष संवाददाता-
रायपुर,16 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ में वास्तविक दिव्यांग अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं,वहीं फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लेकर लोग वास्तविक दिव्यांगों का हक मार कर नौकरी कर रहे हैं, जिसका विरोध दिव्यांग संघ लगातार कर रहा है,पिछले बार भी वह आंदोलन पर बैठे हुए थे और दिव्यांग व्यक्ति सड़क पर स्वाभिमान पैदल मार्च निकाला था,इसके बाद सरकार ने उन्हें 15 दिन में उनकी सभी मांगे पूरा करने का आश्वासन दिया था,लेकिन यहां 15 दिन तो दूर महीने बीत गए पर उनके आश्वासन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसके बाद एक बार फिर दिव्यांग संघ 3 दिसंबर 2024 अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का बहिष्कार करेगा और उस दिन 80 से 90 प्रतिशत दिव्यांग लोग भी स्वाभिमान पैदल मार्च में सड़कों पर दिखेंगे, अब आप सोचिए कि दिव्यांगों को जो भगवान ने सताया है अब दिव्यांगों के नाम पर सेखी बघारने वाली सरकार भी उनके हकों का ख्याल नहीं रख रही है, हर साल अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस सरकार मनाती है और दिव्यांगों के योजनाओं व उनके अधिकारों पर लंबा चौड़ा भाषण देती है पर उनके अधिकारों को बचाने की तरफ उनका बिल्कुल भी रुख नहीं होता, ऐसा इस समय देखने को मिल रहा है क्योंकि वास्तविक दिव्यांग इस समय आंदोलन के लिए मजबूर हो गए हैं एक बार फिर दिव्यांग संघ आंदोलन पर जाने के लिए बाध्य है।
बता दे की छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने तीन दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के बहिष्कार का ऐलान किया है। दिव्यांगजन सीएम हाऊस तक पैदल मार्च भी करेंगे। दिव्यांग संघ के नेताओं का आरोप है कि फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे नौकरी पाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की जांच नहीं हो रही है। संघ ने दिव्यांग वंदन योजना सहित छह सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन का फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चंद्राकर ने मीडिया से चर्चा में कहा कि पीएससी से चयनित डिप्टी कलेक्टर, लेखाधिकारी, नायब तहसीलदार सहित कुल 25 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत हुई थी। इन सभी दिव्यांग सर्टिफिकेट की राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने बताया कि किसी की भी जांच नहीं की गई। जबकि सरकार के सभी विभागों, और निगम मंडलों में सीधी-संविदा भर्ती के विज्ञापनों में दिव्यांगजनों के आरक्षित पदों पर चयनित उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग से पहले संभागीय मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराना जरूरी है। चंद्राकर ने बताया कि इस दिशा में शासन स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया। इसी तरह दिव्यांग कोटे के बैकलाग पदों पर विशेष भर्ती अभियान के लिए विज्ञापन जारी करने की भी मांग की गई है। दिव्यांगजनों के लिए पांच हजार रूपए मासिक पेंशन, और पदोन्नति में आरक्षण के लिए कार्रवाई की भी मांग की गई। कोरोनाकाल के पहले स्व रोजगार के लिए दिव्यांगजनों के द्वारा लिए गए निशक्तजन वित्त निगम के कर्ज को माफ करने की मांग की गई है।
मांगे पूर्ण न होने से दिव्यांगजन दुखी एवं आक्रोशित
छ.ग दिव्यांग सेवा संघ प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चंद्रकार ने कहा की आज दिनांक तक मांगे पूर्ण न होने से हम सभी छ.ग. प्रदेश के दिव्यांगजन बहुत दुखी एवं आक्रोशित है। शासन हमारे साथ छलावा कर रही है हमारे राज्य में केवल 500 रू पेंशन दिया जा रहा है एवं चुनावी वाले प्रदेशो मे 2500 रू का घोषणा पत्र जारी कर रहे है यह शासन प्रशासन का दोगलापन है।
ऐसा होगा आंदोलन
दिनांक 03.12.2024 को सुबह 10 बजे मरीन ड्राइव से कलेक्टोरेट चौक होते हुए मुख्यमंत्री निवास तक दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च किया जावेगा। मांग पूर्ण होने पर दिनांक हमारे संघ के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी का आभार किया जावेगा। इस पैदल मार्च में 80 से 100 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति भी शामिल हो रहे है। यह पैदल मार्च धीरे धीरे चलेगा और 2 से 3 दिवस मे मुख्यमंत्री निवास पहुंचेगा। रास्ते मे जहाँ भी भोजन एव नाश्ता का समय होगा। रास्ते में ही रूक कर किया जावेगा। रात्रि विश्राम भी रास्ते में ही होगा। इस हेतू सभी दिव्यांग भाई बहनो से निवेदन है कि आप अपने साथ यथाशक्ति चावल दाल सब्जी अपने घर से लावे जब तक मांग पूरा नही होगा यह पैदल मार्च मांग पूरा होने तक चलेगा।
फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र पर नौकरी करने वालो का खुलासा किया था दिव्यांग संघ ने…
छ.ग. के समस्त दिव्यांग संघ के द्वारा दिनांक 26.07.24 एवं दिनांक 26.08.24 को प्रेसवार्ता कर छ.ग. मे फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र से नौकरी कर रहे लोगो के नाम का खुलासा करते हुए पेंशन एवं अन्य अधिकार एवं संरक्षण संबंधित बाते रखी गई थी। हमारे संघ के प्रतिनिधि मंडल उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरूण साव जी, श्री विजय शर्मा जी, मंत्री श्रीमति लक्ष्मी रजवाडे, श्री रामविचार नेताम, श्री ओ.पी. चौधरी एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से मिलकर अपने 6 बिंदु पर मांग रख चुके है। इसके बाद दिनांक 26.08.24 को माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा हमारे संघ के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा किया गया हमारे 6 बिन्दु के मांग को 1 माह के अंदर पूर्ण करने को आश्वासन दिया गया। जिसके बाद दिनांक 28.08.24 को रायपुर मे विशाल दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च स्थगित किया गया।
संघ की हैं 6 प्रमुख मांग
- 1. संघ के शिकायती पत्रो मे उल्लेखित छ.ग. पी.एस.सी से चयनित 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखा अधिकारी,3 नायब तहसीलदार 2 सहकारिता निरिक्षक, 3 पशु चिकित्सक सहित लगभग 25 लोगो का शिकायत शासन प्रशासन के समक्ष किया गया है। कृषि विभाग के 52 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी,उद्यान विभाग के 11 ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, मुंगेली जिला के 39 अधिकारी कर्मचारी, जल संसाधन विभाग के लगभग 10 उपअभियंता, लोक निर्माण विभाग के लगभग 15 उपअभियंता 3 कृषि शिक्षक इत्यादि समस्त संभावित फर्जी दिव्यांगजनो का संभाग / राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराकर फर्जियो को तत्काल बर्खास्त किया जावे, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र छ.ग. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक दिनांक 29.05.23 एवं 22.06.23, समाज कल्याण विभाग के 08.05.2019, एवं 22.09.2 4 निम्नानुसार सुधार हो, उसके स्थान पर एक नया समेकित परिपत्र सामान्य प्रशासन विभाग से कराये जिसमे लिखा हो कि- एक छ.ग. शासन के सभी विभागो एवं निगम मंडलो मे सीधी / संविदा भर्ती के विज्ञापनो मे अंकित हो कि दिव्यांगजनो के आरक्षित पदो पर चयनित उम्मीदवारो का ज्वाइनिंग के पूर्व संभागीय मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराना अनिवार्य है। दिव्यांगता 40 प्रतिशत या अधिक होने पर ही ज्वाइनिंग कराया जावे। किसी प्रकार के शपथ पत्र के आधार पर ज्वाइनिंग नही कराया जावेगा। केवल स्थायी दिव्यांग प्रमाण पत्र मान्य होंगे। 1.1.19 के बाद दिव्यांगजनो के आरक्षित पदो पर चयनित उम्मीदवारो के दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण संभागीय मेडिकल बोर्ड / राज्य मेडिकल बोर्ड से एक माह के भीतर कराया जावे। इस हेतू प्रत्येक जिला मे संयुक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाकर सभी विभागो से उस विभाग मे दिव्यांगता के आधार पर कार्यरत अधिकारी कर्मचारी के सूची मंगाकर उसमे से 1.1.19 के बाद नियुक्त समस्त दिव्यांगो एवं उसके पहले का शिकायत के आधार पर संभागीय मेडिकल बोर्ड / राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच कराया जावे। संभागीय मेडिकल बोर्ड के फैसले से व्यथित व्यक्ति/संघ राज्य मेडिकल बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है। फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने साबित होने पर संबंधित डॉक्टर के लाइसेंस निरस्त कर 5 साल सजा एवं 50 लाख जुर्माना का प्रावधान हो। फर्जी दिव्यांग साबित होने पर संबंधित पर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के धारा 91 के तहत कार्यवाही किया जावेगा।
- 2. समस्त विभाग मे दिव्यांग कोटे के बैकलॉग पदो पर विशेष भर्ती अभियान विज्ञापन जारी किया जावे। परिपत्र जारी किया जा चुका है।
- 3. दिव्यांगजनो दिव्यांग वंदन योजना बनाकर प्रतिमाह 5000 रू मासिक पेंशन दिया जावे एवं बी0पी0एल0 की बाध्यता खत्म की जावे। यह राशि आंध्रप्रदेश मे 6000,तेलंगाना मे 4072, गोवा मे 3500 दिल्ली में 2500 है।
- 4. 21 वर्ष से अधिक आयु के अविवाहित दिव्यांग युवती को महतारी वंदन योजना मे शामिल किया जावे।
- 5. शासकीय पदो पर नियुक्त दिव्यांग शासकीय अधिकारियो-कर्मचारियो को पदोन्नती पर प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है जिसे कोई विभाग पालन नही कर रहा है। शासन के निर्धारित मापदंड अनुसार 3 प्रतिशत पदो पर 1.11.2000 से पदोन्नत पदो की गणना कर तत्काल उसके 3 प्रतिशत पर तत्काल पदोन्नती प्रदान करे। इस हेतू परिपत्र जारी किया जावे।
- 6. कोरोना काल के पूर्व के स्वरोजगार हेतू दिव्यांगजनो के द्वारा लिए गए निःशक्त विा निगम के कर्ज माफ किया जावे।