- महिला बाल कास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का सिर्फ चचेरा व सगे भाई ही बैनर पोस्टर का उठा रखे हैं जिम्मेदारी?
- मंत्री का चचेरा भाई होने के नाते क्या रहा है निर्माण कार्य?
- डेढ़ साल पहले मंत्री के चचेरे भाई का भाजपा में हुआ था उदय…बनाया गया था युवा मोर्चा का महामंत्री
-रवि सिंह-
सूरजपुर/कोरिया,15 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। सूरजपुर जिला कोरिया का पड़ोसी जिला है और इसी जिले से आती हैं भटगांव विधायक एवं छत्तीसगढ़ की कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े,लक्ष्मी राजवाड़े को पहली बार भाजपा से भटगांव विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिला और किस्मत की धनी थी कि वहां से उन्होंने जीत भी दर्ज कर लिया और प्रदेश में उन्हें कैबिनेट में जगह भी मिला और उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया,पर पहली बार में ही कैबिनेट में जगह मिलने की वजह से इन्हें वह लोकप्रियता नहीं मिली जो लोकप्रियता मिलनी थी,कहा जाए तो उन्हें राजनीतिक तजुर्बा उतना नहीं था जितना कई बार के विधायकों में,आज भी उन्हें आलोचनाओं का शिकार होना पड़ता है,उसकी वजह सिर्फ यह है कि वह भी कुछ लोगों के इर्द-गिर्द ही अपनी राजनीति को देखती हैं,जिस कारण उन्हें लोकप्रियता के बाजार में आलोचना का शिकार होना पड़ता है,जहां एक कैबिनेट मंत्री का जनाधार वाली मंत्रियों में शुमार होना चाहिए था,पर जहां उनके 1 साल के कार्यकाल बीतने को है पर वह अपना जनाधार बन पाने में अभी तक असफल है, उनका जनाधार पहली बार में ही बढ़ाना था और लोगों के बीच जाकर अपनी उपलçधयां दिखानी थी, जिसमें वह अभी तक सफल नहीं हो पाई हैं, आगे कैसा रहेगा यह तो समय बताएगा, जनाधार वाले नेता न बन पाने की मुख्य वजह है कुछ लोगों के इर्द-गिर ही रहना। स्थिति तो यह है कि अपने जिला में तो वह अपनी लोकप्रियता खो ही रही हैं, पड़ोसी जिलों में भी उनकी लोकप्रियता नहीं है, जो कई बार देखने को मिलता है, जो हाल ही में उनके जन्म दिवस पर भी देखने को मिला, कोरिया जिले में जहां उनके समर्थकों को कैबिनेट मंत्री के जन्मदिन पर शहर को बैनर पोस्टर से पाट देना था,वहां स्थिति यह थी कि उन्हें बधाई देने वालों की भी कमी देखने को मिली, सिर्फ कोरिया जिले में लगता है कि उनका एक ही समर्थक है वह भी उनका चचेरा भाई व सगा भाई जो उनके नाम का बैनर पोस्टर लगता है।
लक्ष्मी राजवाडे का जन्मदिवस यानी की 10 अक्टूबर को यादगार तरीके से उनके समर्थकों को मानना था पर ऐसा होता नहीं दिखा, जैसा कि कुछ दिन पहले पड़ोसी जिले के कैबिनेट मंत्री यानी कि श्याम बिहारी जायसवाल के जन्म दिवस पर देखने को मिला था, क्या लक्ष्मी राजवाडे के पास कैबिनेट तो है पर विभाग बड़ा नहीं है इस वजह से उनकी लोकप्रियता पर प्रश्न चिन्ह लग रहा? सूरजपुर में बैनर पोस्टर तो लगाए पर बैनर पोस्टर में भी गुडबाजी जमकर देखी गई, वही उनके लिए कोई ऐसा भव्य कार्यक्रम नहीं रखा गया, जो उनके जन्म दिवस पर होना चाहिए था, जब अपने ही जिले में उनका जन्म दिवस भव्य तरीके से नहीं मनाया जा सका तो फिर पड़ोसी जिले में तो स्थिति यह थी कि उनके समर्थक की संख्या ही एक का दुका ही कहा जा सकता है, कोरिया जिले के पटना क्षेत्र में दो चार बैनर पोस्टर देखने को मिले वह भी उनके चचेरे भाई विजय राजवाड़े व सगे भाई संजय राजवाड़े ने लगवाई और अपनी दीदी को बधाई दी। जन्मदिवस को भाव दिखाने के लिए कुछ सूरजपुर के समर्थक वीडियो क्रिएटर के माध्यम से दिखाने का प्रयास तो किया पर वह भी असफल ही साबित हुआ सिर्फ जिला अध्यक्ष गुटकी दिलचस्पी ही लक्ष्मी राजवाड़े के जन्मदिन मनाने में देखने को मिली।
क्या कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के विभाग से सिर्फ महतारी वंधन का भुगतान हो रहा?
सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट मंत्री महिला बाल विकास लक्ष्मी राजवाड़े के द्वारा अपने ही विभाग में काम नहीं हो पा रहा है क्योंकि उनके विभाग का जो भी फंड है वह महतारी वंदन के भुगतान में ही खर्च हो रहा, ऐसे में सवाल यह उठता है कि फिर वह उसे विभाग की मंत्री सिर्फ क्या महतारी वंदन का भुगतान करने के लिए बनी है या फिर उनके विभाग के बाकी काम भी हो पाएंगे?
इनके कैबिनेट मंत्री बनने से क्षेत्र को कोई बड़ी उपलब्धि नहीं मिली
इन्हें मंत्री बने एक साल होने को है पर अभी तक उनके क्षेत्र में ही उनकी उपलब्धि नहीं दिख पाई है, अब जब उनके क्षेत्र में ही उपलब्धि इनकी नहीं दिख रही है तो फिर पूरे प्रदेश में इनकी क्या उपलब्धि होगी? यह भी सोचनीय विषय बना हुआ है, उनके मंत्री बनने को लेकर प्रदेश तो दूर उनके संभाग में ही उत्साह नहीं देखा जा रहा, खासकर उनके गृह जिला सहित उनके विधानसभा में, सिर्फ उनके विधानसभा में यदि कुछ चल रहा है तो वह है चिट फंड चल रहा है। उनके विधानसभा का एक व्यक्ति लोगों का करोड़ों रुपए लेकर फरार चल रहा है पर उसकी गिरफ्तारी भी महज खाना पूर्ति पर सिमट चुकी है।
कैबिनेट मंत्री का खुद का विभाग अच्छे तरीके से नहीं चल रहाःसूत्र
कैबिनेट मंत्री का महिला बाल विकास विभाग भी कोई छोटा-मोटा विभाग नहीं है इस विभाग में भी कई योजनाएं हैं जिनका सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा, यह विभाग इस समय ऐसा लग रहा है कि किसी खराब दौर से गुजर रहा है। सिर्फ इस विभाग में कमीशन ही चल रहा है वह भी फंड न आने की वजह से धीरे हो गया है।
स्वेच्छा अनुदान भी भाई-भतीजा वाद में सिमट गया था
उनकी पहली स्वेच्छा अनुदान सूची में असहाय और गरीब तबके के लोग नहीं उनके घर परिवार के ही कई लोग थे, जो तकरीबन दो से तीन लाख उनके नाम से जारी हुए थे, स्वेच्छा अनुदान की राशि काफी महत्वपूर्ण राशि होती है जो किसी भी विधायक मंत्री के द्वारा अक्षम लोगों को दिया जाता है पर यहां तो पूरे परिवार में ही इस राशि को बांट दिया गया था जैसा सूची में देखने को मिला।
क्या चचेरे भाई है सुपर मंत्री?
सूत्रों का दावा है कि कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का कई काम उनके चचेरे भाई विजय राजवाड़े के द्वारा देखा जा रहा है, विजय राजवाड़े इस समय ऐशो आराम की जिंदगी काट रहे हैं, महंगे मोबाइल फोन व रहन-सहन में भी परिवर्तन आ गया है, ऐसा सिर्फ मंत्री बनने के बाद ही आया है किसी भी काम के लिए इस समय लोग विजय राजवाड़े को खोजते हैं तब जाकर मंत्री तक पहुंच पाते हैं, विजय राजवाड़े का काम पूरा रायपुर तक संभाल रहे ऐसा सूत्रों का दावा है। विजय राजवाड़े इस समय सुपर मंत्री से कम नहीं है ऐसा कब चर्चओं में है।