@कविता@चल तू लक्ष्य का संधान कर

Share

चल तू लक्ष्य का संधान कर
इस समय को बर्बाद मत कर
ये समय नहीं आएगा लौटकर
अपने सपने को जरा याद कर
चल तू लक्ष्य का संधान कर।
अपने हौसले को बुलंद कर
सब कुछ तुझे हासिल होगा
मेहनत पर जरा विश्वास कर
चल तू लक्ष्य का संधान कर।
किस बात का है तुझको ग़म
मंजिल की ओर बढ़ा कदम
लक्ष्य नहीं है तुमसे ज्यादा दूर
चल तू लक्ष्य का संधान कर।
मत बैठ हाथ में हाथ रखकर
चल उठ मंजिल की ओर बढ़
दुनिया को दिखा कुछ बनकर
चल तू लक्ष्य का संधान कर।
श्याम सुंदर साहू
राजिम,गरियाबंद,छत्तीसगढ़


Share

Check Also

लेख@ प्रेरणा के स्रोत हैं भगवान श्री राम

Share प्रेरणा का सबसे अच्छा उदाहरण वाल्मीकि कृत श्री रामचरितमानस के किष्किन्धा काण्ड में देखा …

Leave a Reply