प्रतापपुर@दवनकरा समिति प्रबंधक पर किसानों का गंभीर आरोप:फर्जी आहरण कर लाखों का किया घोटाला…कार्रवाई न होने से प्रशासन के प्रति आक्रोश…

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विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन,निष्पक्ष जांच की मांग

प्रतापपुर,07 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दवनकरा के समिति प्रबंधक संतोष नाविक पर किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। किसानों का कहना है कि संतोष नाविक ने कई किसानों के फर्जी हस्ताक्षर कर उनके खातों से लाखों रुपये का गमन किया है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे किसानों में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त हो गया है।
किसानों का आरोप:फर्जी हस्ताक्षर से हुआ लाखों का गमन
ज्ञापन में किसानों ने आरोप लगाया है कि समिति प्रबंधक संतोष नाविक ने ग्राम पंचायत सेमराखुर्द के किसान राजाराम और बृजमोहन के नाम से धान बिक्री से संबंधित कुल 154,500 रुपये की राशि को फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से निकाल लिया। इस मामले की शिकायत चन्दौरा पुलिस थाना में की गई, और एफआईआर भी दर्ज की गई, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इससे किसान बेहद निराश और परेशान हैं। साथ ही,ग्राम पंचायत केंवरा के किसान मंगलसाय के नाम से सहकारी बैंक प्रतापपुर से 106,250 रुपये का कर्ज निकाले जाने का भी आरोप लगाया गया है। हालांकि, शिकायत के कुछ समय बाद उक्त कर्ज राशि किसान के खाते में वापस जमा कर दी गई, लेकिन इससे किसानों का विश्वास प्रशासन और बैंकिंग प्रणाली से उठ गया है।
खाद वितरण में भी हुआ घोटाला, किसानों से की गई अवैध वसूली
किसानों का कहना है कि संतोष नाविक ने खाद वितरण के दौरान भी फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने किसानों से शेयर के नाम पर पैसे वसूले, लेकिन किसानों को कोई पावती नहीं दी गई। इस अवैध वसूली से किसानों को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ बल्कि उनका विश्वास भी प्रशासन और समिति पर से उठने लगा।
फर्जी धान बिक्री और अन्य आरोप
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2019-20 में समिति प्रबंधक ने अपने नाम पर करीब 119 मि्ंटल धान फर्जी तरीके से बेच दिया था। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जनदर्शन में की गई थी और जांच के दौरान यह आरोप सही पाए गए थे, लेकिन फिर भी अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा, इफको और यूरिया खाद वितरण में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है, लेकिन विभाग के उच्चाधिकारी की मिलीभगत से मामले को रफादफा कर दिया गया।
किसानों का कहना है कि यदि निष्पक्ष जांच की जाती है तो करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हो सकता है।
किसान चाहते हैं समिति प्रबंधक की बर्खास्तगी
किसान अब आंदोलन की धमकी दे रहे हैं और समिति प्रबंधक संतोष नाविक को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि समिति प्रबंधक को हटाया नहीं गया और मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 2024-25 के धान खरीदी सत्र की शुरुआत में किसान पहले ही कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, और ऐसे में अगर संतोष नाविक समिति में बने रहे तो उन्हें और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की अपील
ज्ञापन में किसानों ने कलेक्टर से यह अपील की है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाएं और किसानों के साथ हो रहे शोषण को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करें। किसानों का कहना है कि वे अपनी मेहनत की फसल का उचित मूल्य प्राप्त करने के हकदार हैं, और प्रशासन को उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इस गंभीर मुद्दे को लेकर अब किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और वे संतोष नाविक के खिलाफ कार्रवाई की मांग में लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। यदि प्रशासन ने इस पर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बड़े आंदोलन की संभावना जताई जा रही है।


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