खड़गवां@वाणिज्य कर विभाग सो रहा है कुंभकर्णी नींद में और इधर हो रही है करोड़ों रुपये के राजस्व की चोरी

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पंचायतों में लगे कागजी फर्मो के बिल जांच के नाम पर कागजी कोरम पूरा


-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,07 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)।
लाखों रुपये का टर्नओवर करने वाली फर्म नियम के अनुसार कोई स्टॉक डिटेल लेजर कैशबुक संधारण नहीं कर रहा है जिले की लगभग ग्राम पंचायतों में निर्माण सामग्री के नाम पर कागजों में संचालित हो रही फर्मो का वाणिज्य कर विभाग में रजिस्ट्रेशन जिस सथान पर किया गया है वहां पर किसी प्रकार की कोई फर्म एवं दुकान संचालित नहीं है।
जिले का वाणिज्य कर विभाग के सुस्त रवैये से बीते विगत पांच सालों में शासन को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति पहुचाई जा रही है पंचायतों में फर्जी फर्मो से खरीदी दिखाकर जहां शासन को चूना लगाने में फर्म संचालको की पूरी मदद की है वहीं वाणिज्य कर विभाग द्वारा संभवतः उक्त फर्मो के सटाक डिटेल लेजर कैशबुक संधारण सहित अन्य दस्तावेजों की पडताल ही नहीं की जिले में एवं विकास खड खडगवा मे सैकड़ों ऐसी फर्में संचालित है जिन्होंने एक बार जीएसटी नंबर लिया उसके बाद और लाखो रूपये की सपलाई पंचायत में कर दी मजे की बात तो यह है कि वाणिज्य कर विभाग मे उक्त फर्मो का रजिस्ट्रेशन निरस्त हो चुका है इसमे वाणिज्य कर विभाग के जिमेदारो को देखने का समय मिला और ना ही पंचायत एवं जनपद सहित जिले में बैठे जिमेदारो ने देखने की जरूरत नहीं समझी।
करोड़ों रुपये की टैक्स की हुई चोरी
जिले एवं विकास खंड में सैकड़ों फर्म संचालक है जिन्होंने सिर्फ फर्मो का रजिस्ट्रेशन कराया जिसका धरातल पर कोई अता-पता नहीं है। पिछले 6 सालो मे ग्राम पंचायतों में फर्जी फर्मो से जमकर खरीदी की गई हैं कथित फर्मो ने जहां पंचायतों की खरीदी बिक्री की जाच कब हुई यह तो विभाग ही जानेगा लेकिन पंचायतों द्रारा खरीदी गई सामग्री और बिल का मिलान किया जाये तो पंचायत के माध्यम से बडे भ्रष्टाचार का भांडाफोड़ हो सकता है।
टैक्स एवं जीएसटी का कोई जिक्र ही नहीं किया गया
इस दौरान पंचायतों में लगे बिल एवं बिलों के किए गए भुगतान के बिलो पर नजर डाले तो विभिन्न फर्में संचालक ने इस दौरान कोई ऐसी समाग्री नहीं है जिसका बिल पंचायतों में सरपंच सचिवो के द्वारा अपने सगे संबंधियों के नाम से जीएसटी का नंबर करोड़ों रुपये का बिल पंचायतों में लगाए गए हैं। यह अलग बात है कि करोड़ों रुपये की बेची गई समाग्री का बिल लगाने वाले दुकानदार ने कही से खरीदी ही नहीं उसके बाद अपने खातो मे फर्जी भुगतान करा लिया गया है साथ ही निर्माण समाग्री कि खरीदी हुई बिलो से शासन को मिलने वाली जीएसटी टैक्स तक जमा नहीं किया गया है कईयो के जीएसटी नंबर बंद होने के बाद भी ग्राम पंचायतों मे लाखो रूपये के बिलो का उपयोग कर राशि आहरण कि जा रही है लेकिन वाणिज्य कर विभाग ने इस मामले में जाच करने की जरूरत ही नहीं समझी इस संबंध में जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि ऐसी फर्मो की जाच कर ऐसे फर्म संचालको द्रारा की गई जीएसटी की चोरी पर कार्य वाही हो जिससे आने वाले समय में कर चोरी पर रोक लग सके।


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