कोरबा,06 नवम्बर 2024 (घटती-घटना)। कोरबा जिले के जंगल,वन विभाग के चंद मैदानी और भ्रष्ट कर्मचारियों के लिए चारागाह बना हुआ हैं। जिले के कटघोरा वन मंडल क्षेत्र में मामले अक्सर उजागर होते रहे हैं। कालांतर में घोटाले की फाइल तो दबाई जाती रही है वहीं पौधरोपण,बोर खनन घोटाला की जांच के नाम पर लीपापोती एसडीओ स्तर के अधिकारी भी कर रहे हैं। अब ताजा तरीन मामला पाली वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुरली बीट के जंगल का उजागर हुआ है। जहाँ नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों की मिली भगत से यह कारनामा हुआ है,आखिर किसके सह पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ? यह जांच का विषय है। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि विाीय वर्ष में मुरली के जंगल में तीन तालाबों के निर्माण/खनन की स्वीकृति मिली थी। वन्यप्राणियों के लिए तीन अलग-अलग जगह पर तालाब खोदे जाने थे लेकिन 45 से 50 लाख के लगभग की राशि वाले इन तीन तालाबों को खोदने की बजाय मात्र एक तालाब का खनन आधी राशि खर्च कर कराया गया और दो तालाब कागज में ही बना दिए गए। इस घपले में पाली रेंजर की भूमिका पूरी तरह से संदेहास्पद बनी हुई है, तो उनके इस कार्य को कराने में डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड ने साथ दिया है। डिप्टी रेंजर का तबादला हो चूका हैं और बीट गार्ड हाल हि मे परीक्षा में सफल होने के बाद रिजाइन की तैयारी मैं हैं। विश्वासी सूत्र की मानें तो इन तीनों की मिलीभगत से करीब एक करोड़ रुपए की चपत कागजों में तालाब बनाकर विभाग और सरकार को लगाई गई व राशि आहरण कर बन्दरबांट कर ली गई। आवश्यकता है कि तालाब निर्माण की जांच गंभीरता से कराई जाए, ताकि इस बात की हकीकत सामने आ सके कि मुरली बीट के जंगल में तीन तालाब कहां-कहां खोदे गए हैं या सिर्फ एक ही तालाब अस्तित्व में लाया गया है। वैसे पाली रेंजर ने दो और बड़े कारनामे कर विभाग व सरकार के लाखों रुपये गबन किये हैं,जिन्हें आगामी दिनों में उजागर किया जाएगा।
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