चिरमिरी@नई पीढि़यों को अपने दादा-दादी व बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए:पॉल उदय

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चिरमिरी 27 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। केंद्रीय विद्यालय चिरमिरी में शनिवार को दादा-दादी, नाना-नानी दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत छात्रों के द्वारा दादा-दादी, नाना-नानी को तिलक और अक्षत लगाकर उनके स्वागत के साथ हुई। तत्पश्चात विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य श्री पॉल उदय अरोंग के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गई। इसके उपरांत विद्यालय के प्राथमिक वर्ग के बच्चों ने शानदार स्वागत गीत दादाजी की छड़ी हूँ मैं गाने पर नृत्य करके बच्चों ने यह संदेश दिया कि उनके जीवन में दादा-दादी का होना कितना आवश्यक है। उनके बिना उनका बचपन अधूरा है और जब भी उनको सहारे की जरूरत पड़े तो हम बच्चों को उनकी छड़ी बनकर खड़ा होना चाहिए। इसी क्रम में प्राचार्य श्री अरोंग द्वारा स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम में मौजूद बच्चों के दादा-दादियों के प्रति सम्मान व कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि दादा-दादियों का स्नेह एवं आशीर्वाद बच्चों की असल पूँजी है। नई पीढि़यों को अपने दादा-दादी व बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। इस दौरान प्राचार्य ने इस बात पर विशेष ध्यान केंद्रित किया कि दादा-दादी एवं नाना-नानी द्वारा सिखाए गए जीवन के सबक किसी भी पुस्तकों को पढ़कर नहीं सीखा जा सकता है। वे अपने अनुभव और समझ की वजह से नई पीढि़यों को आगे बढ़ाने में सदैव मार्गदर्शन करते हैं। इस दौरान दादा-दादी नाना नानी के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया इसमें विजयी होने वालों को प्रभारी प्रधानाध्यापिका श्रीमती आशा एवं अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान कई दादा-दादी और नाना-नानी ने अपने जीवन के अनमोल अनुभव साझा किए साथ ही इस आयोजन के लिए विद्यालय परिवार का आभार जताते हुए ऐसे आयोजन आगे भी करते रहने का आग्रह किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुश्री बी नागवंशी, सुश्री सुमन, सुश्री प्रतिष्ठा त्रिपाठी, सुश्री सविता, संजय कुमार,अमित कुमार, सुमित समेत प्राथमिक वर्ग के सभी शिक्षकों, शिक्षिकाओं का इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री कोमल शर्मा एवं आभार प्रदर्शन प्रभारी प्रधानाध्यापिका श्रीमती आशा द्वारा किया गया।बच्चों को बुजुर्गों की सेवा करके आशीर्वाद लेने प्रेरित किया- इस दौरान प्राइमरी सीसीए प्रभारी सुश्री कोमल शर्मा ने दादा- दादी और नाना- नानी को परिवार का संरक्षक बताते हुए समाज में उनकी चिर प्रासंगिकता के महत्व को रेखांकित कर आज के परिपेक्ष्य में बुजुगों की अहमियत पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों को बुजुर्गों की सेवा करके आशीर्वाद लेने हेतु प्रेरित किया।


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