रेत के अवैध खनन व परिवहन के सामने बौना हुआ जिला प्रशासन
-बागी कलम-
अनूपपुर,22 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। जिले भर में इस समय एक दर्जन से ज्यादा जगह पर रेत माफियाओं के द्वारा खुलेआम अवैध खनन किया जा रहा है। जहां इस मामले में बिजुरी थाना नंबर वन पर है वही कोतमा और अनूपपुर कोतवाली भी अवैध खनन के मामले में इस दौड़ में शामिल हो चुके हैं। कोतमा थाना अंतर्गत गढ़ी की घटना को भले ही पुलिस गंभीरता से नहीं लिया लेकिन सच यही है कि अब जिले की पुलिस रेत माफियाओं के आगे नतमस्तक हो गई है तो गलत नहीं है। फिलहाल जिले के पुलिस कप्तान के बार-बार दिशा निर्देश के बावजूद अवैध खनन का न रूक पाना कहीं ना कहीं इस बात का संकेत दे रहा है कि जिले के रेत माफियाओं को साा के कुछ बड़े नेताओं का इस तरह से संरक्षण प्राप्त है कि रेत माफिया पुलिस से दो-दो हाथ करने में भी संकोच नहीं कर रहे हैं। वहीं इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में रेत का अवैध खनन रोकने के लिए जिम्मेदार समझे जाने वाले खनिज विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी किसी से छिपी नहीं है।
थमने का नाम नहीं ले रहा बिजुरी में रेत माफियाओं का यह खेल
वैसे तो पूरे जिले के कोने-कोने में अवैध रेत खनन को लेकर सोशल मीडिया में खबरों की भरमार है लेकिन कोतमा और बिजुरी में काफी हो हल्ला मचने के बावजूद भी माफियाओं का यह काला कारोबार रुकने की जगह दिन दूनी रात चौगुनी की रफ्तार से बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे जहां पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं वही खनिज विभाग की नाकामी और रेत माफियाओं को दबी जुबान से साा का संरक्षण मिलना भी जिम्मेदार माना जा रहा है। विशेष कर जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत जिस तरह खुलेआम रोजाना आधा सैकड़ा ट्रैक्टर ट्रालियों से अवैध रेत का परिवहन हो रहा है वह इस बात को प्रमाणित कर रहा कि बिना साा पक्ष के संरक्षण के यह खुला खेल संभव नहीं है। यही नहीं रात के अंधेरे की बात ना की जाए तो दिन के उजाले में भी रेत माफिया जिस तरह से अवैध खनन और परिवहन कर रहे हैं इसके बावजूद बिजुरी पुलिस की लाचारी कहा जाए या हिस्सेदारी लेकिन सच यही है कि रेत माफियाओं के इस काले धंधे के प्रति पुलिस की चुप्पी कई सवालिया निशान खड़े कर रही हैं।
अवैध खनन की जगहों को चिन्हित कर वैध खदान घोषित किया जाए
यहां पर यह विशेष उल्लेखनीय तथ्य है कि मध्य प्रदेश सरकार के खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश भर में अवैध रेत खनन पर लगाम लगाने के लिए इस बात के प्रस्ताव पर चर्चा की थी। जहां-जहां जिस जिस जगह पर नदियों के किनारे अवैध रेत का खनन हो रहा है ऐसी जगहों को चिन्हित करके उस जगह को रेत की खदान घोषित कर दिया जाए और उसे उसे जिले के रेत ठेका लेने वाली कंपनी के हैंडोवर कर दी जाए जिससे अवैध रेत खनन पर लगाम लगाई जा सके। लेकिन अनूपपुर जिले के खनिज विभाग में अवैध रेत खनन के लिए चिन्हित और विवादित जगह को रेत की खदान स्वीकृत करने के लिए कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखाई। यही मुख्य कारण है कि अब हम लोग और खनन कार्य से जुड़े कारोबारी भी इस बात को स्वीकार करने लगे हैं कि जिले का सबसे भ्रष्ट खनिज विभाग जानबूझकर अवैध खनन हो रही जगहों को सरकारी रेत खदान घोषित कराने के लिए कोई कदम इसलिए नहीं उठाया की उक्त जगह पर हो रहे अवैध खनन में रेत माफियाओं के साथ खनिज विभाग की भी एक प्रमुख हिस्सेदारी पर अंकुश न लग जाए।