मनेन्द्रगढ़@एमसीबी जिला बनने के बाद भी अधूरी सुविधाएं ऐसे में कैसे मिलेगा संपूर्ण विकास?

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मनेन्द्रगढ़,21 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया से अलग होकर एक नवीन जिला के रूप में अस्तित्व में आया है। जिले का गठन आम नागरिकों की सुविधाओं और विकास की उम्मीदों के साथ किया गया था, ताकि स्थानीय समस्याओं का तेजी से समाधान हो सके और प्रशासनिक सेवाओं में सुधार हो। हालांकि, यह देखा जा रहा है कि जिला बनने के बाद भी कई मूलभूत समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, जो नागरिकों के लिए चिंता का विषय हैं। प्रशासनिक दृष्टिकोण से देखें तो अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति हो चुकी है, लेकिन आम जनता के लिए आवश्यक सेवाओं में अभी भी कई कमियां हैं। विशेष रूप से, पुलिस प्रशासन में पुलिसकर्मियों की कमी और यातायात व्यवस्था का बुरी तरह से प्रभावित होना प्रमुख मुद्दे हैं। पुलिस बल की पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण कानून व्यवस्था में भी ढीलापन देखा जा सकता है। इसी तरह, यातायात व्यवस्था का सुचारू न होना आम नागरिकों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा है। आम नागरिकों की शिकायतें जिला प्रशासन के पास पहुंच रही हैं, लेकिन उनके समाधान में देरी हो रही है। इसका मुख्य कारण प्रशासनिक प्रक्रियाओं का ठीक से न चल पाना और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी हो सकता है। एक संपूर्ण जिला का स्वरूप तब दिखेगा, जब प्रशासन न केवल अधिकारी-कर्मचारी नियुक्ति में बल्कि नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं में भी सुधार करेगा। जिले के विकास के लिए आवश्यक है कि पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती हो, यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, और नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उनका त्वरित समाधान किया जाए। केवल प्रशासनिक ढांचा खड़ा कर देने से संपूर्ण जिले का विकास संभव नहीं है। इसके लिए ज़रूरी है कि प्रत्येक विभाग जिम्मेदारी से काम करे और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाए। जिला प्रशासन से आम नागरिकों की यही अपेक्षा है कि जिले का निर्माण जिस उद्देश्य से हुआ था, वह जल्द से जल्द साकार हो और जिले का पूर्ण विकास हो सके।


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