सरगुजा के मैनपाट के बाद अब कोरिया जिले के जिला मुख्यालय में भी पारोसी गई अश्लितला,भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर किया विरोध दर्ज।
बैकुंठपुर में दो स्थानों पर हो किया गया गरबा कार्यक्रम का आयोजन,एक कार्यक्रम में शामिल थे भाजपाई ही आयोजक बतौर।
किस आयोजन में फूहड़ता अश्लीलता की बात कह रहे भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने किया हैं स्पष्ट।
-रवि सिंह-
कोरिया 08 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। आस्था के नाम पर क्या अश्लीलता ही परोसा जाना अब आस्था के संदर्भ में आयोजन करने वालों के पास अंतिम विकल्प रह गया है जिससे आस्था के लिए अस्थाई या स्थाई किसी केंद्र पर आस्था रखने वाले बड़ी संख्या में पहुंच सकें या फिर ऐसा केवल व्यवसायिक सोच और अर्थ अर्जन से जुड़ा मामला है। शारदेय नवरात्रि पर्व अवसर पर इस वर्ष पुनः आस्था के बीच अश्लीलता का क्या काम जैसा प्रश्न खड़ा हो रहा है। यदि बात छत्तीसगढ़ की करें तो पहले सरगुजा जिले के मैनपाट क्षेत्र के नर्मदापुर से एक मामला सामने आया जहां दुर्गा पूजा आयोजन समिति के तत्वाधान में फूहड़ता और अश्लीलता मिश्रित गाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई वहीं जब मामले में बदनामी और आयोजन को लेकर विरोध दर्ज हुआ तब आयोजन समिति ने खुद को आयोजन से किनारे कर लिया और अंत में बात आई गई हुई जरूर लेकिन एक बड़ा प्रश्न छोड़कर की क्या बिना अश्लीलता वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अब आस्था संदर्भित आयोजन नहीं हो सकते।
वैसे बताना जरूरी होगा की आस्था लिए अस्थाई साथ ही स्थाई कई केंद्रों पर आज भी केवल भक्ति वाले ही श्रद्धा वाले ही सांस्कृतिक कोई आयोजन होते हैं फिल्मी गानों पर नृत्य प्रस्तुति वह भी फूहड़ गानों पर नृत्य आयोजन वहां नहीं होते जबकि कुछ आयोजक बिना ऐसे आयोजनों के अपनी आत्म संतुष्टि ही नहीं मन में खोज पाते और अंत में वह वही काम कर जाते हैं जिससे आस्था और आयोजक को कहीं न कहीं बदनाम होना पड़ता है। धार्मिक अवसरों पर त्योहारों पर ईस्ट की पूजा अर्चना ही महत्वपूर्ण होती है और यदि और अधिक कुछ आवश्यक जान पड़ता है तो वहां धर्म संस्कृति से संबंधित कोई विषय या प्रस्तुतिकरण कराया जाना चाहिए जिससे धर्म संस्कृति से संबंधित ज्ञान का समाज में विस्तार हो सके नई पीढ़ी बिना किसी धार्मिक पुस्तक का अध्ययन किए ही जिससे धर्म को जान समझ सके। वैसे सरगुजा के मैनपाट के बाद अब कोरिया जिले के बैकुंठपुर जिला मुख्यालय से अश्लील गानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन की बात सामने आ रही है और यह किस आयोजन को लेकर लगाया गया आरोप है वह तो पता नहीं और जिला मुख्यालय में दो गरबा कार्यक्रम आयोजित हैं जिनमे से किसी एक में ऐसा हो रहा है अश्लील गानों पर गरबा नृत्य हो रहा है ऐसा आरोप भाजयुमो जिलाध्यक्ष खुद लगा रहे हैं सोशल मीडिया में। वैसे आयोजन एक कांग्रेस के खेमे में आयोजित है और एक भाजपा खेमे में यह भी बताया जा रहा है और कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अर्थ अर्जन है आस्था का कहीं कोई विषय इसमें नहीं है लेकिन भाजयुमो जिलाध्यक्ष किस आयोजन को लेकर आरोप लगा रहे हैं यह उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है। खैर अब उनका आरोप किसी भी आयोजक के संदर्भ में हो अब यह तय हो चुका है की आस्था के बहाने व्यवसायिक मानसिकता वाले लोग आस्था को भी अपने लाभ का कारण बनाने में लगे हैं जिससे एक धर्म को उसकी छवि को पर्याप्त हानि हो रही है। अभी नवरात्रि का नौ दिवस पूर्ण भी नहीं हुआ कई जगह अभी सांस्कृतिक कार्यक्रम होने हैं और बता दें इन्हीं कार्यक्रमों में से कई में अभी भी अश्लीलता परोसे जाने की बात सामने आयेगी यह भी तय है। आज लगातार यह देखा जा रहा है की आस्था के संदर्भ में होने वाले अधिकांश आयोजनों के दौरान कुछ अन्य आयोजन भी किए जाते हैं जिससे आस्था के नाम पर न सही आयोजनों के नाम से लोग घरों से बाहर निकलें और आयोजन स्थल पर आकर भीड़ बढ़ाएं।पूरा मामला भीड़ का भी है। अब धर्म आधारित कोई आयोजन होने ही बंद हैं और नृत्य गीत और अन्य आयोजन ही आयोजनों की शोभा हैं। आने वाले दिनों में और देखने को मिलेगा ऐसा?