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कोरिया,@निलंबित होने वाले नगर व ग्राम निवेश के अन्वेषक राजेश तारम को उसी जगह फिर मिली पदस्थापना कैसे?

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  • क्या अन्वेषक राजेश तारम का निलंबन के बाद उसी स्थान पर पदस्थापन दिलाने में सहायक संचालक की भूमिका महत्वपूर्ण?
  • क्या अन्वेषक राजेश तारम अपने निरीक्षण के दौरान नर्सिंग कॉलेज निर्माण की जानकारी लिखकर देंगे या फिर जानकारी छुपा कर भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र दिलाएंगे?
  • नगर तथा ग्राम निवेशक कोरिया के अन्वेषक राजेश तारम नियम विरुद्ध तरीके से दिलाते हैं भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र:सूत्र


-रवि सिंह-
कोरिया,08 अक्टूबर 2024(घटती-घटना)। कोरिया जिले के नगर व ग्राम निवेश कार्यालय में पदस्थ राजेश कुमार तारम पहुंचे फकीर माने जाते हैं,क्योंकि इनका सहयोग कोई और नहीं उनके ही अधिकारी याने की सहायक संचालक करते हैं काफी उनके खास है और खास किसलिए हैं यह भी बड़ा सवाल है? जानकारी के मुताबिक 11 जून 2024 को राजेश कुमार तारम को कोरिया कलेक्टर ने निलंबित कर दिया था क्योंकि वह कार्यालय में अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित थे,कार्य के संपादन में उनकी लापरवाही सामने आई थी जिसको लेकर छाीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रावधान के प्रतिकूल होने के कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था, निलंबित होने के बाद जहां उनकी जगह पर अन्य व्यक्ति की पदस्थापना होनी थी वहां दोबारा उन्होंने पहुंच और पकड़ के दम पर उसी जगह पर पदस्थापना पाने में सफलता पाई, सूत्रों की माने तो सहायक संचालक व अन्वेषक राजेश कुमार तारम के संबंध काफी प्रगाढ़ है उच्च अधिकारियों से इसी वजह से दोनों एक साथ काम करना पसंद करते हैं जहां पर निलंबन के बाद उसी स्थान पर पदस्थापना नहीं दी जाती वही उनके सहायक संचालक के पैरवी से दोबारा निलंबन से बहाल होने के बाद पदस्थापना दी गई जो कहीं ना कहीं कई सवाल खड़े करते हैं? सूत्रों का यह भी दावा है की अन्वेषक ग्राम निवेश में आने वाली जमीन जो व्यवसायिक दृष्टि से निर्माण होता है उसमें भवन निर्माण अनुज्ञा लेनी होती है जिसके लिए निरीक्षण करने भी यही जाते हैं और निरीक्षण के दौरान ले देकर सब चीज छुपा ली जाती है और नियम विरुद्ध तरीके से भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है और इस प्रमाण-पत्र को देने के लिए अच्छी मोटी रकम भी वसूली जाती है हमने इस मामले में कई लोगों से बात की सभी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि यदि पैसा नहीं देते हैं तो किसी भी अखबार वाले से खबर छपवाया जाता है उसके बाद फिर मोटी रकम की डिमांड की जाती है यह इनका नया पैतरा है।


अन्वेषक प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के नर्सिंग कॉलेज के निर्माणाधीन भवन पर आखिर निरीक्षण के दौरान क्या टीप देंगे क्या लिखेंगे?
बैकुंठपुर के केनापारा जो की बैकुंठपुर से पोड़ी बचरा मुख्य मार्ग पर स्थित एक गांव है में सड़क से लगी एक बड़ी भूमि पर जिसका रकबा एक एकड़ से जरा ही कम है पर एक भवन का निर्माण हो रहा है जो सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि है वहीं भूमि पर नर्सिंग कॉलेज के निर्माण का कार्य जारी है जो सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल की पत्नी पिता के संयुक्त साझेदारी वाली एक संस्था है जिसने प्रिंस जायसवाल से जमीन लीज पर ली है और निर्माण नर्सिंग कालेज का करा रही है। बता दें की उक्त निर्माण के दौरान अभी तक भवन निर्माण की अनुज्ञा या नगर निवेश कार्यालय से अनापçा नहीं ली गई है वहीं निर्माण जोर शोर से जारी है जो सूत्रों का कहना है। अब बातें कितनी सच हैं इसकी पुष्टि हम नहीं करते लेकिन सूत्रों के अनुसार यदि यह सत्य है की नगर निवेश से अभी तक अनापçा नहीं मिली है तो नगर निवेश विभाग के लोग खासकर अन्वेषक निरीक्षण में जाने के दौरान क्या टीप देंगे यह बड़ा सवाल है। वैसे नगर निवेश कार्यालय के अन्वेषक व सहायक संचालक प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के गिरफ्त में हैं और उनके अनुसार ही वह कार्य करेंगे यह आम चर्चा है अब क्या इस बात में सच्चाई है तो वह उक्त निर्माण को सही ठहराने गलत रास्ता चुनकर सही का टिप लिखेंगे या फिर अन्य के साथ होने वाली कार्यवाही की तरह नगर निवेश का लंबा अर्थ दंड वह निश्चित करने टिप करेंगे यह देखने वाली बात होगी।
नगर निवेश कार्यालय के सहायक संचालक के पिता का मुख्यमंत्री के संबंध है गहरे?
नगर ग्राम निवेश कार्यालय कोरिया के सहायक संचालक लोगों को आम बातचीत में यह भी बताते नजर आए थे की जब वर्तमान मुख्यमंत्री भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री थे उस समय उनके पिता उनके साथ काम कर चुके हैं जिस वजह से दोनों की पहचान काफी अच्छी है इसी का फायदा उठाकर अन्वेषक का निलंबन के बाद बहाली भी उसी स्थान पर उन्होंने करवाया, अब यह बात कितनी सत्य है यह तो वही जानेंगे पर अपने मुख से किसी को बताई थी उन्होंने यह बात जो आम चर्चा बनी और अब जिले के अधिकारी भी उनसे काफी घुलमिलकर रहते हैं ऐसा वह खुद बताते हैं जो मुख्यमंत्री से उनके नजदीकी संबंधों के कारण संभव हो पा रहा है, इसकी पुष्टि दैनिक घटती-घटना नहीं करता सूत्रों के हवाले से यह जानकारी आई है।
खबर के बाद भी भवन निर्माण अनुज्ञा का शुल्क नहीं हुआ था जमा लेकिन नर्सिंग कॉलेज का निर्माण है जारी
बता दें की प्रभारी डीपीएम सूरजपुर की पत्नी पिता संयुक्त साझेदारी में एक नर्सिंग कॉलेज संचालित करते हैं जो कांग्रेस शासनकाल से ज्यादा फला फूला और उस समय प्रभारी डीपीएम सूरजपुर की तत्कालीन सरकार में अच्छी पकड़ ही इसका कारण बनी और धीरे धीरे उन्होंने तभी से यह तय कर लिया था की उनका नर्सिंग कॉलेज उनके अपने ही भवन में संचालित होगा जो वर्तमान तक किराए के भवन में संचालित है ,वह अपनी मंशा अनुसार जमीन भी महंगी पहले खरीद लिए और बाद में उस पर निर्माण भी चालू हुआ वह भी तब जब भाजपा की साा सरकार प्रदेश में कार्य करने लगी। प्रभारी डीपीएम सूरजपुर ने भाजपा सरकार में भी पकड़ बना ली और अपने नर्सिंग कॉलेज भवन का निर्माण कार्य युद्ध गति से चालू भी कर रखा है और जिसके लिए नगर निवेश से अनापçा नहीं लिए जाने की सूचना पर दैनिक घटती घटना ने समाचार भी प्रकाशित किया लेकिन बताया जा रहा है की अभी भी न तो अनापçा प्राप्त है न ही अभी तक शुल्क ही जमा है। वैसे बिना अनापçा और बिना जुर्माना पटाए कैसे निर्माण जारी है नगर निवेश क्यों मौन साधे बैठा है यह भी एक बड़ा प्रश्न है। वैसे बता दें की खबर के बाद नगर निवेश को संज्ञान लेना था और जिसने संज्ञान नहीं लिया है यह पुख्ता खबर है।
क्या सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम के नर्सिंग कॉलेज के लिए नियम विरुद्ध जाकर निवेश कार्यालय जारी करेगा भवन निर्माण अनापत्ति प्रमाण पत्र?
नगर निवेश कार्यालय का कार्य होता है की वह भवन निर्माण के संबंध में आवेदनों को देखे और उसका परीक्षण करें साथ ही मौके पर जाकर मौका स्थल निरीक्षण कर वह भी भवन निर्माण से पूर्व निरीक्षण कर अनापçा निर्माण के लिए जारी करे जो अभी तक प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के मामले में नहीं जारी किया गया है न स्थल निरीक्षण किया गया है जैसा सूत्रों का दावा है और फिर भी निर्माण जारी है। अब सवाल यह उठता है की क्या अब नगर निवेश कार्यालय उसे ऐसे ही अनापçा पत्र जारी कर देगा और नियम कायदे आम के लिए हैं खास के लिए यह साबित कर देगा इस मामले।
क्या निर्माण की जानकारी छुपा कर नर्सिंग कॉलेज संचालक को दी जाएगी भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र?
प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के पत्नी पिता के संयुक्त साझेदारी वाला नर्सिंग कॉलेज जो बैकुठपुर में फिलहाल किराए के भवन में संचालित है जहां भी विवाद है वह अब नए अपने भवन की तैयारी में लगा हुआ नर्सिंग कॉलेज फर्म है एक तरह से। अभी तक केनापारा में निर्माणाधीन भवन के लिए अनुमति या अनुज्ञा के लिए कोई कार्यवाही नहीं हुई है कोई अनापçा नहीं हुई है जारी ऐसी जानकारी मिल रही है वहीं जानकारी यह भी मिल रही है की नर्सिंग कॉलेज के भवन निर्माण उपरांत सीधे अनुमति देने की प्रमाण पत्र देने की तैयारी में है विभाग क्योंकि प्रभारी डीपीएम की कांग्रेस के बाद भाजपा में भी ऊंची पकड़ के कारण ऐसा संभव है क्योंकि वह हर दल अजीज बन जाने की क्षमता महारत रखते हैं और दल बदल वाले एक्ट के प्रबल विरोधी भी हैं वह।


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