कोरिया/पटना@नगर पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी स्वरूप भाजपा से खुद को प्रबल दावेदार बताने वालेशंकर सोनी क्या पटना से बाहर के भाजपा नेताओं के भरोसे लड़ेंगे चुनाव?

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  • एक समाज…एक वार्ड…से बाहर शंकर सोनी की नहीं है कोई पहचान,व्यवहार भी नहीं है उनका सभी से मिलनसार,क्या ऐसे सीमित व्यक्तित्व वाले किसी प्रत्याशी से भाजपा लगा सकेगी जीत की उम्मीद?
  • नवरात्रि दुर्गा पूजा दशहरा की बधाई वाला उनका बैनर जो लगा है पटना में कई जगह वह तो कम से कम यही बता रहा है…
  • क्या भाजपा से प्रत्याशी घोषित होते ही शंकर सोनी केवल एक समाज के मत समर्थन से हो जाएंगे विजई,क्या अन्य ग्राम के भाजपा नेता के भरोसे ही वह जीत जायेंगे चुनाव?
  • एक समाज एक वार्ड से बाहर शंकर सोनी की नहीं है कोई पहचान, व्यवहार भी नहीं है उनका सभी से मिलनसार,क्या ऐसे सीमित व्यक्तित्व वाले किसी प्रत्याशी से भाजपा लगा सकेगी जीत की उम्मीद?
  • भाजपा से प्रत्याशी बनने की लालसा कईयों को है लेकिन लालसा को सार्वजनिक तौर पर एक ही व्यक्ति अभी तक घूम-घूम कर रहा उजागर

-रवि सिंह-
कोरिया/पटना,07 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। पटना में आने वाले में समय में नगरीय निकाय के चुनाव होंगे या पंचायत के इसको लेकर नगरीय निकाय चुनाव साथ ही पंचायत चुनाव के समर्थक भले ही अलग-अलग दावा करते हों लेकिन अभी यह कहना ही सही होगा सत्य होगा की नगरीय निकाय के ही चुनाव होंगे और नगरीय निकाय के चुनाव होने की स्थिति में सभी दलों से प्रत्याशी मैदान में होंगे अध्यक्ष सहित पार्षद पद के लिए वहीं वह एक समूह भी अपना प्रत्याशी चुनाव में उतार सकता है जो हाल ही में नगर पंचायत की घोषणा और उसके पश्चात होने वाली नगर पंचायत संबधी कार्यवाहियो को लेकर आंदोलनरत था और जो इस विरोध में बैठा था की पुनः पंचायत किया जाए पटना को। खैर मुख्य मुकाबला किसके बीच होगा कौन विजेता कौन पराजित योद्धा या दल होगा, यह तो आने वाला वक्त बतलाएगा लेकिन यदि सत्ताधारी दल के हिसाब से बात की जाए तो वह अपना प्रत्याशी मैदान में अवश्य उतारेगी और पूरा जोर जीत दर्ज करने की ओर लगाएगी वैसे भाजपा यह भी आंकलन करके ही प्रत्याशी घोषित करेगी की कौन विजेता हो सकता है और कौन पूरे नगर में अपनी व्यक्तिगत छवि के आधार पर पार्टी का वोट तो प्राप्त कर ही सकता है वहीं वह अन्य समर्थन भी जुटा सकता है।
भाजपा से प्रत्याशी बनने की लालसा कईयों को है लेकिन लालसा को सार्वजनिक तौर पर एक ही व्यक्ति अभी तक घूम-घूम कर रहा उजागर
भाजपा से प्रत्याशी बनने की लालसा वैसे तो कईयों को है लेकिन लालसा को सार्वजनिक तौर पर एक ही व्यक्ति अभी तक घूम घूम कर उजागर कर रहा है और वह व्यक्ति वर्तमान में वार्ड पंच रहते चले आ रहे शंकर सोनी हैं और जिनके द्वारा घूमकर जहां अपनी मंशा जाहिर की जा रही है वहीं हाल ही में उन्होंने एक बैनर नगर में छपवाकर लगवाया है और जिसमे यदि भाजपा नेताओं की तस्वीर की बात की जाए तो उन्होंने कुछ की ही तस्वीर लगवाई है वहीं उनमें से कई पटना से बाहर के नेता हैं साथ ही पटना के ही कई पुराने भाजपा नेताओं सहित युवा कार्यकर्ताओं को उन्होंने पोस्टर में जगह देना उचित नहीं समझा। वैसे शंकर सोनी भाजपा से टिकट की मांग कर जरूर रहे हैं लेकिन वह कहीं से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी बनने योग्य हैं ऐसा अभी से कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि उनका सीमित लोगों से मेल मुलाकात वाला व्यवहार साथ ही हमेशा कुछ एक दो हंसी मजाक वाले दिनभर के व्यवहार प्रदर्शन को छोड़ दिया जाए तो वह हमेशा धीर गंभीर और सीमित ही रहते हैं और यह उनका सबसे कमजोर पहलू है और जो उन्हे पूरे नगर का नेतृत्व प्रदान किया जाए इस संभावना या मंशा पर पानी फेरता है भाजपा को समीक्षा उपरांत यह विचार करना भी होगा।
नगर अध्यक्ष वह भी सत्ताधारी दल से बनने की मंशा रखने वाले शंकर सोनी को लेकर सबसे बड़ा मुद्दा उनका बधाई संदेश वाला बैनर पोस्टर बन गया है
खैर नगर का अध्यक्ष वह भी सत्ताधारी दल से बनने की मंशा रखने वाले शंकर सोनी को लेकर सबसे बड़ा मुद्दा हाल का उनका बधाई संदेश वाला बैनर पोस्टर बन गया है। बैनर में पोस्टर में जिसमे नवरात्रि दशहरा पर्व की बधाई वह दे रहे हैं उसमे उन्होंने पटना के एक दो बड़े नेताओं की ही तस्वीर छपवाई है वहीं ज्यादातर तस्वीर अन्य ग्राम के भाजपा नेताओं के ही हैं और उन्होंने पटना के ही कई पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं सहित युवा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा इस तरह कर दी है यह भाजपा के अंदरखाने चर्चा जारी है यह बतलाया जा रहा है। युवा भाजपा कार्यकर्ता तो अब शंकर सोनी के लिए काम करने की पार्टी निर्देश के बाद भी नहीं सोचने वाले यह उनका कहना है यह सूत्रों का कहना है। सूत्रों की माने तो भाजपाइयों में इस बात की चर्चा भी है की एक वार्ड तक ही नेतृत्व के लायक हैं शंकर सोनी वह पूरे नगर के लिए सही व्यक्ति नहीं हो सकते क्योंकि उनकी सोच सीमित सोच पोस्टर बैनर में नजर आ गई। वैसे भाजपा कार्यकर्ताओ के बीच ऐसी भी चर्चा है जैसा सूत्रों का दावा है की यदि अन्य पिछड़ा वर्ग वाला मामला सामने आता है और इसी वर्ग से प्रत्याशी चयन की स्थिति बनती है तो कई और अच्छे प्रत्याशी लायक चेहरे हैं जो कहीं न कहीं शंकर सोनी से ज्यादा सामाजिक और मिलनसार हैं यह भी कार्यकर्ता आपस में चर्चा कर रहे हैं। कुल मिलाकर शंकर सोनी जहां ऐसे ही पूरे नगर नेतृत्व के लायक एक बेहतर विकल्प खुद भाजपा में ही स्वीकार नहीं हो पा रहे हैं वहीं उनका पोस्टर बैनर वाला मामला आग में घी वाला मामला हो गया और अब शंकर सोनी कहीं न कहीं खुद के पैर पर खुद ही कुल्हाड़ी मारते समझ में नजर में आने लगे जैसे ही उनके नवीन पोस्टर बैनर और नजर डाली जाएगी।
चुनाव आते ही क्या लोग हो जाते हैं धार्मिक,पहले नहीं रहता उन्हे धर्म से ज्यादा लेना देना?
क्या चुनाव आते ही चुनाव लडने की मंशा रखने वाले लोग धार्मिक हो जाते हैं उससे पहले वह ज्यादा धार्मिक नहीं होते यह भी सवाल उठ रहा है। बता दें की शंकर सोनी का पोस्टर भी यह सवाल खड़ा कर रहा है की इससे पहले कभी उनका बैनर पोस्टर बधाई वाला नजर नहीं आया।। इस बार उनका पोस्टर नजर भी आया तो तब जब चुनाव में वह खुद से खुद को प्रत्याशी साबित कर रहे हैं भाजपा का जबकि भाजपा शायद ही उनपर दांव लगाए क्योंकि उनकी छवि पार्षद तक ही एक मोहल्ले तक विजेता की ही मानी जाती है आगे वह पूरे नगर के मामले में पार्टी के लिए उपयुक्त नहीं हैं यह लोगों की आपसी चर्चा है।
पुराने और युवा कार्यकर्ताओं से पहले ही दौर में शंकर सोनी ने बना ली दूरी
पटना के नगर पंचायत होने पर चुनाव लडने की मंशा कई लोगों की है वहीं सत्ताधारी दल से भी कई लोग दावेदार हैं और वह प्रयास में हैं की उन्हे ही प्रत्याशी पार्टी बनाए। इस बीच नगर के शंकर सोनी काफी उत्साहित और अकेले ही दौड़ते नजर आ रहे हैं और ऐसा लग रहा है की वह किसी को दौड़ने भी नहीं देंगे सीधे वह विजेता होंगे। वह इसी प्रयास में एक बड़ी गलती भी कर चुके हैं,उन्होंने जो बैनर बनवाया है उसमे पटना के पुराने और युवा कार्यकर्ताओं की कोई  तस्वीर नहीं है। बड़े नेताओं के साथ एक दो इधर उधर के चेहरे नजर आ रहे हैं। अब उनके पोस्टर के बाद यह भी चर्चा है कार्यकर्ताओं में की शंकर सोनी को छोड़कर कोई और चलेगा ऐसा व्यक्ति बिलकुल नहीं जो पहले से ही तिरस्कार और भेद की भावना रखता हो।
सलाहकार ले डूबा शंकर सोनी को
शंकर सोनी का सलाहकार उन्हे ले डूबा यह कार्यकर्ता आपस में बात कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है की एक समाज विशेष से ही यदि भाजपा प्रत्याशी की जीत तय होने वाली है तो अब यह तय है की पार्टी परेशानी में जा रही है और पराजय सामने नजर आ रही है। शंकर सोनी का बैनर पोस्टर मामले वाला सलाहकार जो भी है वह उन्हे ले डूबा खड़े होने से पहले ही उन्हे बैठा गया यह लोगों का कहना है। वैसे चर्चा यह भी है की शंकर सोनी उतना ही चल रहे हैं जितना उन्हे एक व्यक्ति निर्देश जारी कर रहा है। अपने मन से वह एक कदम नहीं चल रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है की मामला निर्माण और ठेकेदारी का है और एक तरह से एक व्यक्ति शंकर सोनी के लिए निवेश कर रहा है जिसे वह बाद में वसूलेगा और वह नगर वासियों से ही वसूली करेगा यह भी सौदा हो चुका है यह भी सूत्र बता रहे हैं। वैसे घटती घटना पुष्टि नहीं करता जन चर्चा अनुसार वह समाचार प्रकाशित कर रहा है।


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