कोरिया/सूरजपुर@क्या निर्माण के बाद भवन निर्माण अनुज्ञा देता है नगर निवेश कार्यालय?

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-रवि सिंह-
कोरिया/सूरजपुर,06 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)।
सुरजपुर जिले के प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल के सामने क्या बड़े-बड़े लोग हो चुके हैं नतमस्तक? इसी वजह से उनको नहीं पड़ता किसी चीज का फर्क, नियम कायदे कानून तो उनके जेब में है कुछ ऐसा ही इस समय प्रतीत होता नजर आ रहा है, यह बात इसलिए हो रही है क्योंकि एक बार फिर प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल नियम विरुद्ध तरीके से नगर निवेश क्षेत्र में बिना भवन निर्माण अनुज्ञा लिए बिना ही नर्सिंग कॉलेज बनवा रहे हैं, अभी तक उन्हें नगर निवेश कार्यालय द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा नहीं मिला है और बताया जाता है कि नियम यह है कि जब तक आपको भवन निर्माण अनुज्ञा नहीं मिलती तब तक आप निर्माण नहीं कर सकते, पर प्रिंस जायसवाल के 97 डिसमिल जमीन पर उनकी पत्नी का नर्सिंग कॉलेज भवन निर्माण शुरू है, अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या निर्माण शुरू होने के बाद नगर निवेश कार्यालय भवन अनुज्ञा निर्माण की अनुमति देगा और यदि देगा तो किस नियम के तहत देगा? नियम विरुद्ध देगा या फिर नियम के तहत देगा? या बैक डेट पर देगा? वैसे जानकारों का मानना है की नगरी निवेश को भवन निर्माण अनुज्ञा की अनुमति नहीं देनी चाहिए, क्योंकि निर्माण शुरू हो चुका है और निर्माणाधीन भवन की अनुमति नहीं दी जाती है उस पर भारी भरकम जुर्माना लगता है, आखिर नगरी निवेश कोरिया के नगर निरीक्षक ने क्या निरीक्षण किया हैं या नही किया? उन्हें यह बात नहीं पता है कि भवन निर्माण से पहले भवन निर्माण अनुज्ञा दी जाती है की नहीं दी जाती। बिना भवन निर्माण अनुज्ञा प्रमाण पत्र मिले ही तेजी से हो रहा है नर्सिंग कॉलेज का निर्माण, क्या अब जाकर निरीक्षण करके यह बताएंगे कि वहां पर निर्माण शुरू हो चुका है या फिर इस जानकारी को छुपा कर भवन अनुज्ञा प्रदान करेंगे नगर निवेश कार्यालय के लोग?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बचरापोडी स्टेट हाईवे में केनापारा के पास फर्जी डॉक्टर बताए जा रहे सूरजपुर जिले के प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल के नाम 97 डिसमिल जमीन स्थित है जिस जमीन पर भव्य नर्सिंग कॉलेज बनाने की तैयारी चल रही है यह नर्सिंग कॉलेज किसी और का नहीं उनकी पत्नी व पिता का बताया जा रहा है, बताया यह भी जा रहा है की नर्सिंग कॉलेज की समिति में अध्यक्ष व सचिव पत्नी और पिता ही है, जमीन भले ही प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल के नाम है पर नर्सिंग कॉलेज उनकी पत्नी के नाम संचालित होना बताया जा रहा है, प्रिंस जायसवाल की जमीन को लीज पर लेना बताया जा रहा है उनके द्वारा मतलब पिता और पत्नी ने बेटे और पति से जमीन लीज पर ली है, सवाल यहां पर यह उत्पन्न होता है कि जिस बिल्डिंग में नर्सिंग कॉलेज अभी वर्तमान में संचालित है वह नियम विरुद्ध है सूत्रों का यह भी कहना है कि उस पर भी कार्यवाही करने का आदेश हो चुका है, पर न जाने प्रशासन कार्यवाही के लिए क्यों रुका है? फिर इसी बीच नियम विरुद्ध तरीके से नगर निवेश कार्यालय के अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेकर बिना भवन निर्माण अनुज्ञा के ही निर्माण शुरू हो गया है, आधा से ज्यादा निर्माण वहां पर हो चुका है अब क्या इसके बाद भी नगर निवेश नियम विरुद्ध तरीके से अनुमति देगा या फिर या फिर राजस्व विभाग इस पर कोई कार्रवाई करेगा? वैसे तो लगता नहीं की कोई कार्रवाई होगी क्योंकि काफी प्रभावशील व्यक्ति हैं फर्जी डॉक्टर बताए जाने वाले झोलाछाप डॉक्टर प्रिंस जायसवाल? मामले को लेकर दैनिक घटती-घटना इसकी पुष्टि नहीं करता पर जांच होनी चाहिए।

नर्सिंग कॉलेज उक्त जमीन पर बन रहा है जिसके किए 4 करोड़ का बैंक लोन लिया जा रहा है और इस लोन के लिए पिता सहित कई रिश्तेदार की जमीन बैंक के सुपर्द रहेगी जब तक लोन नहीं पटता।

स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस अवसर पर सबसे प्रसन्न कोई था तो वह फर्जी डिग्री वाला झोलाछाप साबित किया जा रहा सूरजपुर जिले का प्रभारी डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल था। उसने अनेकों प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया समूहों को विज्ञापन बांटे थे। अब स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत पदस्थ प्रभारी डीपीएम इतना पैसा कहां से पा सका की वह कई लाखों का विज्ञापन छपवा सका यह भी बड़ा प्रश्न है? वैसे माना जा रहा है की स्वास्थ्य विभाग का कोई प्रभारी अधिकारी यदि इस तरह से स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस पर विज्ञापन प्रकाशित करवा रहा है तो इसका मतलब है की वह मरीजों का और आम लोगों के स्वास्थ्य सुविधा में सेंध लगा रहा है चोरी कर रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा की फर्जी डिग्री वाला झोलाछाप साबित किया जा रहा डॉक्टर डरा हुआ है और अब वह बचने के लिए अपनी नौकरी बचाने के लिए मरीजों के हक को लुटकर विज्ञापन छपवा रहा है।

कोरिया के प्रभारी डीपीएम रह चुके वर्तमान में सूरजपुर जिले के प्रभारी डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल किस पैसे से बेशकीमती जमीन खरीद सके हैं यह भी एक सवाल है। क्या उन्होंने मरीजों के हक में डकैती डाली है?.. क्या उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फंड में सेंध लगाया है लोगों का ही अधिकार छीन लिया है। जिस जमीन पर नर्सिंग कॉलेज उनकी पत्नी और पिता के संचालन के नाम पर बन रहा है वह काफी कीमती है और उस जमीन को उन्होंने कम मूल्य जाहिर कर खरीदा है और इसमें पैसा लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का लगा है लोगों के हक पर डकैती डाली गई है यह सूत्रों का कहना है।
नगर निवेश कार्यालय के किस अधिकारी की होने वाली पत्नी का बिलासपुर से कोरिया स्थानांतरण करवाया गया?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के एक नगर निवेश अधिकारी की होने वाले पत्नी जो स्वास्थ्य विभाग में है उनका स्थानांतरण बिलासपुर से कोरिया करवाया गया है, यह स्थानांतरण बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम के पैरवी से हुआ है क्या यही वजह है कि नियम विरुद्ध तरीके से उन्हें भवन निर्माण अनुज्ञा प्रमाण पत्र निर्माण कार्य शुरू होने के बाद दिया जाएगा? इसका दावा दैनिक घटती घटना नहीं करता.. जानकारी विशेष सूत्रों के हवाले से मिली है।

सुरजपुर का प्रभारी डीपीएम फर्जी डिग्री वाला झोलाछाप डॉक्टर है यह सिद्ध आरोप बैकुंठपुर के एक पार्षद ने लगाया और उसने यह भी दावा किया है की आरोप निराधार नहीं है डॉक्टर प्रिंस की डिग्री फर्जी होने का उसके पास सबूत है साथ ही जिस जगह की कॉलेज की डिग्री प्रिंस जायसवाल जमा कर नौकरी कर रहा है वह कॉलेज ही डिग्री फर्जी होने का दावा करता है। वैसे पार्षद ने अपनी शिकायत कई जगह की है लेकिन राज्य सरकार को अपनी जेब में बताने वाला झोलाछाप डॉक्टर प्रिंस जायसवाल बचा हुआ है और व्यवस्था को वह आंख चिढ़ा रहा है। वैसे मुख्यमंत्री के सूरजपुर जिले आगमन पर भी फर्जी झोलाछाप डॉक्टर बताया जा रहा डॉक्टर प्रिंस जायसवाल वरिष्ठ अधिकारियों को ही ओवर टेक करता रहा और उन्हे यह जतलाता रहा की वह ही जिले का सबसे बड़ा अधिकारी है और आईएएस भी उसके सामने बौने हैं। मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान डॉक्टर प्रिंस जायसवाल जिस तरह की हरकत करता रहा वह यह साबित करने के लिए काफी था की वह सबसे बड़ा अधिकारी है जिले का मुखिया है।

क्या स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिन पर बधाई देने से नहीं होगी कार्यवाही?

प्रभारी डीपीएम सूरजपुर साथ ही फर्जी डिग्री वाला झोलाछाप डॉक्टर बताया जा रहा प्रिंस जायसवाल क्या इसलिए स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस पर विज्ञापन छपवा रहा है जिससे उस पर फर्जी मामले में कार्यवाही न हो। वैसे लोगों का यही कहना है की वह इसीलिए स्वास्थ्य मंत्री की चापलूसी में लगा है और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जिन्हे काफी गंभीर स्वास्थ्य मामले में बताया जा रहा है उन्हे बदनाम भी करने का कारण बन रहा है। स्वास्थ्य मंत्री की छवि केवल और केवल दो मामले में ही केवल प्रभावित हो रही है जिसमे से एक मामला डॉक्टर प्रिंस का है।


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