लेख@ भिलाई दुर्गोत्सव मध्य भारत में धार्मिक पर्यटन का पर्याय

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देशभर में नवरात्र की धूम देखने को मिल रही है। इस दौरान हर कोई माता रानी की भक्ति में डूबा हुआ है। मध्यभारत के भिलाई में भी इस त्योहार की रौनक देखने को मिलती है। अगर आप दुर्गा पूजा का अनुभव करना चाहते हैं यहां के मशहूर पंडालों के दर्शन जरूर करें।भिलाई अपनी महान संस्कृति, भारत के विभिन्न कोनों से आए लोगों के साथ सामाजिक सद्भावना के साथ-साथ भव्य आयोजनों के लिए प्रसिद्ध हैं यह अपने आगंतुकों और स्थानीय लोगों के लिए बहुत कुछ प्रदान करता है।
नवरात्रि में अलग-अलग थीम की झांकियों के लिए प्रसिद्ध है। माता के बड़े पंडाल के साथ एक बड़े भाग में झांकी और झूले का भी इंतजाम किया जाता है।लोग माता के दर्शन करने के साथ झांकी और झूले और खाने पीने के लिए फ़ूड स्टाल में इसका लुफ्त उठाकर मनोरंजन करते हैं।हमेशा की तरह इस बार भी नवरात्रि में सेक्टर 1 सेक्टर 2 सेक्टर 4 सेक्टर 6, सेक्टर 7 सेक्टर 8 और सेक्टर 10 की झांकी लोगों को खूब लुभाएंगी। वही पावर हाउस खुर्सीपार सुपेला व गंजपारा दुर्ग का पण्डाल हर बार की तरह इस बार भी एक नया रोमांच देने के लिए तैयार है। गरबा और डांडिया रास पारंपरिक नृत्य रूप हैं जो दैवीय ऊर्जा और बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न के लिए तैयार हैं। शाम को इन ऊर्जावान नृत्यों में भाग लेने के लिए एक साथ आते हैं। रंग-बिरंगे परिधानों में सजी महिलाएं गोलाकार स्वरूप में नृत्य करती हैं, जबकि पुरुष डंडिया खेलते हैं, जो लाठी से किया जाने वाला नृत्य है। ये नृत्य ब्रह्मांडीय लय और सभी प्राणियों के परस्पर जुड़ाव का प्रतीक हैं।भिलाई में दुर्गा उत्सव में आपको परम्परा व आधुनिकता का संगम देखने को मिलेगा।
त्रिभुवन लाल साहू
भिलाई नगर, दुर्ग छत्तीसगढ़


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