कोलकाता@ ट्रेनी डॉक्टर के स्टैच्यू पर मचा विवाद

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@ टीएमसी बोली- ये घटिया और अपमानजक…
@ जूनियर डॉक्टर बोले… ये दर्द का प्रतीक
कोलकाता,03 अक्टूबर 2024 (ए)।
कोलकाता के आरजी कर कॉलेज में रेप-मर्डर विक्टिम ट्रेनी डॉक्टर का स्टैच्यू लगाया गया है। फाइबर ग्लास के बने इस स्टैच्यू को अभया क्राई ऑफ द आवर’ नाम दिया गया है। इसमें एक महिला को दर्द में चीखते हुए दिखाया गया है। इस स्टैच्यू को लेकर विवाद शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने इसे घटिया और ट्रेनी डॉक्टर की याद के लिए अपमानजनक बताया है। उन्होंने कहा कि ये अब तक की सबसे खराब चीज है।
वहीं,करीब दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि ये स्टैच्यू विक्टिम का नहीं है, बल्कि ये उस दर्द और टॉर्चर का प्रतीक है, जिससे वह गुजरी थी। यह स्टैच्यू हमारे प्रदर्शनों को भी दर्शाता है।
क्या है कुणाल घोष का पूरा बयान
विक्टिम के नाम पर इस मूर्ति की स्थापना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना के खिलाफ है। कोई जिम्मेदार व्यक्ति कला के नाम पर भी ऐसा नहीं कर सकता। विरोध और न्याय की मांगे ठीक हैं, लेकिन उस लड़की के दर्द भरे चेहरे वाली मूर्ति सही नहीं है। देश में निग्रहिता (रेप विक्टिम) की तस्वीरों, मूर्तियों आदि को लेकर दिशानिर्देश हैं।
जूनियर डॉक्टर बोले- ममता ने मीटिंग में किए वादों पर काम नहीं किया
विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर में से एक अनिकेत महतो ने हड़ताल का ऐलान करते हुए कहा- हमारी सुरक्षा की मांगों को पूरा करने के लिए ममता सरकार का रवैया पॉजिटिव नहीं लग रहा है। आज 52 वां दिन है। हम पर अभी भी हमले हो रहे हैं। ष्टरू ममता के वादों को पूरा करने का कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है। हमारे पास आज से पूरी तरह काम बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। जब तक हम राज्य सरकार की तरफ से कार्रवाई नहीं देखते, तब तक काम बंद रहेगा।
12 दिन बाद फिर हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर ने फिर से मार्च निकाला। ये विरोध मार्च कोलकाता में कॉलेज स्मयर से धर्मतला तक निकाला गया।जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए काम बंद कर दिया है। डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें पूरी तरह सुरक्षा दी जाए।
डॉक्टरों-नर्सों पर हमले हुए,इसी वजह से फिर शुरू की हड़ताल
दरअसल,कोलकाता के सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 27 सितंबर को एक मरीज की मौत के बाद 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया था। इसी घटना से जूनियर डॉक्टर्स नाराज हैं। डॉक्टर्स ने अस्पताल में प्रदर्शन भी किया। इस मामले में 4 प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है। डॉक्टर्स की मांग है कि उन्हें अस्पतालों में सुरक्षा मुहैया कराई जाई, ताकि वे बिना डर के ड्यूटी कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट में कहा था…सभी इमरजेंसी और जरूरी सेवाएं जारी
सुप्रीम कोर्ट में 30 सितंबर की सुनवाई में बंगाल सरकार ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स इन पेशेंट डिपार्टमेंट और आउट पेशेंट डिपार्टमेंट में काम नहीं कर रहे हैं। इसके जवाब में डॉक्टर्स के वकील ने कहा कि सभी इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं में डॉक्टर काम कर रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।


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