एमसीबी,@छत्तीसगढ़ के विधानसभा क्रमांक 2 के विधायक का जन्मदिन ऐतिहासिक तौर पर मनाया गया

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  • विधायक से कैबिनेट मंत्री बनने के बाद पहली बार जन्मदिवस की बधाई देने वालों की कतार लगी रही
  • स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस पर स्नेहियों से लेकर स्वार्थी लोगों तक की कतार लगी रही
  • स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस के एक दिन पहले से ही जगह-जगह घर वापसी के दौरान उनका जन्मदिवस मनाया गया
  • स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस पर सैकड़ो केक कटे और साथ ही स्वास्थ्य मंत्री लड्डुओं से भी तौले गए
  • स्वास्थ्य मंत्री का जन्मदिवस मनाने के लिए समर्थकों,स्नेहियों व स्वार्थियों में होड़ देखी गई
  • यही वजह थी कि स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस का कार्यक्रम जगह-जगह आयोजित किया गया
  • विधायक होने से पहले अपने पैसे से जन्मदिन मनाना पड़ता था,अब मंत्री बनने के बाद अन्य लोग जन्मदिवस मनाने के लिए इच्छुक दिखे
  • अधिकारी कर्मचारी भी देखे गए कई जगह शामिल,कई तो रात में भी जी हुजूरी में रहे शामिल
  • लोकतंत्र की है यही खूबसूरती,विपक्ष में जो एक केक के लिए समर्थकों के लिए रहता है मोहताज,सत्ता में पद में आते ही हर कोई उसके सामने हो जाता है गुलाम


-रवि सिंह-
एमसीबी,02 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)।
समय का चक्र बहुत कुछ दिखाता है और यही सीख बड़े बुजुर्ग से लेकर आज भी अन्य लोग उलहानाओं में देते हैं और यह क्रम चलता रहता है, हम इस बात की चर्चा इस समय छत्तीसगढ़ के विधानसभा क्रमांक 2 मनेंद्रगढ़ विधानसभा के विधायक व स्वास्थ्य मंत्री की के लिए कर रहे हैं, जिस समय यह पूर्व विधायक होते थे उस समय अपना जनाधार बनाए रखने के लिए स्वयं के पैसे से भी कार्यक्रम आयोजित कराया करते थे, कई बार एक केक और समर्थकों के लिए भी तरसते थे, अधिकारी कर्मचारी से इनका अनुनय निवेदन देखा जाता था और कुछ जो उनके समर्थक थे जो उनके स्नेही थे वह तो कार्यक्रम आयोजित करते थे, क्योंकि उनसे वह लाभ प्राप्त कर चुके थे पहले और इसलिए उनकी मजबूरी थी तब, लेकिन उस समय एक वर्ग जो इनके पास नहीं आता था वह था स्वार्थी वर्ग, यह वर्ग ऐसा वर्ग है जो किसी भी नेता के पास पद मिलने के बाद आ सकता है जब उसे अपना स्वार्थ सिद्ध करना होता है, आज दूसरी बार विधायक बनने का जब श्याम बिहारी जायसवाल को मौका मिला और जनता ने उन्हें अपना जनादेश दिया तो उस जनता के जनादेश के आशीर्वाद स्वरूप उन्हें छाीसगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया या कहा जाए तो अविभाजित कोरिया का बड़ा आदमी बनाया गया, ताकि लोगों की सेवाएं होती रहे और क्षेत्र का विकास अवरुद्ध न हो ऐसे पुरुष का एक अक्टूबर को जन्मदिवस मनाया जाता है।

स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस पर खूब केक काटे गए और मिठाई भी खूब बंटी, फूल मालाओं से स्वागत हुआ, हर जगह पर रुक-रुक कर उनका स्वागत हुआ, सब चीज देखने को मिला और देखने को भी क्यों ना मिले क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद पहला जन्मदिवस था और इस जन्मदिवस पर भीड़ तो बढ़नी थी, क्योंकि पद बड़ा है और इस पद से लाभ लेने वालों की सोच भी बड़ी है… यही वजह थी कि जन्मदिन को ऐतिहासिक कहा जा सकता है क्योंकि जन्मदिवस दो दिनों से मनाया जा रहा था, अब जन्मदिवस के बाद स्वास्थ्य मंत्री को भी मनन चिंतन करना होगा पूर्व व वर्तमान की स्थितियों पर। कभी एक केक को तरसते पूर्व विधायक की हैसियत वाले आज के मंत्री को इतना मान मिला की वह गदगद नजर आए वहीं जिन्हे भी मौका मिला उन्होंने उन्हे सम्मानित करने का मौका नहीं छोड़ा।

ऐतिहासिक जन्मदिवस मनाने वालों में स्वार्थी भी पीछे नहीं थे, वह भी इस भीड़ में आगे चल रहे थे और बता रहे थे कि हमसे बड़ा स्नेही आपका कोई नहीं, आपके विषम परिस्थिति में भी हम आपके साथ थे और आज भी हम आपके साथ हैं, पर दुविधा तब उत्पन्न होती है जब यही स्नेही विधायक ना होने पर भी इतने ही आयोजन करते और स्वयं का पैसा लगाकर कार्यक्रम आयोजित करते तो शायद यह बात सही मानी भी जा सकती थी पर आज इस बात को सही माने या फिर सिर्फ स्वार्थ कहें, यह तो अब चर्चा का विषय बन चला है।

वैसे अधिकारी कर्मचारी भी पीछे नहीं थे कुछ बैकुंठपुर से भी रात में ही पहुंच गए थे और जी हुजूरी में लगे थे जबकि स्वास्थ्य मंत्री के विभाग से उनका कोई लेना देना नहीं था। वैसे उनके ही विधानसभा में कई ऐसे लोग भी उनके लिए खुद को कालीन बना लिए थे, जो पूर्व कांग्रेस विधायक के भी खास थे और अब स्वास्थ्य मंत्री के दिल के वह करीब हैं। वैसे स्वास्थ्य मंत्री के लिए मजबूरी का भी विषय है क्योंकि वह आम जनता के प्रति जितना आदर भाव नहीं साबित कर पाते उससे ज्यादा उन्हे चापलूसों के सामने साबित करना पड़ता है और वह खुद इस बात से आज तक शायद आश्वस्त नहीं हैं की वह जीते हैं या जिताए गए हैं? वैसे जिस तरह उनसे स्वार्थी लोग जुड़े हैं यह कहना गलत नहीं होगा की वह जीते नहीं जिताए गए हैं।

कैबिनेट मंत्री बनने के बाद इनका पहला जन्मदिवस था जो ऐतिहासिक देखने को मिला, रायपुर से घर वापसी आने तक जगह-जगह इनका जन्मदिवस मनाया गया फूल माले से स्वागत किया गया और इन्हें जन्मदिवस की बधाई दी गई, साथ ही जन्मदिवस के दिन भी स्वास्थ्य मंत्री पूरे व्यस्ततम समय में व्यस्त रहे क्योंकि उनके लिए हर जगह कार्यक्रम आयोजित किया गया था और हर समर्थन वाले व्यक्ति ने अपने सामर्थ्य अनुसार उनके लिए कार्यक्रम आयोजित किया, कहीं छोटा तो कहीं बड़ा पर स्वागत तो उनका हर जगह हुआ, पूरा दिन ही जन्मदिन के स्वागत कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री व्यस्त रहे स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिन ऐतिहासिक इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि उनके जन्मदिवस पर सैकड़ो केक काटे गए, साथ ही लड्डू से भी वह तौले गए, कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहे और जो आगे होते रहेंगे यह भी उनका प्रयास है जो खुद वह मंच से बताते रहे जिन्हे इसका जिम्मा मिला है।

सोशल मीडिया पर भी स्वास्थ्य मंत्री को बधाई संदेश मिलते रहे। हर किसी ने बधाई दी। सबसे ज्यादा बधाई उन्होंने दी जिन्हे ज्यादा कुछ उनसे उम्मीद थी वहीं उनका समय उन्हे मिला जो उनसे इस चुनाव में करीब से जुड़े। देखा जाए तो स्वास्थ्य मंत्री का यह जन्मदिवस उनके लिए ऐतिहासिक रहा प्रदेश के लिए एक राजा का भव्य जुलूस जैसा पहले से प्रथा थी चली आई वही समझ लिया जाए तो उससे ज्यादा कुछ नहीं था इस आयोजन में। लगा था की कुछ बदलेगा लेकिन लोकतंत्र में शाही अंदाज उनका नजर आया,प्रजा नतमस्तक होती गई राजा को बधाई देती रही वहीं राजा कुछ ज्यादा न दे सके न कुछ कर सके।

स्वास्थ्य मंत्री का जन्मदिवस भी काफी खर्चीला रहा और काफी पैसा लोगों ने खर्च किया वहीं कई जगह के सांस्कृतिक कार्यक्रम यह साबित कर गए की उनके जन्मदिवस पर मितव्ययता की बात करने वाली वर्तमान सरकार पैसे की बरबादी करती नजर आई। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा की उनका जन्मदिवस उनके लिए ही ऐतिहासिक रहा प्रदेश के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इस दिन उन्होंने कुछ किया नजर नही आया न सुनाई दिया। अब क्या जो उम्मीद जन्मदिवस के पूर्व था की वह कोई बड़ी घोषणा या ऐलान स्वास्थ्य विषय में करेंगे और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए उनका पहला जन्मदिवस ऐतिहासिक होगा वह कहीं नजर नहीं आया। वैसे बता दें, अब यह लोगों की सोच है की वह कोई बड़ी घोषणा प्रदेश के लोगों के लिए स्वास्थ्य संबध में करेंगे क्योंकि उन्हें इस जन्मदिवस ज्यादा ही मान मिल पाया है।

स्वास्थ्य मंत्री जन्मदिवस मनाते मनाते ही कोई बड़ी घोषणा स्वास्थ्य संदर्भ में करेंगे यह लोगों को उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं, स्वास्थ्य मंत्री लड्डुओं और केक के बीच ही समय काटते दिनभर नजर आए। देखा जाए तो उनका स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल वाला पहला जन्मदिवस जहां किसी बड़ी घोषणा या उपलçध के लिए माना जा रहा था जो वह सौगात स्वरूप प्रदेश की जनता को प्रदान करते वैसा हुआ नहीं और केवल केक और लड्डू फूल माला तक ही पूरा उनका दिनभर का व्यस्त कार्यक्रम चलता रहा।


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