बैकुण्ठपुर@नगरपालिका के हर मामले में विधायक व जिला अध्यक्ष कितने दोषी?

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पर्यवेक्षक सभी का बयान दर्ज कर बंद लिफाफा लेकर राजधानी रायपुर हुए रवाना,तीन सदस्यीय पर्यवेक्षकों के दल की रिपोर्ट से होगा तय

सभी का बयान राजीव भवन में हुआ तो विधायक व जिलाध्यक्ष का बयान विधायक निवास में क्यों?पार्षदों को किसी के भी विरोध में बयान दर्ज कराने से विधायक ने किया था मनाःसूत्र

रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 09 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। नगरपालिका हर मामले में विधायक व जिला अध्यक्ष कितने दोषी? कोरिया जिले की दो नगरपालिकाओं में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की हार का आखिर जिम्मेदार कौन? विधायक दोषी या जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दोषी या कोई और है हार का दोषी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा भेजे गए तीन सदस्यीय पर्यवेक्षकों के दल की रिपोर्ट से होगा तय। पर्यवेक्षकों सभी का बयान दर्ज कर बंद लिफाफा लेकर राजधानी रायपुर हुए रवाना। सूत्र की मने तो पार्षदों को किसी के भी विरोध में बयान दर्ज कराने से विधायक ने किया था मना, विरोध में बयान दर्ज कराने की जानकारी सीसीटीवी फुटेज से निकालने की भी विधायक ने दी धमकी। विधायक व जिलाध्यक्ष का बयान पैलेश में हुआ दर्ज, शेष अन्य का राजीव भवन में,इस पर भी उठ रहे सवाल। विधायक ने पार्षदों के बयान के दौरान खुद की भी उपस्थिति कमरें में चाही। पर्यवेक्षकों ने किसी को भी बयान दर्ज करते समय नहीं आने दिया अलग से कमरे के अंदर। सभी का बयान राजीव भवन में विधायक व जिलाध्यक्ष का बयान विधायक निवास में क्यों?
कोरिया जिले की दो नगरपालिकाओं जिसमें जिला मुख्यालय का बैकुंठपुर नगरपालिका साथ ही शिवपुर चरचा नगरपालिका जो जिला विभाजन के बाद जिले की दो ही शेष रह जा रही नगरपालिकाएं हैं में हुए नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम वार्ड पार्षदों के चुनाव के हिसाब से सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के पक्ष में भले ही आ गई रहीं हों लेकिन अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान बहुमत के बावजूद सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी जिला मुख्यालय बैकुंठपुर नगरपालिका में अपना अध्यक्ष नहीं बना सकी और वहीं शिवपुर चरचा नगरपालिका में उपाध्यक्ष पद से भी बहुमत के बावजूद सत्ताधारी दल को हांथ धोना पड़ा था और इस हार को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पी एल पुनिया,प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित चुनाव में कोरिया जिले का चुनावी प्रभार देख रहे नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया की नाराजगी सामने आई और प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी से तत्काल तीन सदस्यीय पर्यवेक्षकों का दल कोरिया जिले के नगरपालिका में बहुमत के बावजूद हार के लिए गठित करते हुए भेजा गया जिसे यह भी आदेशित था कि यह रिपोर्ट एक सफ्ताह में प्रस्तुत की जाए और जिससे दोषियों पर कार्यवाही तय हो सके। प्रदेश प्रभारी, मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री सहित प्रदेश अध्यक्ष की नाराजगी से यह भी समझ मे आ गया कि चुनाव में हार की समीक्षा होकर रहेगी और दोषी कोई भी उसपर कार्यवाही भी तय होगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से गठित पर्यवेक्षकों का दल गुरुवार को बैकुंठपुर राजीव भवन पहुंचा जहां उन्होंने सभी का बयान दर्ज किया।

बहुमत के बाद हार का कौन है जिम्मेदार,तय होगा दर्ज बयानों से

कोरिया जिले में नगरपालिका चुनावों में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी बहुमत के बावजूद एक नगरपालिका में अध्यक्ष पद गवां बैठी और दूसरी में उपाध्यक्ष और यह सभी कुछ इस तरह हुआ कि जो सत्ताधारी कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व तक को झंकझोर गया और स्वयं मुख्यमंत्री ने भी पूरे विषय पर जांच कर कार्यवाही की बात तक कह डाली। कोरिया जिले की दोनों नगरपालिकाओं क्रमशः बैकुंठपुर व शिवपुर चरचा में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद की हार किन कारणों से हुई और इसका जिम्मेदार कौन है यह तय करने प्रदेश कांग्रेस कमेटी से पहुंची तीन सदस्यीय जांच दल जिसने जिले की दोनों नगरपालिकाओं के प्रत्येक कांग्रेसी पार्षदों का बयान दर्ज किया और पार्टी के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं का भी बयान दर्ज कर बंद लिफाफे में रखकर राजधानी रायपुर रवाना हो गया।जांच दल के पर्यवेक्षकों ने सभी का अलग अलग एक एक करके बयान दर्ज किया है और अब उन बयानों की समीक्षा राजधानी में पार्टी कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठों के द्वारा किया जाएगा और दोषियों के नाम तय कर उनपर कार्यवाही भी की जाएगी। अब दोषी कौन है यह बंद लिफाफों के बयान से ही पता चल सकेगा और उसके बाद ही कार्यवाही भी हो सकेगी।

पार्षदों सहित पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का बयान दर्ज हुआ राजीव भवन में

प्रदेश कांग्रेस कमेटी से पहुंचे पर्यवेक्षकों के दल ने कोरिया जिला मुख्यालय स्थित राजीव भवन पहुंचकर सभी कांग्रेसी पार्षदों का बयान दर्ज किया साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं का भी बयान राजीव भवन में ही क्रमशः अलग अलग बुलाकर बंद कमरे में दर्ज किया गया जो कई घंटों की प्रक्रिया रही जैसा कि बताया जा रहा है।

बयान दर्ज कराने से पूर्व विधायक ने पार्षदों को चेतावनी भी दी

सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि राजीव भवन बैकुंठपुर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस कमेटी से गठित पर्यवेक्षकों के दल के समक्ष कांग्रेस के पार्षदों के बयान के पूर्व विधायक ने सभी पार्षदों को यह चेतावनी भी की कोई भी पार्षद किसी की भी शिकायत बयान में दर्ज न कराये। सूत्रों का यह भी कहना है विधायक ने बाकायदा चेतावनी देकर कहा कि राजीव भवन के कमरे में लगे सीसीटीवी फुटेज से उन्हें सभी के बयानों की जानकारी मिल ही जानी है इसलिए वह यह सोचकर ही अपना बयान दर्ज कराएं की उनके ऊपर नजर बनी हुई है और उनके द्वारा की गई किसी भी शिकायत की जानकारी मिल ही जानी है।

पर्यवेक्षकों के साथ बयान लेने के दौरान विधायक को बैठने नही दिया गया

बताया यह भी जा रहा है कि बैकुंठपुर विधायक चाहती थीं कि जब पार्षदों सहित पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का बयान दर्ज किया जा रहा हो तो वह भी पर्यवेक्षकों के साथ कक्ष में उपस्थित रहें। विधायक की इस चाहत को पर्यवेक्षकों ने मानने से इंकार कर दिया यह भी सूत्रों का कहना है। बताया तो यह भी जा रहा है कि पर्यवेक्षकों के समक्ष जमकर शिकायत हुई है और यही वजह है कि पर्यवेक्षकों को बहुत लंबा समय बयान दर्ज करने मे लग गया।

विधायक व जिलाध्यक्ष का बयान पैलेश में दर्ज होने को लेकर भी उठ रहे सवाल

बताया यह भी जा रहा है कि बैकुंठपुर विधायक सहित जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी कोरिया का बयान राजीव भवन में दर्ज न होकर पैलेश में विधायक निवास पर दर्ज हुआ जिसको लेकर भी अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जब अन्य सभी के बयान राजीव भवन में दर्ज हुए तो कुल दो लोगों का बयान पैलेश में क्यों जाकर दर्ज किया गया। कुछ कांग्रेसियों का ही कहना है कि यह गलत है क्योंकि राजीव भवन पार्टी का कार्यालय है और सभी को समान रूप से मानकर सभी का बयान राजीव भवन में ही दर्ज किया जाना चाहिए था जैसा नहीं किया गया।

विधायक सहित जिलाध्यक्ष पर भी लगें हैं हार के आरोप

बताया जा रहा है कि कांग्रेस को सत्ता में आये 3 वर्षों के अंतराल में कोरिया जिले के कांग्रेसियों को कभी ऐसा अवसर नहीं मिला था जहां वह अपना विरोध जो सत्ता और संगठन की जुगलबंदी से लगातार जारी था को लेकर जता सकें और खुलकर विरोध कर सकें।यह पहला मौका था जब सभी को मौका मिला और सभी ने शिकायत की है सत्ता की भी आउट संगठन की भी यह भी सूत्रों का कहना है।

विधायक व जिलाध्यक्ष से पार्टी के वरिष्ठ भी नाराज

बताया जा रहा है कि विधायक और जिलाध्यक्ष का बयान अलग से पैलेश में जाकर दर्ज किए जाने को लेकर सवाल तो उठे ही वहीं हार में दोनों की संलिप्तता को लेकर भी सवाल उठे,बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष सहित सांसद भी दोनों से नाराज हैं और जिसका इजहार भी उन्होंने किया है।

कुछ कांग्रेसी भी आपस में भिड़े

समीक्षा बैठक के दौरान कुछ कांग्रेसी आपस में भीड़ गए और बात गाली गलौज तक पहुंच गई बीच-बचाव में मामला खत्म किया गया फिर भी जो चीजें नहीं होनी थी वह हो गई बाहर यह संदेश आया कि कांग्रेसियों में अंदर ही अंदर द्वेष धधक रहा है। सूत्रों की माने तो विवाद पूर्व जनपद उपाध्यक्ष व विधायक समर्थकों के बीच हुआ था। ब्लॉक अध्यक्ष के बीच बचाव में मामला शांत हुआ।


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