बार बार बना रहे जांच कमेटी कार्रवाई का नाम नहीं…
सेंट जेवियर्स ग्रूप को दे रहे विशेष अभयदान…
बिलासपुर,17 सितम्बर 2024 (ए)। भारी दबाव के बीच डीईओ टी आर साहू ने सेंट जेवियर्स ग्रुप के चार स्कूलों को सीबीएसई से एफिलेशन नहीं मिलने की शिकायत की जांच के लिए फिर से नई कमेटी बना दी है। ध्यान देने वाली बात यह है कि कमेटी में दो वही चेहरे हैं, जो पिछली जांच कमेटी में शामिल थे, जिन्होंने तय समय में जांच कर रिपोर्ट नहीं दी थी। अब फिर से उन्हीं चेहरों को जांच का जिम्मा सौंपने से डीईओ की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने 4 माह पहले डीईओ और कलेक्टर को एक शिकायत कर यह दावा किया है कि सेंट जेवियर्स ग्रुप के सिरगिट्टी, जबड़ापारा सरकंडा, उसलापुर और कोटा में संचालित स्कूलों को सीबीएसई से एफिलेशन नहीं मिला है, इन स्कूलों को जिला शिक्षा विभाग से सिर्फ 8वीं तक कक्षा संचालित करने की अनुमति मिली हुई है, लेकिन इन स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड से एफिलेशन मिलने का झूठा दावा करते हुए हाईस्कूल की कक्षाएं संचालित की जा रही है। मामले की शिकायत पर डीईओ साहू दिखावे के लिए जांच टीम बना रहे हैं, लेकिन अब तक दो कमेटियों ने रिपोर्ट नहीं दी है। समय पर रिपोर्ट नहीं देने पर एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने बीते दिनों समर्थकों के साथ डीईओ का घेराव किया था। उसी दिन डीईओ साहू ने मामले की जल्द जांच कराने का फिर आश्वासन दिया, लेकिन एनएसयूआई नेता इस बार उनकी बातों पर भरोसा नहीं किए। वे जांच रिपोर्ट देने की तारीख लिखकर देने पर अड़े रहे। अलबत्ता, डीईओ साहू ने उन्हें लिखकर दे दिया है कि 20 सितंबर को उन्हें जांच रिपोर्ट दे दी जाएगी। यह जांच रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी डीईओ ने नोडल अधिकारियों को दिया है। उनसे दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। यह आदेश 11 सितंबर को जारी हुआ है। नई टीम में भी दो पुराने चेहरे ही हैं, इससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब ये अधिकारी इससे पहले जांच कर रिपोर्ट नहीं दिए तो अब क्या गारंटी है कि ये अब जांच रिपोर्ट देंगे। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह का कहना है कि बार बार जांच टीम गठित करने से ये तो साबित हो गया है कि सेंट जेवियर्स ग्रुप के उक्त चारों स्कूलों में फर्जी तरीके से हाईस्कूल की कक्षाएं संचालित की जा रही है। उनका कहना कि अगर इस बार समय पर जांच रिपोर्ट नहीं दी गई तो डीईओ, जांच अधिकारी और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोर्ट में परिवाद पेश किया जाएगा। इनसे कोर्ट में जवाब मांगा जाएगा।