नई दिल्ली@ अरविंद केजरीवाल आज देंगे इस्तीफ ा

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नई दिल्ली,16 सितम्बर 2024 (ए)।
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को लेकर अब कयास और तेज़ हो गया है। अरविंद केजरीवाल मंगलवार को अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे, जिसके बाद ही ये साफ हो पाएगा कि वे किसके हाथों में कमान देने जा रहे हैं।जिसके लिए आम आदमी पार्टी की अहम बैठक हुई, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की गई. केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद ये पहली बैठक थी लेकिन इन सबके बीच कुछ नामों की चर्चा भी तेज है, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. इसमें दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी भी शामिल हैं।
सीएम की रेस में ये बड़े नाम
इस रेस में दूसरे नंबर पर सौरभ भारद्वाज है, जो आंदोलन के वक्त से जुड़े हैं। वहीं इस लिस्ट में कैलाश गहलोत और गोपाल राय का नाम भी सामने आ रहा है। हालांकि बीजेपी दावा कर रही है कि केजरीवाल दिल्ली में लालू मॉडल अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने अपना इस्तीफा देने के लिए एलजी से वक्त मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद तिहाड़ से निकले अरविंद केजरीवाल ने अपने पहले संबोधन में ही सीएम पद से इस्तीफा देने और जल्द चुनाव करवाने की सिफारिश भी कर दी थी। राजनीतिक पंडितों के मुताबिक ऐसा करके केजरीवाल बीजेपी से दो कदम आगे निकल गए हैं. उन्होंने ऐसा दांव चल दिया है, जिससे पार पाने में बीजेपी को मशक्कत करनी पड़ रही है।
क्या पब्लिक का
मिल पाएगा आपको साथ?

असल में अरविंद केजरीवाल के जेल जाने और एलजी विनय सक्सेना की ओर से दिल्ली सरकार के कई अधिकारों को खुद में निहित करने से प्रदेश में जनकल्याण के तमाम काम अटके पड़े हैं। इस स्थिति के लिए लोग एलजी और केंद्र सरकार को दोषी मानते हैं। उनका कहना है कि एलजी को दिल्ली सरकार के काम में अड़ंगे लगाने के बजाय उसे काम करने देना चाहिए था लेकिन सत्ता की लड़ाई में केंद्र सरकार ने पब्लिक को मोहरा बना दिया।
फरवरी 2025 तक है
असेंबली का कार्यकाल

इसके चलते लोगों की हमदर्दी केजरीवाल के साथ बनी हुई है और कथित शराब घोटाले का आप पर खास असर पड़ता नहीं दिख रहा। अरविंद केजरीवाल और पार्टी के दूसरे रणनीतिकार भी इस स्थिति को बखूबी भांप रहे हैं।
क्या केजरीवाल ने ये गुणा- भाग लगाकर लिया फैसला?
सीएम केजरीवाल का आकलन है कि अगर जल्द ही चुनाव हो जाते हैं तो पार्टी को हमदर्दी वोट बड़ी तादाद में मिलेंगे, जिससे पार्टी को तीसरी बार सत्ता में आने से कोई रोक नहीं सकेगा. वहीं अगर जनवरी में चुनाव होते हैं तो दिल्ली में दमघोंटू माहौल की वजह से परिस्थितियां सरकार के खिलाफ होती हैं। उस स्थिति में आम आदमी पार्टी को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ सकता है। यही वजह है कि केजरीवाल ने जेल से निकलते ही बीजेपी के सामने 2 बड़े दांव चल दिए हैं, जिसका तोड़ निकालना उसके लिए अभी बाकी है।


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