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अम्बिकापुर @दारूबाज जेठ की वजह से कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की हुई फजीहत

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-विशेष सवांददाता-

अम्बिकापुर 27 अगस्त 2024 (घटती-घटना)। क्या मंत्री का रिश्तेदार और परिवार का सदस्य होना काफी है कानून तोड़ने के लिए…क्या केवल इसी एकमात्र कारण से किसी कानून के रखवाले को भी दंडित किया जा सकता है क्योंकि उसने किसी मंत्री के रिश्तेदार को कानून तोड़ने से मना किया हो या उसके विरुद्ध कार्यवाही की कोशिश की हो। ऐसा ही सवाल अंबिकापुर के एक मामले में खड़ा हो रहा है क्योंकि उसने एक मंत्री के रिश्तेदार को बस स्टेंड में शराब पीने से मना किया और उसके ऊपर कार्यवाही की कोशिश की,पुलिसकर्मी की इस कार्यवाही के दौरान मंत्री का रिश्तेदार जो खुद को प्रदेश की एकमात्र महिला मंत्री का जेठ बता रहा था और उसी रुतबे का धौंस दिखा रहा था का पुलिसकर्मियों सहित कुछ अन्य लोगों ने वीडियो बना लिया । लेकिन मंत्री के जेठ पर कोई कार्यवाही हुई या नहीं हुई इसका पता नहीं चल पा रहा है वहीं अब लोगों का यह कहना है की क्या मंत्री का रिश्तेदार होना क्या काफी है कानून तोड़ने के लिए।
वैसे मामले का वीडियो बनाया गया है वह सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग मंत्री को ट्रोल भी कर रहे हैं क्या…मंत्री का जेठ होना या रिश्तेदार होना…काफी है कानून तोड़ने के लिए… खुलेआम शराबखोरी करने के लिए जिसके लिए आम आदमी पर तत्काल कार्यवाही है…जुर्माना है…वही सार्वजनिक शराबखोरी यदि कोई मंत्री का रिश्तेदार करता है…तो वह निर्दोष है… इस तरह के कई सवाल भी लोग खड़े कर रहे हैं। वैसे वायरल वीडियो में देखा भी जा सकता है कि…जो व्यक्ति खुद को महिला मंत्री का जेठ बता रहा है…वह अपना चेहरा भी छिपा रहा है…और वह साथ ही यह भी पुलिस को धौंस दिखा रहा है कि…वह फोन लगाते ही पुलिस वालों की बात मंत्री से करा देगा और वह उनका सगा जेठ है। पुलिस वाले भी उससे यही सवाल कर रहे हैं… कि क्या मंत्री का रिश्तेदार होना…उसे कानून तोड़ने की इजाजत देता है…।

वहीं उस पुलिसकर्मी की गलती मात्र इतनी है कि…वह कानून का पालन कराने का काम कर रहा था…कानून तोड़ने पर सार्वजनिक शराबखोरी करने पर वह एक व्यक्ति को कानून का पाठ सीखा रहा है…और वह इस बात से अनजान होकर कि वह व्यक्ति जिसे वह कानून का पाठ सीखा रहा है वह मंत्री का जेठ है…अपना काम ईमानदारी से कर रहा है। अब बताया जा रहा है कि…मामले में पुलिसकर्मी की शिकायत भी पुलिस ही नहीं ले रही है…क्योंकि मामला मंत्री से जुड़ा होने के कारण बात कुर्सी की हो गई है…और बड़े कुर्सी पर बैठे विभाग के ही अधिकारी मामले में छोटे पुलिसकर्मी पर कार्यवाही करके मंत्री के सामने अपना नंबर बढ़ा लेंगे…और इसके एवज में एक छोटे पुलिसकर्मी की बलि चढ़ती है तो चढ़े…। पूरे मामले में यह भी देखने को मिला कि…दोषी व्यक्ति को इसलिए निर्दोष साबित करने का प्रयास किया गया क्योंकि मंत्री का रिश्तेदार है…और इस वजह से कानून को उसके नीचे माना गया और उसे बचाया गया…। आम आदमी पर कार्यवाही में कोई विलंब नहीं करने वाली व्यवस्था… मंत्री के रिश्तेदार मामले में इतने मजबूर साबित हुए कि…उन्हे अपने ही एक कर्मी पर कार्यवाही करनी पड़ी…क्योंकि यदि ऐसा वह नहीं करते बड़े अधिकारियों की कुर्सी चली जाती…।

प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में उन्ही के मंत्री के परिवार के सदस्य से जुड़े इस मामले में आज प्रदेश भर में यह चर्चा आम है कि क्या यही वह सरकार है जिसने प्रदेश को बेहतर कानून व्यवस्था देने की बात की है। आज मामले में सभी जगह खासकर सोशल मीडिया में यह बात काफी तेजी से फैल चुकी है और लोग इस विषय में अपनी प्रतिक्रिया लगातार यह कहकर दे रहे हैं कि…यदि मंत्री का ही रिश्तेदार जेठ ऐसा करेगा…और कानून कार्यवाही में मजबूर होगा…तब प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी…। वैसे मंत्री के जेठ पर कार्यवाही की मांग भी हो रही है और कार्यवाही नहीं होने पर उसका मनोबल बढ़ेगा वह कानून के रखवालों को भी पराजित करने वाले नजरिए से देखेगा यह भी लोगों का कहना है और इसलिए उसके विरुद्ध आम लोगों की ही तरह कार्यवाही की मांग लोग कर रहे हैं।

मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि क्षेत्र की महिला मंत्री हैं जिनके एक रिश्तेदार का मामला सामने आया है, क्षेत्र के लिए पहले तो यह गौरव का विषय है कि एक महिला क्षेत्र की पहली बार विधायक बनती हैं और उन्हें मंत्री पद मिलता है बड़ी जिम्मेदारी मिलती है वहीं उनके परिवार के सदस्यो की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने आचरण से कोई ऐसी कमी जाहिर न होने दें जिससे उनकी छवि पर बुरा असर पड़े।


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