@फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी का खुलासा और पेंशन की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों का प्रदर्शन।
@ दिव्यांगों का भला सोचने वाली सरकार…आखिर क्यों उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए कर रही है बेबस…?
@ स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी का नाम भी है शामिल फर्जी दिव्यांग बनकर नौकरी करने वालों की सूची में…
@ छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ वास्तविक दिव्यांगों को मिलने वाले लाभ के लिए लड़ रहा है लड़ाई…
@ फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले वास्तविक दिव्यांगों के अधिकारों का कर रहे हनन…इतने बड़े मामले में सरकार क्यों चुप बैठी है?
-विशेष संवाददाता-
अम्बिकापुर/रायपुर,27 अगस्त 2024 (घटती-घटना)। दिव्यांगों के हित की रक्षा कौन करेगा यह बात इस समय इसलिए उठ रही है क्योंकि वास्तविक दिव्यांगों के हक को फर्जी दिव्यांग मार रहे हैं, शिकायत के बावजूद न तो जांच हो रही है और ना ही कार्यवाही और ना ही दिव्यांगों की रक्षा करने वाली सरकार दिव्यांगों को सुख सुविधा दे पा रही है जिस वजह से आज दिव्यांगों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है,जो सरकार के लिए कहीं ना कहीं मुंह पर तमाचा मारने जैसा है,छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ 28 अगस्त को पैदल मार्च निकालेगा,फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी पाने वालों का नाम उजागर करना, पेंशन सहित कई मांगों को लेकर दिव्यांग संघ में शामिल लोग सीएम निवास तक पैदल मार्च निकालेंगे। इस प्रदर्शन के दौरान जो सबसे विचित्र बात रहेगी वह यह रहेगी की सरकार के नुमाइंदे केवल इसलिए इसे रोकने या बाधित करने का प्रयास करेंगे क्योंकि इस रैली से कई फर्जी दिव्यांग बनकर अधिकारी बने हुए अधिकारी भी प्रभावित हो सकते हैं। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी का भी नाम शामिल है जो फर्जी दिव्यांग बनकर नौकरी कर रहा है जिसे स्वास्थ्य मंत्री का संरक्षण है और जिसके खिलाफ खबर प्रकाशित करना भी दैनिक घटती-घटना समाचार पत्र कार्यालय पर बुलडोजर चलने का एक कारण बना था।
ज्ञात हो की सरकार दिव्यांगों के लिए कई योजना लाती है और दिव्यांगों को मजबूत बनाने के लिए तरह-तरह से प्रयास किए जाते हैं, ताकि ईश्वर के सताए हुए लोगों को सर उठाकर जीने का अधिकार मिल सके,इसके लिए कई नियम भी बनाए गए रोजगार देने की भी पहल की गई है पर दिव्यांगों के बीच में भी कुछ ऐसे लोग हैं जो उनके हक को भी मारकर उनके हक को छीन रहे हैं और ऐसे मामले पूरे देश में इस समय उदाहरण बने हुए हैं,जो सही में दिव्यांग है उनके हक फर्जी दिव्यांग छीन रहे हैं। सरकार भी वास्तविक दिव्यांग के अधिकार को मारने वालों पर कार्यवाही करने से बच रही है क्योंकि फर्जी दिव्यांग सरकार को अपनी मर्जी से चला रहे हैं इतनी ऊंची पहुंच व पकड़ है की शिकायत कोई भी कर ले ना जांच होगी ना कार्यवाही होगी और सही दिव्यांग अपने हक खो रहे हैं। इस समय छत्तीसगढ़ में दिव्यांग संघ फर्जी तरीके से फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों को लेकर लगातार शिकायत कर रहा है और जांच कार्यवाही की मांग कर रहे हैं ताकि सही दिव्यांगों को उनका हक दिला सके।
फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र मामले में सुçर्ख़र्खयों में है स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी…
स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर ही चुने गए हैं और इसके लिए उन्होंने श्रवण बाधित बनकर उसका फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनवाकर यह नौकरी हासिल की है। स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी का दिव्यांग प्रमाण-पत्र फर्जी है यह हम नहीं कह रहे हैं यह प्रदेश का दिव्यांग संघ कह रहा है और उसका कहना है की सभी को सरकारी नौकरी से बाहर निकालने की कार्यवाही करे वरना वह बड़ा आंदोलन करेंगे क्योंकि फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनवाकर ऐसे लोग दिव्यांग लोगों का हक मार रहे हैं और वह ऐसा इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि उनकी पहुंच ऊपर तक है। स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी की कुर्सी हथियाने वाले अधिकारी की पहुंच भी ऊंची है उनके एक भाई राज्य प्रशासनिक सेवा के ही अधिकारी हैं और वह पूर्व में मुख्यमंत्री के ओएसडी रह चुके हैं और उस समय माना जा रहा है अपने भाई को वह बचाने का काम करते थे वहीं अब खुद उनका भाई स्वास्थ्य मंत्री से जाकर इसलिए चिपक गया है उनका ओएसडी बन गया है क्योंकि उसे भी मालूम है वर्तमान सरकार में उसका बचाव एक ही व्यक्ति गलत होने के बावजूद भी कर सकता है वह खुद स्वास्थ्य मंत्री हैं जो अपने तथाकथित भतीजे की भी फर्जी डिग्री मामले में उसके भ्रष्टाचार मामले में उसके साथ खड़े हैं उसे कोरिया से भी बड़ा जिला देकर उसका मनोबल भ्रष्टाचार के लिए बढ़ा चुके हैं। अन्य कोई और उसकी मदद नहीं करेगा यह वह जानकर ही स्वास्थ्य मंत्री से जा चिपके हंै।
मोदी की गारंटी का नाम से आई छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार में ही डूबती जा रही है?
वैसे छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा की इस बार की सरकार कई बड़े वादों के साथ वापसी कर सकी है जिसमे भ्रष्टाचार को भी मिटाना उसका वादा है या जिसे उन्होंने मोदी की गारंटी का नाम दिया है लेकिन जैसे जैसे सरकार का कार्यकाल आगे बढ़ रहा है यह देखने को मिल रहा है की सरकार भ्रष्टाचार में ही डूबती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग में तो केवल भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है वह स्वास्थ्य मंत्री के भतीजे का मामला हो या उनके ओएसडी का मामला हो जिसमे एक फर्जी डिग्री वाला संविदा अधिकारी है और भ्रष्टाचार मचाता फिर रहा है वहीं एक फर्जी दिव्यांग बनकर बड़ा अधिकारी है और स्वास्थ्य मंत्री का खास है। यदि देखा जाए तो प्रदेश में भाजपा की नई सरकार की किरकिरी केवल स्वास्थ्य मंत्री के कारण ही हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री की मनमानी और उनकी स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति जो महत्वपूर्ण पदों पर व्यवस्था के तहत की गई है वह यह साबित करता है की किस तरह चुन चुन कर भ्रष्टाचारियों को पद दिया गया जो मरीजों के हक का जितना लूट सके वह उतने ही बड़े पद पर स्वास्थ्य मंत्री की कृपा से बैठा है।उनका खुद का तथाकथित भतीजा तो बिचौलिया भी बन चुका है अब वह किसे किस पद रखना है क्या लेना-देना है वह खुद तय करने लगा है।
फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र से नौकरी का खुलासा करने की मांग
दिव्यांग सेवा संघ का 28 अगस्त को प्रदर्शन छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के अध्यक्ष ने बताया की छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों के अधिकारों की मांगों को लेकर हमने सीएम विष्णुदेव साय,डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव,कृषि मंत्री रामविचार नेताम और महिला और बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से मुलाकात कर चुके हैं,प्रशासन स्तर पर प्रमुख सचिव, सचिव,उप सचिव, कलेक्टर और संचालक से मिल चुके हैं लेकिन दिव्यांगों के लिए किसी भी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे खिलाफ 28 अगस्त को सुबह 10 बजे से पैदल मार्च निकालेंगे,मांगे पूरी होने तक दिव्यांग पैदल मार्च निकालेंगे।
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के अध्यक्ष ने बताई दिव्यांगों की ये है प्रमुख मांगे
फर्जी दिव्यांग शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों को बर्खास्त करना,सभी दिव्यांगों को 5000 प्रतिमाह पेंशन,बीपीएल बाध्यता खत्म करना,दिव्यांग अविवाहित युवती को महतारी वंदन में शामिल करना, दिव्यांगों को पदोन्नति 4 प्रतिशत बढ़ाना, कोरोना काल से पहले दिव्यांगों के लिए कर्ज को माफ करना।
दिव्यांग संघ का प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अपनी मांगों को लेकर मुलाकात की, दिव्यागों ने प्रदेश में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र से नौकरी कर रहे लोगों के नाम का खुलासा करने, पेंशन,अन्य अधिकार और संरक्षण संबंधित बातें मुख्यमंत्री साय के सामने रखी, इसके बाद दिव्यांग संघ ने 28 अगस्त को रायपुर में विशाल दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च करने का आह्वान किया, यह पैदल मार्च 28 अगस्त को सुबह 10 बजे मरीन ड्राइव से घड़ी चौक होते हुए मुख्यमंत्री निवास तक होगा।