@ सत्ता के नशे में भ्रष्ट सुरमा…अपने आप को काफी शक्तिशाली समझ बैठे… और वह किया जिसकी प्रदेश में कल्पना भी नहीं की जा सकती थी…
@ भ्रष्ट सूरमाओं को नहीं आई शर्म…इतने बड़े निकले बेशर्म…कि शोक की बेला का भी नहीं रखा उन्होंने ध्यान…
-रवि सिंह-
रायपुर/अंबिकापुर,09 अगस्त 2024 (घटती-घटना)। भ्रष्ट सूरमा किसे कहा जाता है,इसकी संज्ञा की व्याख्या करना उतना जरुरी नहीं है, क्योंकि लगभग लोग इस वाक्य को समझ सकते हैं इसका अर्थ निकाल सकते हैं। भ्रष्ट सूरमाओं की बात इसलिए हो रही है…क्योंकि भ्रष्ट सूरमाओं को मिल गया है सत्ता…और सत्ता में मिल गया है कैबिनेट…और कैबिनेट मिलने वाले के तंत्र भी है भ्रष्ट सूरमा…। जब भ्रष्ट सूरमाओं की खबर लगती है… तो यह अपने आप को सत्ता की ताकत में बहुत ताकतवर समझ बैठते हैं…और यह समझ बैठे हैं कि उनसे बड़ा ताकतवर तो कोई नहीं है…उन्हें कोई भी हरा नहीं सकता… उन्हें कोई भी झुका नहीं सकता…उस समय इनका घमंड रावण के घमंड से भी ऊपर होता है। पर शायद यह भूल जाते हैं कि जब रावण का घमंड टूट सकता है…तो फिर सत्ता के नशे में चूर भ्रष्ट सूरमाओं का क्या होगा… प्रदेश के एक संभाग में लोकतंत्र को कुचलने के लिए भ्रष्ट सूरमाओं का किया गया प्रयास कहीं ना कहीं उन्हीं के गले की फांस बन गया है। जनता के सामने बेनकाब हो गए हैं। वह अपनी ताकत का परिचय उन्होंने तब दिया…जब सामने वाला व्यक्ति घायल अवस्था में था… और उसके बाद इतने खुश हैं कि उन्होंने कितनी बड़ी जंग जीत ली है…। वह भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलकर उसके मुंह को दबाकर इसके बाद भी कलम नहीं रोक पा रहें हैं…तो अब क्या जान लोगे…? अपनी पूरी ताकत दिखाने के बाद भी अपनी खबरों को अपनी कमियों को छापने से नहीं बचा पा रहे…पूरे प्रदेश की किरकिरी हो रही फिर भी आडंबर जारी है। बताना जरूरी है की प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री के भतीजे प्रभारी डीपीएम सूरजपुर साथ ही उनके ओएसडी को लेकर सरगुजा अंचल का दैनिक घटती -घटना समाचार-पत्र लगातार समाचार प्रकाशित कर रहा था जिसका तथ्य यह था की प्रभारी डीपीएम सूरजपुर की डिग्री फर्जी है जिसका आरोप एक व्यक्ति ने लगाया है और उनकी बर्खास्तगी की वह मांग कर रहा है। कानूनी दंड वह उसके विरुद्ध चाहता है । कोरिया जिले में रहते हुए भी प्रभारी डीपीएम स्वास्थ्य मंत्री के भतीजे के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप थे वहीं स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी की नौकरी भी फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर लगी है और जिसकी शिकायत दिव्यांग संघ नामजद कर रहा है कि किस तरह राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी संजय मरकाम जो फिलहाल स्वास्थ्य मंत्री का ओएसडी है वह शासकीय सेवक एक अधिकारी बतौर सेवा प्रदान कर रहा है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल में किस तरह स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रदेश में बुरा हाल है और स्वास्थ्य व्यवस्था प्रदेश की चरमरा गई है और इन्हीं खबरों से स्वास्थ्य मंत्री आहत हो गए और उन्होंने दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र का पहले शासकीय विज्ञापन बंद कराया और बाद में शासन स्तर से एक कानून लाकर वहीं जिला प्रशासन सरगुजा को आगे करके दैनिक घटती-घटना कार्यालय और संपादक के प्रतिष्ठान को जमींदोज करा दिया। वहीं जब इसके बाद भी समाचार-पत्र का विरोध बंद नहीं हुआ और सत्य का प्रकाशन जारी रहा। यह कयास लगाए जा
रहे हैं कि अब कोई व्यक्तिगत शारीरिक क्षति संपादक या संवाददाता को पहुंचाई जा सकती है जिसकी संभावना अब प्रबल है। वैसे दैनिक घटती-घटना का सत्य प्रकाशन का अभियान जारी है और वह इसे जारी भी रखने वाली है भले ही अब परिणाम जो सामने आए। वैसे जिस प्रदेश सरकार खासकर सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने खबरों से आहत होकर समाचार-पत्र को ही नेस्तनाबूत करने का फैसला तत्काल ले लिया वहीं स्वास्थ्य मंत्री और वही प्रदेश सरकार उन भ्रष्ट दो लोगों पर कार्यवाही नहीं कर पा रही है जिनकी यदि आज जांच की जाए तो वह पहले नौकरी से जायेंगे वहीं वह जेल भी जायेंगे क्योंकि उनका कृत्य ही कूट रचना कर नौकरी पाने का है इनमें से एक खुद स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा है जिसकी डिग्री फर्जी होने का दावा साथ ही लिखित मय सबूत शिकायत की जा चुकी है वहीं उनके ही ओएसडी जो फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी है। वैसे यदि इन दो लोगों पर कठोर कार्यवाही करने उपरांत प्रदेश सरकार दैनिक घटती-घटना कार्यालय पर संपादक पर कार्यवाही करती समझ में आता की सरकार सुशासन वाली है और वह न्याय की पक्षधर है भ्रष्टाचार के खिलाफ है लेकिन सरकार ने भ्रष्टाचारियों फर्जी डिग्री धारियों को बचाने के लिए समाचार-पत्र पर ही कार्यवाही कर दी जिससे उसकी मंशा समाने आ गई है कि वह अब भ्रष्टाचार के साथ आगे बढ़ने वाली है। वैसे वर्तमान सरकार इस घोषणा के साथ सत्ता प्राप्त कर सकी है कि वह भ्रष्टाचार की जांच करेगी 100 दिवस में कार्यवाही करेगी। वहीं यह सरकार फर्जी नियुक्तियों को लेकर भी जांच करेगी और कठोर कार्यवाही दंडात्मक करेगी लेकिन दो मामलों में सरकार जब सत्य प्रकाशित करने वाले समाचार-पत्र के खिलाफ ही कार्यवाही करने उतारू हो गई तब समझा जा सकता है कि सरकार की मंशा क्या है वह भ्रष्ट तरीके से नौकरी पाने वालों के ही पक्ष में है उनके साथ है जिनमे एक स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा है एक उनका ओएसडी। अब यह समझा जा सकता है की प्रदेश में अब बेरोजगार रोजगार पाए न पाए योग्य व्यक्ति नौकरी पाए न पाए वर्तमान सरकार में लेकिन फर्जी डिग्री वालों के साथ है सरकार फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र वालो के साथ है सरकार।