अम्बिकापुर @ कलम बंद का सैंतीसवां दिन @ खुला पत्र @मुख्यमंत्री जी के सलाहकारों की लंबी फेहरिस्त,क्या फिर भी मुख्यमंत्री को नहीं मिली सही सलाह?

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-रवि सिंह-
रायपुर/अंबिकापुर,05 अगस्त 2024 (घटती-घटना)।
दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र कार्यालय पर साथ ही संपादक के प्रतिष्ठान पर प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन सरगुजा द्वारा की गई बेदखली साथ ही कार्यालय प्रतिष्ठान को जमींदोज करने की कार्यवाही 28 जुलाई दिन रविवार को सुबह 5 बजे से तब की गई जब संपादक पित्रशोक काल में गमगीन थे और सामाजिक,धार्मिक रूप से वह पिता की आत्मा शांति हेतु निर्धारित धर्म अनुसार नियमों का पालन कर रहे थे। कार्यवाही को लेकर प्रदेश सरकार खासकर मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार भी यह नहीं ध्यान रख सके की शोक संतप्त परिवार या व्यक्ति को शोक काल में सहुनुभूति की जरूरत होती है न की उसे दंड के दायरे में परिभाषित करने की जरूरत होती है तब जब ऐसा व्यक्ति मात्र आलोचक ही है कोई अपराधी या आतंकवादी उग्रवादी नहीं। प्रदेश के मुख्यमंत्री के वैसे तो कई सलाहकार हैं, वहीं एक तो सरगुजा संभाग के ही उनके सलाहकार हैं जिनकी पृष्ठभूमि आरएसएस की है जरूर लेकिन वह आरएसएस की विचारधारा के विपरीत विशुद्ध व्यापारी हैं और सूत्रों की माने तो उनका नर्सिंग कॉलेज भी संचालित है और जिस वजह से वह स्वास्थ्य मंत्री के तथाकथित भतीजे सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम के जिसकी डिग्री ही डॉक्टरी की फर्जी है ऐसा आरोप है के उकसावे में आ गए और उन्होंने मुख्यमंत्री को ऐसा सलाह दे दिया जिससे मुख्यमंत्री एक समाचार-पत्र के ही पीछे सरकार और जिला प्रशासन को छोड़ बैठे और जिससे जिला प्रशासन भी समाचार-पत्र के पीछे पड़ गया और अपनी भड़ास लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के खिलाफ वह निकाल बैठा जो उसका दबा हुआ आक्रोश था जो या जैसा अवसर उसे बड़ी मुश्किलों से मिल पाता है।
बता दें कि मुख्यमंत्री के जिस सलाहकार की बात की जा रही है जो सरगुजा से ही आते हैं वह और प्रभारी डीपीएम सुरजपुर नर्सिंग कॉलेज संचालक हैं यह एक बड़ा जुड़ाव है जिस वजह से दैनिक घटती-घटना पर सरकार की तरफ से द्वेषवश कार्यवाही की गई क्योंकि एक ही पेशे से जुड़े होने के कारण दोनों की आपसी पहचान पहले से भी थी वहीं स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा होने के नाते विशेष सलाहकार ने प्रभारी डीपीएम की शिकायत जो दैनिक घटती-घटना के खिलाफ की गई उसको लेकर तत्परता दिखाई गई और एक हफ्ते में ही सरकार के द्वारा एक कानून बदला गया और उसके तहत मात्र दैनिक घटती-घटना के कार्यालय और संपादक के प्रतिष्ठान पर कार्यवाही करवाई गई जल्दबाजी में जिससे पितृशोक काल में ही संपादक को उस गुस्ताखी की सजा दी जा सके जो उसने प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के फर्जी डिग्री उसके भ्रष्टाचार और स्वास्थ्य मंत्री के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी करने को लेकर समाचार का प्रकाशन किया था लगातार प्रकाशन किया था और जब इस मामले में दैनिक घटती-घटना समाचार पत्र खबरों की निरंतरता कायम रखे हुए थी तब उसका शासकीय विज्ञापन बंद कराया गया और उसके बाद जब समाचार पत्र ने कलम बंद अभियान चलाकर इसका विरोध किया लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने कुचलने के इस प्रयास का विरोध किया उसका कार्यालय संपादक का प्रतिष्ठान जमींदोज कर दिया गया। वैसे इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री के खास सलाहकार सरगुजा निवासी आरएसएस से जुड़े एक व्यापारी किस्म के व्यक्ति का बड़ा हांथ है ऐसा बताया जा रहा है वहीं उस व्यक्ति को लेकर जो मुख्यमंत्री का विशेष सलाहकार बना है को लेकर यह भी बताया जा रहा है की आरएसएस से जुड़ाव उसका केवल व्यावसायिक स्वार्थ सिद्धि तक सीमित है न की समाज या हिंदू जागरण उसका उद्देश्य। वैसे भी जो व्यक्ति एक शोक संतप्त परिवार पर शोक काल में अंतिम कार्यक्रम आत्मा शांति के पूरी होने पूर्व अघात करने की सलाह किसी को दे वह किसी भी हाल में आरएसएस विचारधारा का नहीं हो सकता वह एक ढोंगी स्वार्थी ही हो सकता है। वैसे सवाल यह भी है की सरगुजा का सलाहकार कथित आरएसएस के नाम पर व्यापार करने वाला यह व्यक्ति ही मात्र मुख्यमंत्री का सलाहकार नहीं और भी उनके सलाहकार हैं वह ऐसे मामले में मुख्यमंत्री को उचित सलाह क्यों नहीं दिए जब उन्हें यह ज्ञात था की यह अनुचित है वहीं द्वेषजनित एक प्रहार है।


दैनिक घटती-घटना कार्यालय सहित संपादक के प्रतिष्ठान पर सरकार और सरगुजा जिला प्रशासन की कार्यवाही केवल उन्हीं के लिए जायज कार्यवाही है जो सत्ता साथ भ्रष्टाचार में सहभागी हैं और जिन्हे भ्रष्टाचार के विरुद्ध समाचार सरकार की ही तरह नापसंद है और अस्वीकार है। वैसे सवाल यह उठता है क्या सत्ता और प्रशासन सरगुजा जिले का इतना भयभीत हो चुका था एक समाचार-पत्र के सत्य लेखन से भ्रष्टाचार के विरोध में समाचार प्रकाशन से की उन्हे इसका एक ही उपाय नजर आया वह था बुलडोजर कार्यवाही। वैसे प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री सहित जिला प्रशासन सरगुजा दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र कार्यालय पर बुलडोजर चलाकर काफी उत्साहित नजर आया आरंभ में लेकिन जब आलोचकों की आलोचनाएं उन तक पहुंची वह शर्मशार ही हुए यह भी देखा सुना गया। शोक संतप्त संपादक के विरुद्ध कार्यवाही के लिए जब पूरा सरगुजा जिला प्रशासन बुलडोजर और भारी पुलिसबल लेकर खड़ा था कार्यवाही उसके विरुद्ध उसके प्रतिष्ठान और उसके प्रेस कार्यालय के विरुद्ध कर रहा था तब वह जिस तरह हिंदू संस्कृति अनुसार अपने पिता के मृत्यु उपरांत के क्रिया कर्म और आत्मा शांति हेतु होने वाले कार्यक्रम को छोड़कर छुरी-लोटा लेकर पहुंचा तब जिला प्रशासन के अधिकारी और बुलडोजर कार्यवाही उसके सामने बौने नजर आ रहे थे और वह खुद को ही अपना मुंह चिढ़ा रहे थे। वैसे सरकार और जिला प्रशासन की यह कार्यवाही थी तो कलम को रुकवाने की और अन्य कलमकारों को भी चेताने की जिससे सभी सहम जाएं और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लिखने से सम्हल जाएं। वैसे दैनिक घटती-घटना सरकार और सरगुजा जिला प्रशासन के ब्रह्मास्त्र प्रहार उपरांत भी अपने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान मे जुटा है डटा है और डटा रहने वाला है।


दैनिक घटती-घटना समाचार पत्र के संपादक के प्रेस कार्यालय सहित उनके प्रतिष्ठान पर एक ऐसे व्यक्ति की शिकायत पर एक कानून रद्द कर कार्यवाही की गई जिसके ऊपर भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं वहीं जिसकी डिग्री ही फर्जी होने का आरोप है शिकायत है जिसके आधार पर वह नौकरी में है। अब सवाल यह उठता है की क्या अब फर्जी डिग्रीधारी स्वास्थ्य मंत्री के भतीजे जिसके उपर भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं कांग्रेस शासनकाल के दौरान भ्रष्टाचार कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में करने के खिलाफ भी क्या दंडनात्मक कार्यवाही सरकार करेगी उसे जेल भेजेगी या फिर आरएसएस से ताल्लुक रखने वाले मुख्यमंत्री के सरगुजा से आने वाले सलाहकार उसे बचा ले जायेंगे क्योंकि दोनों हम पेशा हैं और दोनों नर्सिंग कॉलेज संचालक हैं। वैसे स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी सरगुजा जिले के ही निवासी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पर भी क्या कार्यवाही होगी जिसकी नौकरी फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर लगी है और यह आरोप दिव्यांग संघ का है जिसमे उनके द्वारा एक सक्षम व्यक्ति द्वारा एक दिव्यांग के हक को मारने का आरोप है।


भारत देश के जितने भी प्रशासक हुए या जिन्हे भी प्रशासक बनने की लालसा है सभी हमेशा भारत को लेकर विदेशों से तुलना करते हैं और उसी प्रकार की स्थिति में सुविधाओं सहित स्वतंत्रता के मामले में ले जाने की बात करते हैं लेकिन जब प्रेस की स्वतंत्रता की बात आती है अभिव्यक्ति की आजादी की बात सामने आती है तब भारत की स्थिति 169 स्थान पर नजर आती है जो चिंता का विषय है।क्या मौखिक की राजनीतिक दल प्रेस को स्वतंत्रता देने की सुरक्षा देने की बात करते हैं उनकी मंशा जबकि इसके विपरित होती है। वैसे दैनिक घटती-घटना समाचार पत्र के सत्य से परेशान सरकार और जिला प्रशासन की कार्यवाही के बाद यह कहना ही उचित होगा कि देश से बड़ा सत्ताधारियों और नौकरशाहों के लिए उनका निज स्वार्थ है जो बिना भ्रष्टाचार पूरा नहीं होने वाला और जिसके बीच आने वाले को वह कुचलकर आगे बढ़ निकलने वाले हैं क्योंकि उन्हें केवल स्वार्थ पूर्ति करना है वरना दैनिक घटती-घटना जैसे समाचार पत्र हमेशा सरकारों और प्रशासन के हाशिए पर नहीं होते बल्कि उनकी खबरों पर कार्यवाहियां होती और भ्रष्टाचारी जेलों में होते न की उन्हे प्रभारी डीपीएम सूरजपुर, ओएसडी स्वास्थ्य मंत्री की तरह फर्जी तरह से नौकरी पाने के बावजूद भी संरक्षण मिलता।


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