@ सीएमएचओ थे बलरामपुर जिले में सिविल सर्जन के रूप में पदस्थ…संघ विरोधी भाई सक्रिय है…स्वास्थ्य मंत्री के साथ इसलिए दी गई पदस्थापना…
@ सूत्रों का दावा… विधायक भईयालाल ने किया था विरोध…इसलिए कोरिया में नही हुई पदस्थापना…
-रवि सिंह-
रायपुर/अंबिकापुर 04 अगस्त 2024 (घटती-घटना)। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रहा है,लूट,खसोट,दलाली, पद के लिए बोली, मनमाफिक कार्य,नियम विरूद्व पद स्थापना विभाग की पहचान बन गई है, इन सभी का केन्द्र मंत्री का शंकरनगर रायपुर स्थित शासकीय आवास बना हुआ है, हालांकि इन सभी पर केन्द्र के गुप्तचर एजेंसी की नजर है इसके बावजूद भर्राशाही मची हुई है। विभाग में मची भर्राशाही का एक ताजा मामला कुछ दिन पहले सामने आया है जिसमें विभाग के स्थानांतरण मामले में एक ऐसे अधिकारी की पदस्थापना मंत्री ने अपने प्रभार जिले जीपीएम में की है जो कि कांग्रेस सरकार के समय काफी विवादित रहा हो। उक्त अधिकारी द्वारा कोरोना काल में आपदा में अवसर तलाश कर काफी लूट खसोट मचाई गई थी। स्थानीय भाजपाईयों से लेकर विधायक ने कोरिया में पदस्थापना को लेकर विरोध किया था जिसके बाद प्रभार जिले में पदस्थापना दी गई। एक जोरदार पहलू यह भी है कि उक्त अधिकारी का एक राष्ट्रीय स्वयं संघ विरोधी भाई स्वास्थ्य मंत्री के आगे पीछे रहता है इस वजह से उसे जिले की जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी के पीछे स्वास्थ्य मंत्री की मंशा स्पष्ट रूप से दिखलाई दे रही है। छत्तीसगढ़ शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 29 जुलाई को कुल 17 चिकित्सकों को प्रशासनिक आदेश के तहत स्थानांतरित किया गया है, उक्त आदेश के क्रम संख्या 6 पर डॉ. रामेश्वर शर्मा प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय बलरामपुर को प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में पदस्थ किया गया है। ज्ञात हो कि यह स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का प्रभार जिला भी है जहां मंत्री ने अपनी पसंद पर स्वास्थ्य अधिकारी की पदस्थापना की है।
कोरिया में पदस्थापना का विधायक भईयालाल राजवाड़े ने किया था विरोध
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने डॉ रामेश्वर शर्मा को अपने प्रभार जिले जीपीएम का प्रभारी सीएमएचओ बनाया है, उनकी पदस्थापना को लेकर पिछले कई महीने से यह खबर आ रही थी कि मंत्री द्वारा उन्हे कोरिया जिले का सीएमएचओ बनाने की कोशिश की जा रही है लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान जब उनकी पदस्थापना कोरिया जिले में थी उस दौरान डॉ. रामेश्वर शर्मा ने कोरोना काल में जिस प्रकार अफरा-तफरी मचाई, खुलेआम सत्ताधारियों के साथ मिलकर लूट-खसोट किया गया था आलम यह था कि भाजपाई दूर-दूर तक फटक नही पाते थे। तात्कालिक विधायक और उनके चंगु-मंगु के और तात्कालिक प्रभारी डीपीएम तथाकथित मंत्री के भतीजे के साथ डॉ. रामेश्वर शर्मा ने विभाग में काफी भर्राशाही मचा कर रखी थी। उस दौरान भी भईयालाल राजवाड़े समेत अनेक भाजपाईयो ने शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में कांग्रेस सरकार ने कोरिया से स्थानांतरण कर बलरामपुर भेज दिया था। प्रदेश में सरकार बनने के बाद एक बार फिर डॉ. रामेश्वर शर्मा को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कोरिया में पदस्थ करने की कोशिश की जा रही थी लेकिन जैसा सूत्रों का कहना है कि स्थानीय विधायक भईयालाल राजवाड़े समेत अनेक भाजपाईयों ने उनके नाम पर सीधे आपत्ति दर्ज कराई थी चूंकि जीपीएम में पदस्थ किए गए सीएमएचओ का एक भाई जो कि भाजपा से लेकर संघ के खिलाफ जहर उगलता है वह स्वास्थ्य मंत्री का खास बना हुआ है इस वजह से मंत्री द्वारा डॉ. रामेश्वर शर्मा को सीएमएचओ बनाने का वादा किया गया था और कोरिया में पदस्थापना का विरोध होने पर प्रभार जिला जीपीएम का प्रभारी सीएमएचओ बनाया गया है। बताया जाता है कि इसमें मंत्री के तथाकथित विवादित भतीजे प्रभारी डीपीएम सूरजपुर प्रिंस जायसवाल की भी भूमिका है क्योंकि वह उक्त अधिकारी का काफी करीबी है।