@ आपने छूरी-लोटा लेकर पुत्र को घटना-स्थल पर आने के लिए किया था विवश… आपके कलेजे को ठंडक मिली या नहीं मंत्री जी…
@ संपादक एवं पत्रकार पर बुलडोजर चलवाकर हत्या कब कराएंगे मंत्री जी…
@ खबर प्रकाशन से क्षुब्ध स्वास्थ्य मंत्री ने द्वेषपूर्वक कराई कार्यवाही…
@ अब नहीं रूकेगा घटती-घटना अखबार का कलम बंद अभियान…
–विशेष संवाददाता-
रायपुर/अम्बिकापुर,02 अगस्त 2024 (घटती-घटना)। एक पुत्र के द्वारा अपने बीमार पिता के निधन हो जाने के बाद उनके मृत शरीर को चिता में मुखाग्नि दी जाती है,पूरे 13 दिवस घर में शोक का माहौल बना रहता है। इसी बीच ठीक 5 वें दिन अखबार में प्रकाशित हो रही खबरों से क्षुब्ध होकर व्यक्तिगत दुश्मनी निकालते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बाहूबली का परिचय देकर संपादक के व्यावसायिक परिसर पर बुलडोजर चलवाने की कार्यवाही को अंजाम दिलाया,कार्यवाही के दौरान ना चाहते हुए भी अखबार के संपादक अविनाश सिंह को हिंदू मान्यताओं के खिलाफ विवश होकर जाना पड़ा,वे कार्यवाही स्थल पर छुरी-लोटा लेकर घंटो तक बैठे रहे। प्रशासनिक अधिकारी अपने अमले के साथ मिलकर स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशन में कार्यवाही को अंजाम देते रहे लेकिन संपादक ने कार्यवाही का तनिक भी विरोध नहीं किया।
शोकाकुल परिवार में 13 दिन तक क्या स्थिति रहती है,यह सभ्य समाज अच्छे से जानता है। लेकिन इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने मौके का फायदा उठाते हुए संपादक और अखबार पर अत्याचार करते हुए बुलडोजर चलवाने का काम किया एक ओर जहां इस कार्यवाही की निंदा हो रही है तो वहीं दूसरी ओर संपादक पुत्र के पिता की चिता स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल से ही सवाल कर रही है…कि चिता की आग तो ठीक से बुझी नहीं थी…ऐसे में कार्यवाही कराकर आपके कलेजे को ठंडक मिली या नहीं स्वास्थ्य मंत्री जी…। हो सकता है इस कार्यवाही के बाद स्वास्थ्य मंत्री खुशी का इजहार करते हुए इस भ्रम में होंगे कि अखबार की आवाज को दबा लिया गया है…और अब इसमें वाहवाही का प्रकाशन किया जाएगा…लेकिन यह आपकी गलतफहमी है मंत्री जी…आपके गलत कारनामें और विभागीय कमियों को प्रकाशित करने के फलस्वरूप आपने घटिया मानसिकता का परिचय देते हुए पहले तो अखबार का विज्ञापन बंद कराया इसके बाद अखबार ने कलम बंद अभियान शुरू कर दिया।
विज्ञापन बंद कराकर भी जब मन नहीं भरा तो रचा गया षडयंत्र…
विज्ञापन बंद कराकर भी जब आपका मन नहीं भरा तो आपके द्वारा इसके लिए काफी षडयंत्र रचा गया। अपने विशेष सहायक आशुतोष पांडेय के साथ मिलकर आपने एक लंबी चाल चली। सरगुजा संभाग से ही नाता रखने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तक आपने मनगढं¸त बातें रखी,वास्तविकता से दूर रखकर उन्हें विश्वास में लेकर सरगुजा जिला प्रशासन को अखबार के संपादक को नेस्तनाबूद करने का आदेश दिलाया। आनन-फानन में पूर्व का एक आदेश परिवर्तित किया गया। नोटिस देकर पहले विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी संजय मरकाम और विश्व हिंदु परिषद के नेता अमित श्रीवास्तव को रात भर संपादक के घर बैठाकर दबाव डलवाया और कार्यवाही के लिए सुबह 5 बजे लाव-लश्कर भी भेज कर संपादक का व्यवसायिक परिसर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। तब आपने यह जरूर सोचा होगा कि अब तो कलम बंद अभियान बंद
कर दिया जाएगा.. लेकिन नहीं,मंत्री जी यह आपकी गलतफहमी है…।
अखबार के संपादक ही नहीं…बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत को चुनौती…
आपने अखबार के संपादक ही नहीं…बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत को चुनौती दी है…आपका मानना है कि इस प्रकार की कार्यवाही से पत्रकारों को डराया-धमकाया जा सकता है…पत्रकार इस कार्यवाही से डर जाएंगे…और कमियों को देखते हुए भी उनका प्रकाशन भय के कारण नहीं किया जाएगा… मंत्री जी…आज के दौर में यह संभव नहीं है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ आज भले ही संघर्ष के दौर से गुजर रहा है वह भी इसलिए कि कुर्सी पर आप जैसे ओछी मानसिकता के राजनीतिज्ञों का कब्जा है। आपके मन में खबरों के प्रकाशन से इतना द्वेष था कि आपने इसके लिए पहले अपने विवादित भतीजे को इस्तेमाल किया उसके माध्यम से शिकायत कराकर यह कदम आपके द्वारा उठाया गया है,जो कि निंदनीय है। आपने अपनी कुर्सी की शक्ति का भरपूर इस्तेमाल लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ तो कर लिया…लेकिन आपको भी एक ललकार है…कि आप प्रदेश की भ्रष्ट और वेंटिलेटर पर जा चुकी स्वास्थ्य सुविधा को…सरगुजा से बस्तर तक सुधार कर दिखाएं…। आज आपके नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधा कराह रही है…उसे ऑक्सीजन की जरूरत है मंत्री जी…।
आपके विधानसभा क्षेत्र में डायरिया से एक महिला की मौत
आप बीजापुर मे जाकर डायरिया जैसी बीमारी ठीक करने का दावा करते देखे जाते है लेकिन इससे हास्यप्रद और क्या हो सकता है कि आपके विधानसभा क्षेत्र में ही इन दिनों डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है। आपके विधानसभा क्षेत्र में ही डायरिया से एक महिला की मौत हुई तो कई मरीज स्थानीय अस्पताल में हैं तो कई दूसरें बड़े अस्पतालों में रेफर किए गए हैं। प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधा बेपटरी हो चुकी है।
क्या मजबूरी है मंत्री जी की विवादित अवसर व राष्ट्रीय स्वयंसेवक के घोर विरोधी को लेकर चल रहे?
आखिर आपकी क्या मजबूरी है मंत्री जी …कि आप अपने साथ विवादित अफसर और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के घोर विरोधी युवा को लेकर चल रहे हैं…। आपके विभाग में सप्लाई से लेकर डॉक्टर एवं प्रमुख अधिकारियों की पदस्थापना में बोली लगाई जा रही है… जिलों के हिसाब से रेट तय किये जा रहे हैं…क्या इसमें भी आपकी ही संलिप्तता है मंत्री जी…या फिर आप इससे अनभिज्ञ हैं। यदि आप अनभिज्ञ हैं तो फिर कार्यवाही कब करेंगे मंत्री जी…।
अपने राजनीतिक गुरु के प्रश्नों का जवाब पर अमल कब करेंगे मंत्री जी…?
मंत्री जी,आपके निकटस्थ विधायक जिन्हें कि आप राजनैतिक गुरू बताते हुए विधानसभा में उनके प्रश्नों का जवाब दे रहे थे उनके द्वारा ही कोरिया जिले की लाचार स्वास्थ्य सुविधा को लेकर सवाल खड़ा किया गया था,उनके साथ ही अन्य वरिष्ठ विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधा को लेकर विधानसभा में मुद्वा उठाया है, आप इन कमियों को कब ठीक करेंगे मंत्री जी…।
अपने ओएसडी पर कार्यवाही कब करेंगे मंत्री जी…?
मंत्री जी प्रदेश के दिव्यांग संघ ने एक सूची जारी की है जिसमें फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे शासकीय सेवकों का नाम अंकित है इसी सूची में आपके विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी संजय मरकाम का नाम भी स्पष्ट रूप से शामिल है,आप इनके विरूद्व कार्यवाही करते हुए प्रमाण-पत्र की ईमानदारीपूर्वक जांच कब कराएंगे मंत्री जी…।
तथाकथित भतीजे पर मेहरबानी क्यों मंत्री जी?
मंत्री जी,आपसे यह भी सवाल है… कि आपका एक तथाकथित भतीजा प्रिंस जायसवाल पिछले कई वर्षो से स्वास्थ्य विभाग को दीमक की तरह चट कर रहा है…पहले उसकी पदस्थापना कोरिया जिले में थी जहां उसके द्वारा विभाग को बर्बाद करके रखा गया था…। खरीदी से लेकर अन्य चीजों में उसकी कुछ ज्यादा ही संलिप्तता देखी गई थी। कोरोना काल में उसके द्वारा खूब अफरा-तफरी की गई थी। उसके विरूद्व कई प्रकार की शिकायते थीं। जिस थाली में खाया उसी में छेद करते हुए भतीजे के द्वारा एक निजी चिकित्सक के विरूद्व भी तमाम शिकायतें की गईं। आपने उसके खिलाफ कार्यवाही की बजाए उसे पुरस्कृत करते हुए सूरजपुर जैसे बड़े जिले में स्थानांतरित करा दिया…सिर्फ इसलिए कि वह आपका भतीजा है…। क्या दूसरे कर्मचारी के साथ भी आप ऐसा बर्ताव करते। इसके अलावा अभी हाल में आपके भतीजे की डिग्री फर्जी होने की पुष्टि पुलिस जांच में हुई है। जिस विवि की डिग्री उसके द्वारा लगाई गई है उसी विश्वविद्यालय ने सूरजपुर पुलिस को बताया है कि यह डिग्री उनके यहां से जारी नहीं की गई है। क्या मामले पर भतीजे पर आप ईमानदारी पूर्वक कार्यवाही करेंगे क्या…?
विभाग के बिल भुगतान पर क्या कहेंगे मंत्री जी…?
मंत्री जी के आपके विभाग से जुड़ी कमियां यहीं नहीं रूकती आगे यह बतलाना जरूरी है कि अभी पिछले माह ही आपके बीजापुर दौरे के ठीक पहले एक ठेकेदार ने 32 लाख रूपये के काम का बिल भुगतान करने हेतु आपके और एनएचएम एमडी के नाम पर 12 लाख रूपये के कमीशन की मांग की थी,इसमें सच्चाई क्या है यह तो कहा नहीं जा सकता लेकिन उक्त ठेकेदार के द्वारा लिखित में शिकायत करना बहुत बड़ा उदाहरण है। इसके बाद भी संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही ना करना चिंताजनक है।
मच्छरदानी सप्लाई पर क्या कहेंगे मंत्री जी?
आपसे सवाल है मंत्री जी…इन दिनों प्रदेश के कई क्षेत्रों में मलेरिया का प्रकोप देखा जा रहा है,मलेरिया से मौत के मामले भी सामने आए हैं। उसके पीछे कारण यह भी रहा कि प्रदेश में मच्छरदानी का वितरण नहीं किया जा सका है। जानकारों का कहना है कि पहले जिस सप्लायर को काम दिया गया था उसे अचानक रोक दिया गया फिर दूसरे सप्लायर से मामला फिट होने के बाद सप्लाई आर्डर बदला गया। आखिर ऐसा क्यों और किसके इशारे पर किया गया था मंत्री जी…क्या बतलाने की हिम्मत कर पाएंगे…?
मंत्री जी…क्या आप अपने प्रदेश की जनता के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं?
मंत्री जी…प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद केन्द्रीय नेतृत्व ने बहुत ज्यादा भरोसा करते हुए आपको मंत्रिमंडल में शामिल किया था,इस उद्वेश्य से कि आप कोरबा लोकसभा में पार्टी प्रत्याशी को अवश्य जीत दिलाएंगे। जीत तो दूर की बात आखिर क्या कारण रहा कि आपके गृह क्षेत्र के 56 बूथों से प्रत्याशी को लगभग 18 हजार से हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में आप इतने निष्कि्रय थे कि आपने अपनी विधानसभा छोड़ पड़ोसी विधानसभा बैकुंठपुर और भरतपुर सोनहत में भी चुनाव प्रचार-प्रसार हेतु जाना जरूरी नहीं समझा था। आपने लोकसभा चुनाव में अपने विधानसभा क्षेत्र तक ही नाममात्र का काम क्यों किया जबकि आपके विधानसभा क्षेत्र में ही धर्माचार्य धीरेन्द्र शास्त्री की कथा भी कराई गई। आखिर क्या कारण रहा कि आप अपने क्षेत्र से पिछड़ गए। क्या आप इसका संतोषप्रद जवाब दे पाएंगे…?
मंत्री जी…आप मेरे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को निशाना बनाया अपनी ताकत दिखाने को
मंत्री जी…आपने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को निशाना बनाया है…एक संपादक पुत्र पर द्वेषपूर्वक कार्यवाही ऐसे समय में कराई है जब वह पिता को मुखाग्नि देकर घर पर शोक के माहौल में बैठा हुआ है। आपने अपनी ताकत दिखाने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को निशाना बनाएं… यदि आप में इतनी ताकत थी तो अपने विभाग की व्यवस्था सुधारने में लगाते तो शायद जानता आपको अपने पलकों पर बैठाया रखती…।
अपने हिंदू रीति-रिवाज और मानताओ को तोड़ने पर विवश कर दिया मंत्री जी क्यों…?
आपने उसे हिंदू रीति-रिवाज और मान्यताओं को तोड़ने पर विवश कर दिया आखिर क्यों…क्या यह कार्यवाही उसी दिन करना इतना आवश्यक था…क्या कार्यवाही के लिए आप अपने बाहुबल का प्रयोग 10 दिन बाद करते तो कोई भूचाल आ सकता था क्या…। सवाल आपसे स्पष्ट रूप से है …कि यदि आपमें इतनी ही ईमानदारी है… तो आखिर आप अपने साथ दागदार अफसर को…संघ और भाजपा विरोधी युवा को साथ लेकर आखिर क्यों चल रहे हैं…। क्या आपमें इतनी ताकत है कि कलम की आवाज को कुचलने की बजाए विभागीय लूट खसोट, भ्रष्टाचार,अराजकता,कमी को दूर कर पाएंगे…? आपके द्वेषपूर्वक कार्यवाही के बाद भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का यह सजग प्रहरी कदापि शांत नहीं बैठेगा…समय-समय पर आपकी कमियों को क्रमबद्व जनता के सामने पेश किया जाएगा…और तब तक जब कि आप व्यापारिक प्रतिष्ठान पर बुलडोजर चलवाने की कार्यवाही की तरह ही संपादक और उसके पत्रकार पर बुलडोजर चलवाकर हत्या नहीं करा देते…।
सवाल का जवाब तो मांगा ही जाएगा मंत्री जी…
सवाल अनेक हैं मंत्री जी…जवाब तो मांगा ही जाएगा…। अभी आपने अखबार के संपादक के व्यावसायिक परिसर पर बुलडोजर चलवाया है…संपादक और पत्रकार पर बुलडोजर चलवाने तक आपसे सवाल किया जाएगा…