@ क्या स्वास्थ्य मंत्री की वजह से प्रदेश में पत्रकारिता अब निष्पक्ष नहीं रह जायेगी…?
@ क्या स्वास्थ्य मंत्री खबरों के लिए सेंसर जैसी संस्था बैठायेगें…?
@ क्या भाजपा के भ्रष्टाचारी नेता इसलिए हैं पाक-साफ क्योंकि वह हैं भाजपा के पदाधिकारी?
अम्बिकापुर, 08 जुलाई 2024 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार क्या अब आईना दिखाती खबरों पर प्रतिबंध लगा चुकी है, क्या सरकार और व्यवस्था शासकीय तंत्र की कमियां और भ्रष्टाचार को लेकर प्रकाशित खबर पर सरकार रोक लगा चुकी है ऐसी खबरें अब प्रकाशन योग्य नहीं मानी जाएंगी यह प्रश्न तब उठने लगा है? जब एक समाचार-पत्र के शासकीय विज्ञापन पर प्रदेश जनसंपर्क अधिकारी ने रोक लगा दी है। प्रदेश जनसंपर्क कार्यालय के अनुसार विज्ञापन पर प्रतिबंध स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर आयुक्त सह संचालक आईपीएस श्री मयंक श्रीवास्तव के कहने पर लगाया गया है। जिस समाचार-पत्र पर यह प्रतिबंध लगाया गया है वह दैनिक घटती-घटना है और जो लगातार स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम कर रहा था और जो लगातार स्वास्थ्य मंत्री के भतीजे और संविदा डीपीएम की मनमानी स्वास्थ्य मंत्री के विशेष सलाहकार ओएसडी को लेकर भी समाचार का प्रकाशन कर रहा था जिसमे यह बताया जा रहा था की कैसे ओएसडी स्वास्थ्य मंत्री के फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवक बने हुए हैं कैसे स्वास्थ्य मंत्री के भतीजे कांग्रेस शासनकाल में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने के बाद भी भाजपा सरकार में पुनः डीपीएम बनकर नए जिले के मनमानी कर रहे हैं जबकि पूर्व कर्तव्यस्थ जिले में उन्होंने जो भ्रष्टाचार कांग्रेस शासनकाल में किया है उसकी जांच लंबित है जिसको लेकर कई शिकायतें भी की गई हैं।
प्रदेश में सुशासन स्थापना के साथ नई भाजपा सरकार का गठन हुआ है ऐसा स्वयं पुनः सरकार बनने पर भाजपा का ही दावा था लेकिन जिस तरह समाचार-पत्र के द्वारा भ्रष्टाचार को उजागर करने पर समाचार-पत्र को ही प्रभावित करने उसका प्रकाशन रोकने उसका विज्ञापन शासकीय रोका गया, जिससे समाचार पत्र दबाव में आ जाए गलत का भ्रष्टाचार का प्रकाशन रोक दे यह कहना गलत नहीं होगा की कुल मिलाकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को ही यह दबाने और उसे निष्क्रीय करने का एक प्रयास है। दैनिक घटती-घटना सरगुजा अंचल से प्रकाशित होने वाला एक ऐसा समाचार-पत्र है जो अपनी निष्पक्षता और अपनी बेबाक साथ ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लेखनी के लिए पहचान रखता है। कई बार इस समाचार-पत्र समूह के लोगों पर पूर्ववर्ती सरकार में भी प्रहार कानूनी करने के प्रयास किए गए जो तब भी इस उद्देश्य से हुए की वह समाचार-पत्र की कलम को रोक सकें और समाचार-पत्र को अपने अनुसार खबर लिखने पर मजबूर कर सकें लेकिन तब भी न तो समाचार-पत्र झुका न ही उसके साथ काम कर रहे लोग ही झुके,जबकि प्रयास तो ऐसे-ऐसे किए गए जैसे की समाचार -पत्र में लेखनी की जगह उससे जुड़े लोग कोई राष्ट्रद्रोह जैसा अपराध कर रहे हों जबकि वह केवल भ्रष्टाचार को ही उजागर करने का काम करते चले आ रहे थे। खैर जैसे-तैसे सभी कठिनाइयों को पार करते हुए दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र समूह लगातार अपने अभियान में जुटा हुआ था और अभी भी जुटा हुआ है लेकिन अब वर्तमान सरकार उसे रोकने नया हथकंडा लेकर समाने आई है जिसमे वह अब समाचार-पत्र का विज्ञापन ही रोकने फरमान जारी कर चुकी है जिसका मौखिक निर्देश जारी कर दिया है सरकार की तरफ से।
वैसे दैनिक घटती-घटना समाचार- पत्र समूह विज्ञापन रोकने की घटना से ज्यादा कोई प्रभाव अपने ऊपर महसूस नहीं कर रहा है वह यह मानकर चल रहा है की यह क्षणिक एक प्रहार है जिसे सहकर आगे बढ़ना है और उसी तरह भ्रष्टाचार के विरुद्ध लिखना है जैसा पहले से अभियान जारी है। वैसे छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है और केंद्र में भी भाजपा गंठबंधन की सरकार है और प्रधानमंत्री भाजपा के हैं गृहमंत्री भाजपा के हैं जो भ्रष्टाचार को लेकर लगातार आक्रामक हैं और जिनका साफ तौर पर कहना है की भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दास्त नहीं किया जायेगा और जिसके तहत कई बड़े नेता जेल में हैं। अब जेल में जो नेता हैं वह गैर भाजपाई हैं और इनमें कई मुख्यमंत्री भी हैं वहीं उनकी छत्तीसगढ़ में सरकार है और उनके मंत्री पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं ऐसे में क्या वह प्रदेश में भी ऐसा कोई निर्णय लेंगे जिसके तहत वह भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपने ही दल के नेताओं पर कार्यवाही करेंगे। अब यही देखने वाली बात है की प्रधानमंत्री और गृहमंत्री देश के क्या छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार के मामले वैसा ही निर्णय लेते हैं जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों के लिए उनका होता है या यहां वह भी राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री के साथ उस निर्देश में सहभागी नजर आते हैं जिसमे भ्रष्टाचार के विरुद्ध लिखना मतलब शासकीय विज्ञापन से ही हांथ धोना वहीं एक तरह से अपराध करना माना जा रहा है। वैसे अब विज्ञापन रुके या फिर कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज कर ही भ्रष्टाचार संबंधित खबरें रोकने की कोशिश की जाए हर हाल में दैनिक घटती-घटना अपना काम जो भ्रष्टाचार के विरुद्ध लेखनी का है वह जारी रखने वाला है और वह किसी हाल में पीछे नहीं हटने वाला। भ्रष्टाचार को लेकर न पुरवर्ती सरकार के कार्यकाल में भयभीत हुआ था दैनिक घटती-घटना पत्र समूह न आगे ही होगा।