अम्बिकापुर @ कलम बंद का पंाचवां दिन @ खुला पत्र @ भाजपा एकतरफ एमरजेंसी की सालगिरह मना रहा और एमरजेंसी को कोस रहा वहीं खुद प्रदेश में सच लिखने पर समाचार-पत्र पर एमरजेंसी लगाने का काम स्वास्थ्य मंत्री कर रहे हैं?

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अम्बिकापुर, 04 जुलाई 2024 (घटती-घटना)। प्रदेश में अब भ्रष्टाचार को लेकर खबरों का प्रकाशन यदि होगा या कोई समाचार-पत्र ऐसा करेगा तो यह तय है कि उस समाचार-पत्र को कुचलने… बंद करने…सरकार तत्काल ठोस कदम उठाएगी। अब प्रदेश में भ्रष्टाचार विषय पर समाचार प्रकाशन अपराध हो गया। खासकर यदि मामला किसी मंत्री से जुड़ा हो जिसपर आरंभ से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते चले आ रहे हों। देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की बातें भी प्रदेश में लागू नजर नहीं आ रही हैं जिसमे वह भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की बात कहते हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है और जो जारी भी है वहीं इस विषय पर समाचार का प्रकाशन करने पर दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र का शासकीय विज्ञापन रोका गया है सरकार की तरफ से और अब समाचार-पत्र को पूरी तरह कुचलने का भी प्रयास सरकार कर रही है।
वहीं दैनिक घटती-घटना निष्पक्षता और सत्य आधारित खबरों के प्रकाशन की अपनी प्रतिबद्धता के कारण खबरों का प्रकाशन कर रहा था जिसे यह आभास कतई नहीं था कि सरकार खासकर स्वास्थ्य मंत्री इस कदर नाराज होंगे कि वह समाचार -पत्र को बंद करने का अपना ब्रह्मास्त्र इस्तेमाल करेंगे। वैसे दैनिक घटती-घटना ने भी अब ठान लिया है कि चाहे जो हो जाए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलने के स्वास्थ्य मंत्री के प्रयास को वह असफल करके रहेगा और अब चाहे जो हो जाए वह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की रक्षा करके ही मानेगा। प्रदेश में पूर्व में कांग्रेस की भी सरकार थी वहीं तब भी घटती-घटना भ्रष्टाचार के मामले में सरकार और उसके मंत्री विधायकों को घेरने का काम करता था और तबकी कांग्रेस सरकार के भी मंत्री विधायक नाराज हुआ करते थे लेकिन वह इतना नाराज नहीं हुए की वह समाचार-पत्र को ही बंद कराने की जुगत में कभी लगे हों। भाजपा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तो भ्रष्टाचार की खबरों से इतने आहत हो गए हैं कि वह समाचार-पत्र को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को ही नेस्तनाबूत करने निकल पड़े हैं। प्रदेश सरकार खासकर प्रदेश के स्वास्थ्य
मंत्री की मंशा ऐसी लगती है कि वह केवल और केवल महिमामंडन वाली खबरों से प्रसन्न रहने वाले हैं उन्हेंउनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने पर वह आक्रमक होंगे और वह उल-जलूल निर्णय लेंगे। यह समझ आ रहा है घटती-घटना के मामले से। देश में जहां भाजपा एकतरफ एमरजेंसी की सालगिरह मना रही है और एमरजेंसी को कोस रही है वहीं खुद प्रदेश में सच लिखने पर समाचार-पत्र पर एमरजेंसी लगाने का काम प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर रहे हैं। कुल मिलाकर प्रदेश में अब अभिव्यक्ति की आजादी पर स्वास्थ्य मंत्री का प्रतिबंध है और वह किसी भी हाल में स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर होने से रोकेंगे और उजागर करने वाले को वह दंडित करेंगे।
सच्चाई छापने पर स्वास्थ्य मंत्री समाचार-पत्र से बैर पाल रहे हैं?
प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्दशा और विभाग में जारी भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। खुद भाजपाई भी अब जिला चिकित्सालयों को पशु चिकित्सालय की संज्ञा दे रहे हैं और ऐसी ही सच्चाई छापने पर स्वास्थ्य मंत्री समाचार-पत्र से बैर पाल
रहे हैं। यदि प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री की मनमानी इसी तरह सरकार में हावी रही तो पुनः सरकार भाजपा बनाएगी आने वाले समय में इसमें संशय जरूर है। संविधान की मूल भावना को ही स्वास्थ्य मंत्री कुचलने तैयार हैं। वह संविधान के तहत मिली समाचार-पत्र की आजादी को उससे छीनना चाहते हैं। दैनिक घटती-घटना शासकीय विज्ञापनों की मांग बिल्कुल नहीं करता लेकिन यदि भ्रष्टाचार को उजागर करने के कारण उसके विज्ञापन बंद किए गए हैं तो वह जरूर इसका समाधान चाहेगा। वैसे प्रदेश में मुख्यमंत्री जी की क्या मंशा है। भ्रष्टाचार को लेकर यह भी सामने आना चाहिए। क्या वह भी स्वास्थ्य मंत्री की तरह भ्रष्टाचार के मामले में समाचार-पत्र को ही बंद कराने के पक्ष में होंगे।
पत्रकारों द्वारा सच को उजागर करना अपराध?
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के पत्रकारों द्वारा सच को उजागर करना कोई अपराध नहीं है। वास्तव में, यह उनकी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि वे जनता के सामने सत्य और निष्पक्ष जानकारी प्रस्तुत करें। पत्रकारों को मानसिक रूप से प्रताडि़त करना लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है और इसे लोकतंत्र की हत्या के समान माना जा सकता है। स्वतंत्र भारत में पत्रकारों को
सच उजागर करने का अधिकार संविधान द्वारा प्रदान किया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रत्येक नागरिक को प्राप्त है, जिसमें पत्रकार भी शामिल हैं। यह अधिकार उन्हें सच बोलने और जनता के सामने सही जानकारी प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता देता है। इसलिए, पत्रकारों का सच उजागर करना अपराध नहीं है और उन्हें प्रताडि़त करना लोकतंत्र के खिलाफ है। पत्रकारों को अपने कर्तव्यों का पालन करने का पूर्ण अधिकार और स्वतंत्रता होनी चाहिए।


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