प्रबंधन में मचा हाहाकार… फर्जी चेक हुआ हुआ खेल…ठगों ने आखिर कैसे बैंक कर्मियों के आंखों में झोंका धूल…उठ रहे सवाल…
सूरजपुर,27 जून 2024 (घटती-घटना)। छत्ती सगढ़ के सूरजपुर जिला में एसईसीएल बिश्रामपुर के एसबीआई खाते का फर्जी चेक लगा 37 लाख रु आहरण होने का सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है। धोखाधड़ी का पता चलने पर एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा विश्रामपुर थाना में इसकी शिकायत की गई है। राहत की बात यह है कि राशि फर्जी चेक से ट्रांसफर होने का पता चलने पर उक्त तिथि को ही बैंक ने करीब 22 लाख रुपए की रिकवरी कर ली। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस चेक से आहरण हुआ वह चेक एसईसीएल के विा विभाग में अभी भी उपलध है, जिससे एटीएम के समान चेक का भी क्लोन बना ठगी की संभावना बढ़ गई है, इस मामले में एसईसीएल, बैंक कर्मियों की मिली भगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है, यह पुलिस जांच का विषय बन गया है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक एसईसीएल बिश्रामपुर का एसबीआई खाता बिश्रामपुर स्टेट बैंक ब्रांच में संचालित है, इस खाता से अज्ञात व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर फर्जी चेक लगाकर 37 लाख रु की राशि तीन दिवस पूर्व आहरित कर ली गई थी। राशि आहरण होने का मैसेज प्राप्त होने के बाद जब एसईसीएल के वित विभाग के अधिकारियों को इस गड़बड़झाले का पता चला। वित विभाग ने चेक नंबर जिससे राशि आहरित हुई है का मिलान किया तो पता चला उक्त चेक नंबर अभी जारी ही नही किया गया है और वह चेक बुक में सुरक्षित है। चेक नंबर मिलान के बाद प्रबंधन ने मंगलवार को एसबीआई ब्रांच मैनेजर के समक्ष शिकायत दर्ज कराई , ब्रांच मैनेजर ने तत्काल उच्च प्रबंधन को अवगत कराते हुए करीब 22 लाख की रकम रिकवरी कराया।
इस बैंक से हुआ है आहरण
एसबीआई की फर्जी चेक सेम सीरीज व सेम नंबर जो एसईसीएल प्रबंधन को जारी किया गया था । उसी सीरीज व नंबर के फर्जी चेक को लगा पंजाब नेशनल बैंक सदर बाजार बिलासपुर शाखा से राशि आहरण किया गया है।बताया जाता है की वर्तमान में ऑनलाइन के जमाने में चेक को कलेक्शन के लिए संबंधित शाखा में भेजने के बजाय चेक की इमेज भेज देते है और चेक मिलान के बाद उसका ट्रानजंक्शन हो जाता है। आश्चर्य की बात यह है की संबंधित बैंक के अधिकारी बिना जांचे परखे फर्जी चेक को आखिर क्लियर कैसे कर दिए। एसबीआई बिश्रामपुर के प्रबंधक रवि सिंह ने मीडिया को बताया कि एसईसीएल शिकायत मिलने के बाद अपने उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दिया गया है आहरण की गई राशि मे से कुछ राशि की वसूली किया जा चुका है शेष कार्यवाही जारी है।