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कोरिया,@भाजपा जिलाध्यक्ष का पद बड़ा या जिला पंचायत की अध्यक्ष का पद बड़ा?

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रवि सिंह –
कोरिया,21 जून 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में दिनांक 18 जून को कृषि विज्ञान केंद्र सलका में एक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे देश के प्रधानमंत्री वर्चुअल रूप से शामिल हुए जो वाराणसी से कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल थे वहीं जिले के जनप्रतिनिधियों सहित जिले के आला अधिकारियों की भी प्रत्यक्ष उपस्थिति कार्यक्रम में अपेक्षित थी। कार्यक्रम में जिले के कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य आला अधिकारी एवम कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़े अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए वहीं कार्यक्रम में भाजपा के जिलाध्यक्ष सहित भाजपा नेताओं की शिरकत भी नजर आई वहीं निर्वाचित जनप्रतिनिधि के रूप में कोरिया जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष की उपस्थिति कार्यक्रम में देखी गई।
बता दें की कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर उनके सम्मान और प्रोटोकॉल को लेकर बहुत बड़ी त्रुटि देखने को मिली जो निश्चित रूप से यह साबित कर गई की जिले में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों खासकर आदिवासी समुदाय से आने वाले निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सम्मान का ध्यान नही रखा जा रहा है और जो कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भी देखी गई। जिले के कलेक्टर के रूप में मुखिया के रूप में कलेक्टर कोरिया को इस बात का कार्यक्रम में ध्यान देना था की कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित जिलेभर की अध्यक्ष त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था अंतर्गत पंचायत विभाग की उपस्थित हैं और विधायक की अनुपस्थिति में उन्हे ही कलेक्टर कोरिया की बगल की कुर्सी प्रदान की जानी थी,वहीं तत्पश्चात अन्य को पार्टी या दल के मनोनित अध्यक्ष या अन्य किसी पार्टी कार्यकर्ता को स्थान प्रदान करना था ,लेकिन कार्यक्रम में देखा यह गया की निर्वाचित साथ ही जिलेभर की जिला पंचायत अध्यक्ष को कहीं दूर बैठा दिया गया और कहीं न कहीं उन्हे उपेक्षित किया गया।
क्या भाजपा में प्रोटोकॉल का नहीं रखा जाता ध्यान?
कोरिया जिले में किसान सम्मान निधि की 17 वीं किस्त का वितरण जो की वर्चुअल आयोजित कार्यक्रम में वितरित की गई के दौरान यह देखने में आया की जिला पंचायत अध्यक्ष के मान सम्मान का ख्याल नही रखा गया।बता दें की जिलाध्यक्ष भाजपा खुद कलेक्टर कोरिया की कुर्सी के बगल में बैठ गए जबकि प्रोटोकॉल अनुसार वह स्थान जिला पंचायत अध्यक्ष का होना था। वैसे जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा की ही नेत्री हैं सदस्य हैं और भाजपा के समर्थन में वह जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं ऐसे में भाजपा के नेताओं को ही उनके मान सम्मान का खयाल रखना चाहिए जो वह नहीं रख सके और उन्हे किनारे बैठा दिया और उनको मिलने वाले प्रोटोकॉल को खुद जिलाध्यक्ष ने खुद अपने लिए रख लिया। कार्यक्रम में जिस तरह जिला पंचायत कोरिया के प्रोटोकाल से उन्हे वंचित किया गया उसको देखकर यही कहा जा सकता है की भाजपा में क्या अपने ही दल ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना छोड़ चुके हैं भाजपाई क्या भाजपा में प्रोटोकाल का नही रखा जाता ध्यान क्या अनुशासित भाजपा हो चुकी है अनुशासनहीन।
कांग्रेस शासन काल से ही बिगड़ा हुआ है जिले में प्रोटोकॉल नियम जो भाजपा शासनकाल में भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा
कांग्रेस शासनकाल से ही जिले में प्रोटोकाल नियम बिगड़ा हुआ है। वहीं जबसे नियम बिगड़ा हुआ है तबसे वह सुधरने का नाम नही ले रहा है । जिले में कांग्रेस शासनकाल में प्रायः देखा जाता था की प्रोटोकाल पालन करने को लेकर नेता विरोध दर्ज करते थे और फिर प्रशासन को प्रोटोकाल नियम में अंतिम में सुधार लाना पड़ता था जो अब भी जारी है।
आदिवासी समुदाय से हैं जिला पंचायत अध्यक्ष,पांचवी अनुसूची जिला है कोरिया जिला,आदिवासी समुदाय में भी इसको लेकर नाराजगी
बता दें की कोरिया जिला पांचवी अनुसूची जिला है वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष भी इसी नाते आदिवासी समुदाय से हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष चूंकि आदिवासी समुदाय से हैं और उनके अधिकार के साथ उन्हे समझौता करने मजबूर किया गया कहीं न कहीं और कहीं न कहीं उनका प्रोटोकाल छीना गया जिसको लेकर आदिवासी समुदाय भी नाराज है जैसा बताया जा रहा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष हर स्थिति में कलेक्टर कोरिया के बगल की कुर्सी पर स्थान प्राप्त करने की हकदार थीं
बताया जाता है की जिला पंचायत अध्यक्ष कोरिया अत्यंत शांत एवं गंभीर प्रवृति की महिला हैं वहीं वह अत्यंत व्यवहार कुशल नेत्री हैं जिसके कारण वह इस मामले में चुप रह गईं कोई तेज तर्रार नेत्री यदि उनकी जगह होता प्रशासन को वह खूब खरी खोटी सुनाता यह लोगों का कहना है। वैसे कार्यक्रम में कलेक्टर कोरिया के बिल्कुल साथ लगी कुर्सी पर भाजपा कोरिया के जिलाध्यक्ष को स्थान मिला था वहीं उनके बाद एक अन्य भाजपा नेता को स्थान मिला था फिर जाकर जिला पंचायत की अध्यक्ष को स्थान दिया गया था, प्रोटोकॉल के जानकारों की माने तो अध्यक्ष जिला पंचायत हर स्थिति में कलेक्टर कोरिया के बगल की कुर्सी पर स्थान प्राप्त करने की हकदार थीं और इस मामले में जो त्रुटि हुई है कार्यक्रम के दौरान वह निश्चित रूप से बड़ी त्रुटि है।
बड़ी भूल है बड़ा अपमान?
प्रोटोकॉल के जानकारों की माने तो विधायक की उपस्थिति में दाएं-बाएं की स्थिति बनाई जाती और एक तरफ फिर भी जिला पंचायत अध्यक्ष को स्थान मिलता उसके बाद ही किसी पार्टी पदाधिकारी का मनोनीत पदाधिकारी का नंबर आता। वैसे लोगों का यह भी कहना है खासकर जानकारों का की जिला पंचायत अध्यक्ष का स्थान उनके बैठक में शमील होते हुए कोई व्यवहार में भी प्राप्त कर ले यह बड़ी भूल है बड़ा अपमान है क्योंकि यह ऐसा ही है जैसे की किसी पद की कुर्सी पर बिना निर्वाचित हुए बैठ जाना या कार्यालय में किसी के जाकर उसकी कुर्सी पर बैठ जाना जिसके कार्यालय में जाना हुआ है और जबकि वहां बैठने के लिए अतिथि के लिए अलग से कुर्सी लगी हुई है। कुल मिलाकर यह भी मानना है जानकारों का की यदि प्रोटोकॉल की जानकारी अधिकारियों को नहीं थी यदि जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी खुद जिला अध्यक्ष भाजपा को कलेक्टर कोरिया के बगल की कुर्सी पर बैठने की अनुमति दी थी तब भी जिलाध्यक्ष को नहीं बैठना था अपने क्रम और अपने लिए आरक्षित गणमान्य नागरिक वाली कुर्सी पर ही बैठना था।
संगठन के लोग अभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से ऊपर हो गए
भाजपा के संगठन में इससे पहले कभी यह नहीं देखा गया की कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिसका अपना प्रोटोकॉल होता है उसे लेकर संगठन के लोग ही उसमे बाधा डाले यां उसमे बाधा बने मिलने में। जिला पंचायत कोरिया की अध्यक्ष को जहां सबसे सामने की कुर्सी मिलनी थी वहीं उस कुर्सी पर भाजपा जिलाध्यक्ष खुद जाकर विराज गए वही उन्होंने अन्य कुर्सी पर भी भाजपा नेताओं को विराजमान करा दिया वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष को उसके बाद की कुर्सी मिल सकी। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा की संगठन के लोगों ने बता दिया की भाजपा में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का नंबर बाद में आएगा और अब वह इसके लिए तैयार हो जाएं।


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