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एमसीबी@32 लाख के धान खरीदी में घोटालाआया सामने,कागजों में हुई धान खरीदी

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रवि सिंह –
एमसीबी,19 जून 2024 (घटती-घटना)। धान खरीदी में हर साल घोटाले होते हैं खबरें भी प्रकाशित होती है आरोप भी लगते हैं पर जांच ठंडे बस्ते में पड़ा रहता है,क्योंकि उस पर कोई ध्यान नहीं देता और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ खबर प्रकाशित करने के बाद शांत हो जाता है । फिर उसे मामले में कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखता, जिस वजह से भ्रष्टाचार करने वाले बच निकलते हैं या फिर मामला लंबे समय तक दबा रहता है। एक बार फिर धान खरीदी में घोटाले की बात सामने आ रही है जो आरटीआई कार्यकर्ता के माध्यम से सामने आया है, जिसमें 32 लाख धान खरीदी में घोटाला हुआ है जो सिर्फ कागजों में ही धान खरीदी है। बाकी वास्तविकता स्थिति तो कुछ और ही है । आश्चर्य की बात तो यह है कि एक घोटाला तत्काल सरकार में हुआ था पर नई सरकार में इस घोटाले को अधिकारी उजागर नहीं कर पा रहे हैं ऐसा लग रह इस घोटाले में पक्ष-विपक्ष दोनों के लोग मिले हुए हैं। फाइल दबाकर बैठे हुए हैं? फाइल पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा ऐसा सामने आ रहा है। फाइल दबी रहे इस पर एक मंत्री की भी मनसा है जिनका खुद का राइस मिल। जानकारी के मुतविक जनवरी 24 में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कोटाडोल के धान उपार्जन केन्द्र रांपा में धान खरीदी में भरतपुर तहसीलदार के साथ खाद्य अधिकारियों की टीम ने जांच की थी और अब उसका जांच प्रतिवेदन सामने आया हैं। इनसाईड स्टोरी मामले में बड़ा खुलासा कर रहा है। जांच प्रतिवेदन में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए है, अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर एमसीबी जिला प्रशासन में ऐसा कौन अधिकारी है जो इतने बड़े भ्रष्टाचार की फाइल को दबा कर रखा है, क्योंकि इस खेल में पक्ष विपक्ष के साथ कई बड़े रसूखदार अधिकारी और मिलर भी शामिल है, यदि प्रबंधक पर गाज गिरी तो कई मिलरों के साथ कई अधिकारियों पर भी कार्यवाही तय है। यही कारण है कि प्रबंधक पर अब तक कार्यवाही शिफर है।
भाजपा सरकार बनते ही भरतपुर तहसीलदार और कुछ अधिकारियों की टीम ने आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कोटाडोल के धान उपार्जन केन्द्र पहुची थी…
शायद आपको याद हो भाजपा की नई सरकार बनने के बाद भरतपुर तहसीलदार और उनके साथ कुछ अधिकारियों की टीम ने आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कोटाडोल के धान उपार्जन केन्द्र रांपा ने मौके पर पहुच कर धान की बोरियों की गिनती की थी, इसके साथ कर्मजी स्थित धान खरीदी केन्द्र की भी जांच की थी, उसके बाद उन्होने इसका जांच प्रतिवेदन एसडीएम भरतपुर सहित एमसीबी जिले के कलेक्टर और कई अधिकारियों को भेजा था और कार्यवाही की अनुशंसा की थी, मामले की जानकारी मिलते ही समालिक कार्यकर्ता और आईटीआई एक्टिविस्ट राकेश बर्मन ने सूचना के अधिकार के तहत जांच प्रतिवेदन हासिल करने में सफलता पाई।
आरटीआई से मिला जांच प्रतिवेदन
आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश बर्मन ने जब मामले की जानकारी के लिए एसडीएम भरतपुर में आवेदन लगाया तो वहां इस प्रतिवेदन के नही होने की जानकारी बताई गई,जबकि जांच प्रतिवेदन एसडीएम भरतपुर को भेजा गया था, जिसके बाद बड़ी मशक्क्त से खाद्य अधिकारी के कार्यालय से जांच प्रतिवेदन उन्हे मिल पाया, इधर, उन पर एक ऑडियो वायरल कर राशि मांगे जानें का आरोप लगाया गया, जबकि जब यह ऑडियो रिकार्ड किया गया तब इसकी शिकायत नहीं की गई,वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट ने बिना जानकारी उनकी बातों को रिकार्ड करने निजता के हनन को लेकर पुलिस मे शिकायत की है, उनका कहना है कि यदि मै गलत हूं तो मेरे खिलाफ कार्यवाही हो,परन्तु जांच प्रतिवेदन में दोषी प्रबंधक को कौन बचा रहा है, अब तक उसके खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई है।
जंाच प्रतिवेदन में कम पाया गया धान
दिनांक 11.01.2024 को तहसीलदार भरतपुर द्वारा धान उपार्जन केन्द्र रांपा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान धान खरीदी केन्द्र में ऑपरेटर अमित कुमार गुप्ता, समिति सहायक रवि कुमार यादव उपस्थित थे। दिनांक 11.01.2024 को मिल एमएस कल्पतरु एग्रो इंडस्टि्रयल लालपुर मनेन्द्रगढ़, गारो कोरिया (एमए 532021) सीजी 16 सीपी 917 डीओ क्रमांक डीओ 2024017101232 के द्वारा 350 मि्ंटल,एमएस कल्पतरु एग्रो इंडस्ट्रीज लालपुर मनेंद्रगढ़ गारो कोरिया (एमए532021) ट्रक क्रमांक सीजी 04-एच एस-7019 डीओ क्रमांक डीओ 02024017101440 260 मि्ंटल, एमएस कल्पतरु एग्रो इंडस्ट्रीज लालपुर मनेंद्रगढ़ गारो कोरिया (एमए532021) ट्रक क्रमांक सीजी15-एसी- 4089 डीओ कामांक डीओ 020240 11701440 द्वारा 350 मि्ंटल, डै एमएस कल्पतरु एग्रो इंडस्ट्रीज लालपुर मनेंद्रगढ़ (एमए 532700) ट्रक नम्बर सीजी 16-ए 2043 को डीओ 2024017101442 के द्वारा 260 मि्ंटल जारी करना पाया गया। समिति के ऑपरेटर से दिनांक 11.01.2024 तक की खरीदी का ऑनलाईन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया जिसमें समिति के ऑपरेटर अमित गुप्ता द्वारा दिनांक 11.01.2024 का रिपोर्ट प्रस्तुत किया जिसमें वर्तमान में उपलब्ध की खरीदी मात्रा 4516 मि्ंटल (11290 बोरा) प्रविष्टि पाया गया। ऑन लाईन रिपोर्ट में प्रविष्टि 11290 बारदाना के आधार पर मौके पर भौतिक सत्यापन किया गया जिसमें मौके पर कम धान पाया गया था जिसका दिनांक 12.01.2024 को खाद्य निरीक्षक भरतपुर भूपेन्द्र राज सहित पुनः भौतिक सत्यापन व मौका जांच क्रिया गया।
इन बिन्दुओं पर हुई जांच
जांच दिनांक 11.01.2024 आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कोटाडोल के उपार्जन केन्द्र रांपा में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर अमित गुप्ता द्वारा प्रस्तुत धान खरीदी की ऑनलाईन रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 10.01.2024 तक कुल 9836 मि्ंटल धान खरीदी की गई है. जिसमें से 5320 मि्ंटल धान मिल को जारी किया जा चुका है तथा उपार्जन केन्द्र में 4516 मि्ंटल (11290 बारदाना) समिति में शेष है। शेष 4516 मि्ंटल (11290 बारदाना) में से दिनांक 11.01.2024 को ट्रक नम्बर सीजी-16-सीपी-917 वीडियो क्रमांक डीओ 0202401 7101232 के द्वारा 350 मि्ंटल, 2. ट्रक नम्बर सीजी04-एचएस-7019 को डीअेा क्रमांक डीओ 02024017 101440 के द्वारा 260 मि्ंटल,, ट्रक नम्बर सीजी 15-एसी-4089 को डीओ क्रमांक डीओ0 2024011701440 के द्वारा 350 मि्ंटल., ट्रक नम्बर सीजी 16-ए-2043 को डीओ 2024017 101442 के द्वारा 260 मि्ंटल जारी पाया गया। उपरोक्त चारों डी.ओ. धान की कुल मात्रा 1220 मि्ंटल (3050 बारदाना) जारी किया गया है। दिनांक 11.01.2024 को जारी डी.ओ. धान की कुल मात्रा 1220 मि्ंटल (3050 बारदाना) को दिनांक 10.01.2024 की स्थिति में उपार्जन केन्द्र में शेष धान 4516 मि्ंटल (11290 बारदाना) में घटाने पर उपार्जन केन्द्र में 3296 विवंटल (8240 बारदाना) शेष होना चाहिए लेकिन समिति ऑपरेटर अमित गुप्ता द्वारा दिनांक 12.01.2024 को प्रस्तुत धान खरीदी के ऑनलाईन रिपोर्ट में 3192.4 मि्ंटल (7981 बारदाना) धान की प्रविष्टि की गई है। इस प्रकार ऑनलाईन व ऑफलाईन पंजी में 259 बारदाना (103.6 मि्ंटल) धान का अंतर पाया गया।
भौतिक सत्यापन में धान और बारदाना दोनो कम
समिति में रखे धान से भरे बारदाना का भौतिक सत्यापन करने पर धान उपार्जन केन्द्र रांपा के परिसर में स्थित वन विभाग के बने चार शासकीय आवास में लगभग 3300 बारदाना तथा बाहर स्टॉक में 2300 बारदाना कुल 5600 बारदाना मौके पर पाया गया जो धान उपार्जन केन्द्र में संधारित पंजी में प्रविष्ट धान की मात्रा 7981 बारदाना से 2381 बारदाना कम है तथा दिनांक 11.01.2024 को अमित गुप्ता द्वारा प्रस्तुत धान खरीदी के ऑनलाईन रिपॉट जिसमें उपार्जन केन्द्र में शेष धान की मात्रा 4516 मि्ंटल (11290 बारदाना) से 2640 बारदाना कम पाया गया।
कागजों में धान भेजा
कम्प्यूटर ऑपरेटर अमित गुप्ता द्वारा दिनांक 11.01.2024 को प्रस्तुत डी.ओ. क्रमांक 2024017101440 ट्रक क्रमांक सी.जी.04 एचएस 7019 को 260 मि्ंटल तथा डी.ओ. क्रमांक 2024017101440 ट्रक क्रमांक सीजी 15 एसी 4089 को 350 मि्ंटल का मिलर एंट्री गेट पास प्रस्तुत किया गया है जबकि दिनांक 11.01.2024 को जारी मिलर को घान प्रदाय विवरण की ऑनलाईन रिपोर्ट में ट्रक क्रमांक सीजी 04 एचएस 7019 को कोई धान प्रदान नहीं किया गया है। इस प्रकार समिति के ऑपरेटर अमित गुप्ता द्वारा डी.ओ. क्रमांक 2024017101440 को 260 मि्ंटल धान को प्रदाय न किया जाकर डी.ओ. क्रमांक 2024017101441 को प्रदान किया जाकर अनियमितता की गई है। दिनांक 10.01.2024 तक ऑपरेटर अमित गुप्ता द्वारा प्रस्तुत धान खरीदी की ऑनलाईन रिपोर्ट के अनुसार मिलर्स को जारी धान की मात्रा 5320 मि्ंटल था तथा दिनांक 11.01.2024 को मिलर्स को जारी धान की मात्रा 1220 मि्ंटल है। इस प्रकार दिनांक 12.01.2024 तक मिलर्स को कुल 6540 मि्ंटल धान जारी किया गया है लेकिन समिति ऑपरेटर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में 6630 मि्ंटल धान जो की 6540 मि्ंटल से 90 मि्ंटल कम है।
बिना धान के सैपल जांच के टोकन
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति सेवा कोटाडोल के उपार्जन केन्द्र रांपा के प्रबंधक के सहयोगी के रूप में कार्यरत से पुछताछ किया गया व उसक शपथपूर्वक कथन अंकित किया गया जिसमें द्वारा बताया गया कि समिति में बिना धान सैंपल जांच के धान का टोकन काट दिया जाता है। धान बेचने आये किसानों का धान नमी (14 से 17 आर्द्रता) अधिक होने पर 41200 ग्राम/ प्रति बोरा एवं नमी सामान्य (14 से 17 आर्द्रता के बीच) होने पर 40800 ग्राम/ प्रति बोरी खरीदा जाता है। जिसकी पुष्टि कृषक परमजीत बैगा एवं कुंवार सिंह द्वारा बयान से होता है। जो कि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोगता संरक्षरण विभाग द्वारा जारी खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के दिशा निर्देश/आदेश का उल्लंघन है। वहीं धान उपार्जन केन्द्र में कार्यरत श्री शैलेष मिश्रा जिसे बारदाना प्रभारी के रूप में पदस्थ हैं जिससे पुछताछ करने पर बयान दिया गया है कि दिनांक 11.01.2024 रात्रि 10.30 बजे तक उपार्जन केन्द्र से तीन ट्रक मिलर्स का धान भरकर गया है उसके बाद कोई ट्रक नहीं आया है।
जांच प्रतिवेदन का निष्कर्ष क्या है…
उपरोक्त जांच बिन्दु व तथ्यों से यह स्पष्ट है कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कोटाडोल के उपार्जन केन्द्र के प्रबंधक, कम्प्यूटर ऑपरेटर अमित गुप्ता, प्रबंधक प्रबंधक द्वारा धान खरीदी के लिए रखे गए सहयोगी द्वारा धान खरीदी कार्य में भारी लापरवाही करते हुए 2640 बारदाना (1056 मि्ंटल) का खरीदी दिखाकर 32,73,600/- (बाीस लाख तिहार हजार छः सौ रूपये) की शासकीय राशि का हेराफेरी किया जाकर शासकीय कोष को क्षति कारित किया जाना प्रतीत होता है तथा समिति प्रबंधक रमाकांत पाण्डेय व ऑपरेटर अमित गुप्ता द्वारा उपार्जन केन्द्र में संधारित पंजी व ऑनलाईन प्रविष्टि में भारी गड़बड़ी की गई है। अतः आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कोटाडोल के उपार्जन केन्द्र के प्रबंधक,कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री अमित गुप्ता,धान खरीदी के लिए प्रबंधक के सहयोगी को धान खरीदी केन्द्र से पृथक करने उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही तथ मिलर्स के भण्डार का भौतिक सत्यापन कराया जाकर अवैध धान की जप्ती की अनुसंशा सहित प्रतिवदेन कलेक्टर महोदय जिला-मनेन्द्रगढ़-विरमिरी-भरतपुर शा ग.) की ओर भेजा गया।
जांच प्रतिवेदन में जांच बिन्दु के
आरोप में निम्नांकित तथ्य विचारणीय

सवाल 1- क्या आ.जा. सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक द्वारा केवल कागजों में खरीदी की गई है जबकि भौतिक/वास्तविक रूप से कोई धान नहीं खरीदा गया ?
जिसका संभावित उत्तर- जांच बिन्दु क्रं. 1 के अनुसार ऑनलाईन रिपोर्ट में एण्ट्री 8240 बारदाने तथा भौतिक सत्यापन में पाये गये 5600 बारदाना जिसमें 2040 बारदाने का कम पाया जाना,प्रथम दृष्ट्या यह स्पष्ट है कि समिति प्रबंधक व ऑपरेटर द्वारा वास्तविक रूप से धान क्रय न किया जाकर केवल कागजों में ही धान खरीदी की गई है।
सवाल 2- क्या उपरोक्त जांच बिन्दु में पाई गयी अनियमितता में मिलर्स की भूमिका संदेह से परे हैं ?
जिसका संभावित उत्तर- धान उपार्जन केन्द्र में कार्यरत चौकीदार शैलेष मिश्रा का यह बयान कि दिनांक 11.01.2024 रात्रि 10.30 बजे तक उपार्जन केन्द्र से तीन ट्रक मिलर्स का धान भरकर गया है उसके बाद कोई ट्रक नहीं आया है कथन लेख कराना तथा धान उपार्जन केन्द्र के प्रबंधक व ऑपरेटर द्वारा चार ट्रक मिलर्स को जारी किये जाने का रिर्पोर्ट प्रस्तुत करना यह स्पष्ट करता है कि धान खरीदी में पायी गई अनियमितता में मिलर्स की संलिप्तता को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। मिलर्स दो प्रकार से प्रबंधक से साठ-गांठ कर सकता है, मिलर्स द्वारा वर्ष भर छोटे-मोटे बिचौलियों से पी.डी.एस. के चावल को संग्रह कर नया कस्टम मिलिग चावल के रूप में दर्शा के प्रबंधक से कागजीय रूप से डी.ओ. जारी करा सकता है। मिलर्स द्वारा बिचौलियों से राज्य द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से कम दर पर धान क्रय भंडारित धान को उपार्जन केन्द्र के धान के रूप में दिखाकर समिति प्रबंधक व ऐसे किसानों से सांठ-गांठ कर जो धान विक्रय नहीं करते के खाते से न्यून्तम समर्थन मूल्य की दर से शासकीय राशि का आहरण कर अनियमितता को अंजाम दे सकता है।


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