राजपुर,@राजपुर में नियमों को ताक पर रख कर धडल्ले से संचालित हो रही है दर्जनो क्रेशर

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आरटीओ, माईनिंग और पुलिस बने मुख्य दर्शक


-भूपेन्द्र सिंह-
राजपुर,13 जून 2024 (घटती-घटना)। बलरामपुर जिले के राजपुर क्षेत्र में लगभग दर्जनों क्रेशर संचालित हो रहे हैं इन क्रेशरों में खपने वाले पत्थर कहां से और कैसे लाया जा रहा है इसको देखने व जानकारी लेने वाला कोई नहीं है। हम यह बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में कई खदान बगैर लीज व पुराने लीज जिसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है धड़ले से संचालित हो रही है। इस प्रकार के खदान पूरी तरह से अधिकारियों के मेहरबानियो पर चलाए जा रहे है।ं आरोप यह भी है कि संबंधित अधिकारी इसके लिए हर महीने वसूली कर अपनी जेब भर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार राजपुर के डिगनगर, बघिमा,बरियों,ग्राम पंचायत नवकी सरनापारा,ग्राम पंचायत लडुवा ऊपरपारा सहित कोटागहना में क्रेशर का संचालन किया जा रहा है जो इन क्षेत्रों में संचालित कई क्रेशरों में पर्यावरण,स्वास्थ्य,विद्यूत,खदानों के लीज, विस्फोटक भंडारण करने का सुरक्षित स्थल आदि के जांच हेतु पूर्व में राजपुर व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा टीम गठित कर निर्देश दिए गए थे परंतु उनका अन्यत्र स्थानांतरण कर दिये जाने के बाद उस आदेश को ठंडा बस्ते में डाल दिया गया है। आज भी संचालित क्रेशर के संचालकों द्वारा मनमानी किया जा रहा है। क्षेत्र में संचालित क्रेशरों द्वारा गिट्टी रोजाना छाीसगढ़ से बिहार,झारखंड और उार प्रदेश में भेजा जाता है। गिट्टी के सप्लाई में क्रेशर संचालक ज्यादातर हाईवा वाहन का प्रयोग किया करते हैं। संचालक छाीसगढ़ से बिहार,झारखंड और उार प्रदेश भेजने के लिए फर्जी तरीके से बगैर पीट पास और बीना नंबर प्लेट वाले हाईवा वाहन से आरटीओ और संबंधित पुलिस थानों से सांठगांठ कर रोजाना सैकड़ो गाड़ी गिट्टी सप्लाई किया करते हैं, सभी संचालक अपने-अपने हिसाब से अपनी वाहनों की सूची आरटीओ और संबंधित थानों में जमा कर दिए हैं जिसका कमीशन हर महीने उनके पास भेज दिया जाता है, आपको बता दें कि हर रोज गिट्टी लोड वाहन अंबिकापुर से रामानुजगंज मार्ग व कुसमी मार्ग में बेधड़क दौड़ते देखा जा सकता है और इनमें लगभग अधिकांश वाहन अपने क्षमता से अधिक अर्थात ओवरलोड भेजे जाते हैं साथ ही एक पीठ पास से के माध्यम से वाहन कई ट्रिप गिट्टी सप्लाई कर लेता है जिसकी जांच किसी भी थाने व नाके में नहीं किया जाता इस प्रकार के कार्यों से रोजाना भारत सरकार व प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व की नुकसान हो रही है। इन क्षेत्रों में शाम होते ही लास्टिंग किया जाता जिससे आसपास के रहवासियों को बेहद परेशानी होती है आए दिन यहां के लोग भय के साए में जिवन यापन कर रहे हैं,लास्टिंग से कब उनका घर गिर जाए उसे उनको भी कोई अंदेशा नही है कई लोग तो इस भय से उस ईलाके को छोड़ कर अन्यत्र पलायन कर चुके हैं। इसके अलावा क्रेशर से उड़ने वाले धुल से खांसी और टीवी जैसे बिमारियों से ग्रसित हो चुके हैं, इससे निकने वाले धुल तो बच्चे,बुढ़े और गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है।
खबरों के प्रकाशन के बाद प्रशासन एक बार तो नींद से जाग जाती है फिर शो जाती है
इस प्रकार के खबरों के प्रकाशन के बाद प्रशासन एक बार तो नींद से जाग जाती है लेकिन इसको रोकने का स्थाई कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है संबंधित अधिकारी दिखावा मात्र के लिए कुछ वाहनों और क्रेशर संचालकों पर कार्रवाई कर खाना पूर्ति कर अपने काम को अंजाम देते हैं लेकिन कुछ समय पश्चात सभी चीजें समान होते नजर आती है अब देखनेवाली बात होगी कि इस खबर के प्रकाशन से बाद प्रसाशन किस प्रकार की कार्रवाई करती है या नही? वैसे यह माना जा रहा है की कार्यवाही नहीं होगी क्योकि कार्यवाही हुई तो अधिकारी के घर की जरूरते कैसे पूरी होगी।
नियम के अनुसार संचालकों को कराना होता हैं काम
क्रेशर संचाकों को क्रेशर व खदान के चारो तरफ सुरक्षा के लिए फेंसिंग करना अनिवार्य है, क्रेशर से धूल न निकले इसके लिए क्रेशर के हॉपर में पानी डाला जाना चाहिए और क्रेशर का गिट्टी चलनी बंद होनी चाहिए, ताकि धूल न निकले लेकिन ऐसा नही किया जा रहा है। इन संचालकों द्वारा पौधरोपण करना अनिवार्य है ताकि प्रदुषण को कम किया जा सके, क्रेशर और पत्थर खदानों के मालिक प्रदुषण रोकने के लिए पौधे लगाने की बात तो दूर उनके द्वारा जंगल की जमीन पर कजा कर वहां खदानों से निकलने वाले मलबा को डंप किया जा रहा है और पेड़ पौधे बर्बाद हो रहें हैं। इससे कई एकड़ जंगल खत्म हो रही है वहीं पत्थर निकालने के लिए किये जाने वाले लास्टिंग में भी मनमानी की जा रही है और अचानक लास्टिंग से लोग सहम जा रहें हैं तो क्रेशर दिन रात चल रहें हैं जिसकी आवाज़ से भी आसपास के घरों में रहने वाले बच्चे ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पा रहें हैं।
माइनिंग विभाग के साथ मिलकर जांच करेगे
राजीव जेम्स कुजूर एसडीएम राजपुर ने कहा की संचालित क्रेशरों के अवैध खदानों के संदर्भ में शिकायत आपके द्वारा बताई जा रही है जिसके लिए माइनिंग विभाग के साथ मिलकर जांच की कार्रवाई की जाएगी जांच में अगर किसी प्रकार की कमी पाई जाती है तो उस क्रेशर और क्रेशर संचालक के विरुद्ध विधिसंगत कार्रवाई की जाएगी।
स्थल का जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी
जिला माईनिंग अधिकारी कुमार मंडावी का कहना है कि राजपुर क्षेत्र में संचालित क्रशरों के खदानो में स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से खुदाई किया जा रहा है जो नियम के विरुद्ध है आपके द्वारा जानकारी दी जा रही है स्थल का जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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