कोरिया/कोरबा,@आखिर कहां रही कमी जो विधानसभा का प्रदर्शनचार माह में ही नहीं दोहरा सकी भाजपा?

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कोरिया/कोरबा,04 जून 2024 (घटती-घटना)। अंततः कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को करारी हार का सामना करना पड़ा और वर्तमान लोकसभा सांसद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रत्याशी पुनः चुनाव जीत गईं। भाजपा कोरबा लोकसभा में चुनाव जीत जायेगी और वह किसी भी प्रत्याशी के भरोसे इस चुनाव में मोदी लहर के सहारे जीत दर्ज कर ले जायेगी यह भरोसा ही केवल लेकर पार्टी के लोग बैठे रह गए और जमीन पर धरातल पर पार्टी संगठन के बड़े नेताओं ने ध्यान नहीं दिया और प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को उन विधानसभाओं में भी हार का मुंह देखना पड़ा जहां हाल में ही संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को बड़ी बढ़त मिली थी और जिसे भाजपा संगठन एयर सत्ता में बैठे निर्वाचित जनप्रतिनिधि सम्हाल नहीं सके। कोरिया जिले में जहां उम्मीद थी की विधानसभा का प्रदर्शन भाजपा दोहरा ले जायेगी और बड़ी बढ़त लोकसभा प्रत्याशी को भाजपा संगठन दिला पाएगा वैसा नहीं हुआ और भाजपा प्रत्याशी जिले की एक विधानसभा से भी पिछड़ गईं,कोरिया जिले में जिलाध्यक्ष भाजपा एकला चलो की नीति पर लगातार चल रहे थे संगठन में कार्य विभाजन को लेकर और प्रत्याशी की जीत के लिए उनको पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कभी भी गंभीर नहीं देखा गया वहीं हर काम जिलाध्यक्ष अकेले अपने पुत्र के साथ ही करने की ठान चुके थे दो एक अन्य पदाधिकारी उनके साथ थे और बाकी कार्यकर्ता क्या करना है क्या रणनीति है उससे अनजान थे। कोरिया जिले के अलावा बात यदि एमसीबी जिले की हो तो वहां की जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्री की थी और उन्होंने भी चुनाव को गंभीरता से नहीं लिया और परिणाम यह हुआ की एमसीबी जिले की दोनों विधानसभाओं में भी भाजपा प्रत्याशी की करारी हार हुई और उन्हे पराजय का मुंह देखना पड़ा,स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा जिलाध्यक्ष एमसीबी का नेतृत्व भी प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सका और वहां से भी भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हार गईं।
आखिरकार एक बार फिर घटती घटना का अंदेशा हुआ सही
घटती घटना ने पहले ही अंदेशा जाहिर कर दिया था की कोरिया सहित एमसीबी जिले में लोकसभा प्रत्याशी को जीत मिल पाना आसान नहीं है।बिखरा पड़ा संगठन परिवारवाद के साथ खड़े नेतृत्वकर्ता घातक होंगे प्रत्याशी की जीत के हिसाब से यह आंकलन पहले ही जाहिर किया गया था हुआ भी वैसा ही। भाजपा नेताओं के मोदी लहर के भरोसे बैठे रहने की वजह से प्रत्याशी की हार तय हो गई। प्रदेश की सत्ता मंत्री विधायक क्षेत्र से होने के बाद भी अपने ही प्रत्याशी को वह जीत नहीं दिला सके जबकि प्रत्याशी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थीं। वैसे जिलाध्यक्ष कोरिया भाजपा खुद प्रत्याशी बनना चाह रहे थे वहीं वह जब प्रत्याशी नहीं बनाए गए नाराज भी नजर आए कुछ अन्य भी थे जो प्रत्याशी बनना चाह रहे थे वह भी नाराज थे कुछ विधानसभा में टिकट न मिलने से नाराज थे सबने मिलकर प्रत्याशी की हार तय कर दी यह अंदेशा पहले से देखा जा रहा था।
विरोध के बाद भी ज्योत्सना महंत की जीत बीजेपी के मुंह पर तमाचा
जिला विभाजन क्षेत्र से पांच साल नदारद रहने सहित क्षेत्र में कोई ऐसा काम न करना जो उपलब्ध कही का सके एक सांसद की और जिसे निष्कि्रयता ही कहा जा सकता है के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी का जीत जाना भाजपा के मुंह पर तमाचा है। न मंत्री न विधायक न ही जिलाध्यक्ष कोई नहीं जीत दिला सका प्रत्याशी को सत्ता हांथ में रहते हुए। वैसे सांसद बतौर निश्चित रूप से कोई ऐसा काम कांग्रेस प्रत्याशी ने नहीं किया था जो वह दोबारा जीत सकें लेकिन वह जीत गईं।
भाजपा के जिलाध्यक्षों की होगी छुट्टी?
क्या भाजपा जिलाध्यक्षों की छुट्टी होगी अब। कोरिया जिले में खासकर जिलाध्यक्ष को लेकर पहले से पार्टी के भीतर आक्रोश है और कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं वैसे माना जा रहा है की हार की जिम्मेदारी लेकर जिलाध्यक्षों को खुद पद छोड़ देना चाहिए लेकिन क्या वह पद मोह छोड़ पाएंगे या वह हटाए जाने पर ही हटेंगे यह देखने वाली बात होगी।
ज्योत्षना महंत ने कोरबा लोकसभा के जीत का श्रेय कार्यकर्ताओं एवं परिवार को दिया
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे के आने के बाद श्रीमती ज्योत्षना महंत मीडिया से रूबरू होते हुए अपने सरल स्वभाव के अनुरूप कहा कि,यह जीत कार्यकर्ताओं एवं परिवार की जीत है, जिन्होंने दिन रात मेहनत कर मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया । उन्होंने कहा के उन्हे विश्वास था कि कोरबा लोकसभा की जनता एक बार पुनः उन्हे अपना आशीर्वाद देगी ,और जिसके लिए वे क्षेत्र की जनता का दिल से धन्यवाद दिया । उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जो भी अधूरे कार्य पिछले कार्यकाल में रह गए वह उन्हें पूरा करेगी साथ ही स्वास्थ्य, प्रदूषण, सड़क,पानी एवं भूविस्थापितों से संबंधित समस्याओं का निराकरण करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने इस दौरान दुख प्रकट करते हुए कहा कि ये जीत उनके लिए और भी अधिक खुशी का पल होता यदि प्रदेश के अन्य लोकसभा सीटों से चुनाव में उतरे उनके साथी गण अपने अपने सीट से जीत कर आते। उन्होंने कहा के सायद ऊपर वाले की यही मर्जी रही होगी इसलिए मैं अकेली पूरे ग्यारह लोक सभा से अकेली जीत कर पहूंची हूं, इसलिए मेरे लिए यह सीट अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है साथ ही जनता का एक बार पुनः मुझपर किया गया भरोसा को बरकरार रखते हुए उनके समस्याओं का निराकरण करने मेरी प्रथम प्राथमिकता होगी । आपको बता दे कि मतदान के दौरान उनसे पूछे जाने पर के मतदान के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का बढ़चढ़ कर चुनाव में भाग लेने से क्या ज्योत्षना महंत को इसका लाभ मिलेगा। तब उन्होंने बड़े दृढ़ता के साथ कहा था के हां मिलेगा और पूरा पूरा मिलेगा जो आज नतीजे आने पर साफ हो गया के तब का दृढ़ निश्चय से कही गई बात का आज उनके दोबारा कोरबा लोकसभा से सांसद बनना तय कर दिया।
स्वास्थ्य मंत्री,वाणिज्य और उद्योग मंत्री वहीं चार अन्य विधायक चार जिलाध्यक्ष मिलकर जब उनकी भाजपा प्रत्याशी की शिकस्त को नहीं रोक सके
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कोरबा लोकसभा प्रत्याशी कोरिया सहित एमसीबी जिले की स्थिति कुछ हद तक भांप चुकी थीं प्रचार के दौरान और जिसके कारण वह क्षेत्र में काफी मेहनत भी करती नजर आईं थीं लेकिन उनकी मेहनत भी काम इतनी ही आ सकी की उनकी हार और बड़ी हार में तदील होने से बच गई वरना स्वास्थ्य मंत्री,वाणिज्य और उद्योग मंत्री वहीं चार अन्य विधायक चार जिलाध्यक्ष मिलकर जब उनकी शिकस्त को नहीं रोक सके अपना ही प्रदर्शन वह विधानसभा चुनाव का नहीं दोहरा सके तो वह या उनकी मेहनत से और उनकी सक्रियता से प्रत्याशी इतना मत पा सकीं यह कहना सही नहीं होगा और कहना होगा की मोदी लहर और खुद प्रत्याशी की अपनी मेहनत से जो मत उन्हे मिल सके वह मिल पाए और मंत्री विधायक जिलाध्यक्ष उनके लिए समर्पित भाव से काम करने में असमर्थ साबित हुए।
कोरबा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी को भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी दिग्भ्रमित किया
कोरबा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी को भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी दिग्भ्रमित किया और उनसे ऐसे लोगों की मुलाकात कराई और उन्हे संसाधन दिलवाने का काम किया जो भाजपा के पक्ष में कभी नजर नहीं आए कभी क्षणिक लालच में संसाधन के लिए इधर उधर भटकते ऐसे लोग भी उनसे लाभ ले गए। वैसे भाजपा कोरिया जिले एमसीबी जिले में उनसे भी मात खा गई जो भाजपा के बड़े कद्दावर नेता बनते हैं लेकिन जब चुनाव की बात आती है वह खुद के चुनाव में ही रुचि दिखाते हैं अन्य चुनाव और अन्य के नेतृत्व में वह घुटन महसूस करते हैं और वह कमियों को दूर करने की बजाए कमियों को उजागर करते हुए पार्टी को ही कमजोर कर जाते हैं।
नैतिक जिम्मेदारी लेकर पद त्याग देंगे या पार्टी के मंत्री?
कुल मिलाकर भाजपा की कोरबा लोकसभा सीट की प्रत्याशी के लिए जो समर्पण जिम्मेदार लोगों को जाहिर करना था प्रदर्शित करना था वह वह नहीं कर सके और प्रत्याशी की हार तय हो गई। कोरिया से हार एमसीबी जिले से हार के बाद अब सवाल उठ रहा है की क्या अब स्वास्थ्य मंत्री खुद नैतिक जिम्मेदारी लेकर स्तीफा देंगे या पार्टी उन्हे पद से हटाएगी या वह फिर भी बने रहने वाले हैं वहीं जिलाध्यक्ष भी क्या खुद नैतिक जिम्मेदारी लेकर पद त्याग देंगे या पार्टी उन्हे पद से हटाएगी। कुल मिलाकर आने वाले समय में यह देखने वाली बात होगी की क्या भाजपा कोरिया जिले एमसीबी जिले में बड़ा बदलाव करने जा रही है। वैसे कोरबा से विधायक और वाणिज्य उद्योग मंत्री भी क्या मंत्री मंडल से स्तीफा देंगे या पार्टी उन्हे मंत्री मंडल से हटाएगी यह भी देखने वाली बात होगी क्योंकि जिम्मेदारी तो बनती है क्योंकि इसी आधार पर पद प्रदान किए जाते हैं पार्टी में।
ज्योत्सना महंत कोरिया जिले के पुराने गड्ढे को पाट कर अभिभाजित कोरिया जिले से बना सकीं बढ़त
कांग्रेस प्रत्याशी विधानसभा चुनाव के अंतर को दूर कर विभाजित कोरिया जिले की तीनों विधानसभाओं से जीत दर्ज कर सकीं। माना जा रहा था की वह इस बार भी पिछली बार की तरह पिछड़ जाएंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के पीछे जो सबसे बड़ा कारण रहा वह यह रहा की उनके लिए पूरी कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर लड़ रही थी वहीं भाजपा के जिम्मेदार लोग केवल भाजपा प्रत्याशी की जीत के लिए अभिनय कर रहे थे देखा जाए तो भाजपा प्रत्याशी अंत तक भाजपा नेताओं मंत्रियों विधायकों सहित जिलाध्यक्षों के बीच सामंजस्य उन्हे निर्देशित ही करती रह गईं और कांग्रेस प्रत्याशी जीत एक तरह से छीन ले गईं। कांग्रेस तीनों विधानसभाओं में एकजुट रही पूरे चुनाव के दौरान जिसका फायदा मिला कांग्रेस प्रत्याशी को।
ज्योत्सना महंत ने लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को हराया
कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने दूसरी बार कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी को मात दी है।वह इस लोकसभा के गठन के बाद दूसरी बार जितने वाली पहली प्रत्याशी भी हो गईं हैं वहीं चरण दास मंहत की कुशलता खासकर अपने चुनाव के लिए वह भी साबित कर ले गए उन्हे खुद सहित परिवार के मामले में हमेशा जीत दर्ज करने वाला नेता कहना गलत नहीं होगा। वैसे कोरबा लोकसभा सीट से दोनों ही दलों के प्रत्याशी बाहरी थे और बाहरी भीतरी का कोई मुद्दा भी नहीं था फिर भी कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज कर ले गईं।
क्या कोरबा लोकसभा के भाजपा विधायक व मंत्री लेंगे हार का जिम्मा,क्या मंत्री दोनों नैतिक जिम्मेदारी लेकर देंगे मंत्री पद से इस्तीफा या पार्टी खुद ही पद से हटाने का लेगी फैसला?
अब भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के चुनाव कोरबा लोकसभा सीट से हार जाने के बाद यह भी सवाल खड़ा हो रहा है की क्या लोकसभा से भाजपा सरकार में बनाए गए दो मंत्री हार का जिम्मा लेंगे वहीं वह नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देंगे। वैसे यदि वह खुद स्तीफा नहीं देते हैं तो क्या पार्टी उन्हे जिम्मेदार मानकर इस्तीफा देने कहेगी क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद प्रदर्शन के आधार पर मंत्रीमंडल का स्वरूप होगा यह कहा जाता रहा है सुना जाता रहा है। वैसे विधायकों की भी जिम्मेदारी बनती है उन्होंने मेहनत की होती आसानी से यह सीट भाजपा जीत जाती लेकिन मोदी लहर के भरोसे और प्रत्याशी की खुद के मेहनत के भरोसे उसे छोड़ा गया और वह चुनाव हार गईं।
कोरबा से भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी भाजपाइयों के आपसी षड्यंत्र का शिकार तो नहीं हुई?
सवाल यह भी है की क्या कोरबा से भाजपा की प्रत्याशी भाजपाइयों के आपसी षड्यंत्र का शिकार तो नहीं हो गईं। भाजपा कोरिया सहित एमसीबी जिले वहीं कोरबा जिले में भाजपा के संगठन और सत्ता के बीच तालमेल का अभाव है ऐसा सुना जाता रहा है वहीं कोरिया जिले का संगठन तो पूरी तरह एकला चलो की ही राह पर था और परिणाम समाने विपरीत भी आया। वैसे संगठन से नाराज विधायक से नाराज इसलिए भी लोग थे क्योंकि विधायक एक दो सलाहकार मात्र से घिर चुके हैं वहीं जिलाध्यक्ष की टीम में मात्र दो से तीन लोग ही हैं जिन्हे वह विश्वासपात्र मानते हैं और स्वस्फूर्त जो हो सका वह कार्यकर्ता कर गए वहीं संसाधन भी कार्यकर्ताओं को नहीं मिला। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम भी असफल होना जिले में बताता है की कैसे प्रत्याशी की जीत के लिए कोरिया भाजपा मौन धारण कर मोदी लहर के भरोसे बैठी थी।


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