कोरिया@सूदखोर राजा खान के चंगुल में कई एसईसीएल कर्मचारी

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-रवि सिंह-
कोरिया,01 जून 2024 (घटती-घटना)
। कोरिया जिले में सूदखोरी के कारोबार के बेताज बादशाह बने हुए हैं राजा खान जिनके चंगुल में है कई एसईसीएल कर्मचारी,लाखों रुपए कमाने वाले एसईसीएल के कर्मचारी इनके चंगुल में इस कदर फंस चुके हैं की प्रति महीने इन्हें याज का पैसा लौटते हैं और मूलधन बचा रह जाता है,लाखों रुपए कमाने वाले कर्मचारी उनके सामने गिड़गिड़ाते देखे जा सकते हैं, तनख्वाह भले ही एसईसीएल के कर्मचारियों के खाते में आता है पर उनका बैंक पासबुक चेक बुक एटीएम राजा खान के घर में रहता है,जैसे ही पैसा आता है राजा खान कर्मचारियों का खाता खाली कर देते हैं और फिर कर्मचारी रोजमर्रा के खर्चों के लिए राजा खान के पास गिड़गिड़ाते देखे जाते हैं,सूदखोरी के कई मामलों को लेकर राजा खान के खिलाफ कई अपराध दर्ज है अभी फिलहाल में एक और अपराध दर्ज हुआ है पुलिस अधीक्षक इस मामले को लेकर काफी गंभीर है और राजा खान की गिरफ्तारी चाहते थे पर न जाने पुलिस विभाग का कौन सा कर्मचारी पहले ही इसकी जानकारी राजा खान को दे दिया जो पुलिस के गिरफ्तार करने से पहले ही वह फरार हो चुका है। वैसे राजा खान का पुलिस विभाग में कोई खास गुप्तचर काम कर रहा है ऐसा माना जा रहा है जो राजा खान के लिए काम कर रहा है सूचना देने का।

सूत्र बताते है की राजा खान का सूदखोरी का व्यवसाय काफी बड़े स्तर पर संचालित है और उसके चंगुल में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। राजा खान अपने सूदखोरी के व्यवसाय संचालन के लिए पुलिस विभाग में भी अपना संपर्क बना कर रखे हैं और पुलिस विभाग के कर्मचारी भी उनके सहियोगी हैं उनके व्यवसाय में। बता दें की जब जब राजा खान पर पुलिसिया कार्यवाही की बात सामने आती है कोई शिकायत सामने आती है उसकी भनक शिकायत से पहले ही राजा खान को लग जाती है और वह फरार हो जाता है या फिर वह अपने बचाव के प्रयास में लग जाता है। कुल मिलाकर राजा खान का पुलिस विभाग में कोई सहयोगी जरूर है जो उसकी मदद उसे जानकारी प्रदान कर करता है।

सूत्रों का यह भी कहना है की कोरिया जिले के एक चर्चित प्रधान आरक्षक का भी राजा खान के साथ संपर्क है ऐसा बताया जाता है। बताया जा रहा है की कोरिया जिले का उक्त चर्चित प्रधान आरक्षक जिले के अवैध कारोबारियों का सबसे बड़ा मददगार है। उक्त प्रधान आरक्षक का कार्य ही है की वह अवैध कारोबारियों की मदद करता है और उसके एवज में वह अपना भी हिस्सा प्राप्त करता है। उक्त प्रधान आरक्षक को लेकर कई शिकायतें भी हैं पुलिस के पास लेकिन पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती मामले में क्योंकि उससे विभाग की ही छवि धूमिल होगी वहीं उक्त प्रधान आरक्षक की सबसे बड़ी विशेषता है की वह उच्च अधिकारियों को वश में करना जानता है और सभी की कमजोरी वह अपने हिसाब से उपयोग करता है उन पर दबाव बनाने में यह वह खुद कहते सुना जाता है। अभी माइक दो के करीबी बने हुए है।

सूदखोरी का धंधा कानून के लिए अवैध कारोबार की ही श्रेणी का व्यवसाय है और इसमें संलिप्त व्यक्ति पर कार्यवाही पुलिस की प्राथमिकता होती है और प्रायः कार्यवाही होती भी है। सूदखोरी के मामले में गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को कोई सहूलियत या कोई रियायत भी नहीं प्रदान किया जाता है पुलिस द्वारा यह भी देखा गया है लेकिन राजा खान के मामले मे देखने को मिला है की उसके साथ अन्य सूदखोरों की अपेक्षा अलग व्यवहार जिले की पुलिस करती है जिसका उदाहरण तब देखने को मिला था जब एक मामले में गिरफ्तार किए जाने पर जब प्रेस के समक्ष सूदखोरों को लेकर प्रेस
विज्ञप्ति जारी की जा रही थी तब कई सूदखोरों को भी प्रेस के सामने तस्वीर खींचने के लिए लाया गया था लेकिन उसी मामले में उसी दिन गिरफ्त में आए राजा खान को प्रेस के समाने तस्वीर के लिए प्रस्तुत नही किया गया था। राजा खान को लेकर रियायत का प्रावधान जिले के पुलिस विभाग में क्यों जारी है इसको लेकर कई सवाल खड़े होते रहे हैं।

राजा खान का सूदखोरी का व्यवसाय काफी बड़े स्तर पर संचालित है।बताया जाता है की कई लोगों के महीने भर की कमाई का कितना उसके परिवार के जीवन यापन के लिए प्रदान किया जाना है यह राजा खान की तय करता है। एसईसीएल के कई कर्मचारियों के महीने भर की कमाई हर माह राजा खान के पास जमा होने के बाद भी उसका मूलधन आज भी खड़ा है कर्जदार के विरुद्ध जबकि बताया जा रहा है की कइयों के द्वारा मूलधन से तीन गुना चार गुना भुगतान कर दिया गया है। राजा खान का याज खत्म होता ही नहीं यह भी बताया जा रहा है और कई लोग उससे अब प्रताडि़त हैं। राजा खान पर कड़ी कार्यवाही हो और राजा खान के चंगुल से लोग बच सकें यह मांग अब जोर पकड़ने लगी है। अब देखना है की पुलिस क्या कार्यवाही करती है और किस तरह से राजा खान के चंगुल से लोगों को बचाती है।


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