कोरिया@क्या सीएमएचओ साहब बाबुओं को खड़ा कर फोटो खिंचवा पूरा कर लिया जाता है हर राष्ट्रीय कार्यक्रम का कोरम?

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-रवि सिंह-
कोरिया,01 जून 2024 (घटती-घटना)।
कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में लोगो के स्वास्थ्य को लेकर राष्ट्रीय कार्यक्रम सिर्फ सीएमएचओ कार्यालय तक सीमित है,बाबुओं को खड़ा कर फोटो खिंचवा कर मिलने वाली राशि खर्च कर दी जाती है,आमजन तक सिर्फ एक दिन सिर्फ शहरी क्षेत्र में जागरूकता वाहन घुमा कर औपचारिकता पूरी कर ली गई। कोरिया जिले का स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य पूरी तरह से खराब हो चुका है आज राष्ट्रीय तंबाखू नियंत्रण दिवस पर इसके लिए बाकायदा लाखो रुपए की राशि का बजट भेजा गया है आज हुआ क्या? सीएमएचओ कार्यालय के बाबुओं को खड़ा कर फोटो खिंचवा कर अखबार की कतरन राज्य के नोडल अधिकारी को भेज कर कार्यक्रम की औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी। आज तंबाखू के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिए राष्ट्रीय तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार द्वारा भारी भरकम बजट का प्रावधान किया गया है,परंतु इसके लिए सिर्फ एक दिन जागरूकता वाहन देखने को मिला वो भी सिर्फ बैकुण्ठपुर शहर में,ग्रामीण क्षेत्रो में इस दिवस के बारे में किसी को कुछ खबर ही नही है और न ही विभाग का जागरूकता वाहन उस ओर गया, मितानिनों को भी इस कार्यक्रम को लेकर कोई जानकारी नही है।
क्षेत्र में गुटखा पाउच,गुड़ाखु,तंबाखू और सिगरेट का बढ़ता जोर
बैकुण्ठपुर में आज से 20 साल पहले 30 से ज्यादा पान की दुकान थी जो घटकर 4 से 5 रह गई, वही 30 साल पहले मेडिकल की दुकान 4 हुआ करती थी जो अब बढ़कर 35 हो गई है,पान की जगह गुटखे ने ले ली और गुड़ाखु,सिगरेट की बिक्री में कमी नही आई है, कैंसर के मरीजों की संख्या भी दिन ब दिन बढ़ती ही गई,परंतु जिस विभाग को इसके नियंत्रण का जिम्मा दिया गया है वो सिर्फ कार्यालय तक सीमित है ऐसा सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम में सीएमएचओ कार्यालय के द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए दर्जनों गतिविधियों करने के निर्देश होते है पर सिर्फ एक दिन अपने कार्यालय के बाबुओं को खड़े कर दिया जाता है जबकि तमाम गतिविधियां चुपचाप कागजो में पूरी हो जाती है,सबसे ज्यादा राशि प्रशिक्षण में आती है, इसके अलावा कोटपा अधिनियम के तहत कार्यवाही कहीं नजर नही आती है,नशामुक्ति केंद्र में कम से कम 150 ओपीडी दिखाना अनिवार्य है पर आप खुद अपनी खुली आँखों से देख सकते है अमल होता कितना है।
बीते 2 साल में बजट भी आया पर कागजो ने सब पूरा हो गया…
संचालनालय,स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा राष्ट्रीय तंबाखू नियंत्रण कार्यक्रम के लिए बजट के साथ उसके खर्च करने के दिशा निर्देश जारी किए थे, इसके तहत वर्ष में 2 बार कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधानों के उल्लंघन पर कार्यवाही करने के लिए प्रशिक्षण के साथ जिला स्तरीय समन्वय समिति की वर्ष में 4 बैठक करने के लिए बजट भेजा था, जिला एवं विकासखंड स्तर पर तंबाखू उत्पादों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामो के प्रति जागरूकता लाने और कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधानों की जानकारी और पालन के संबंध में प्रचार प्रसार,प्रिंटिंग के लिए राशि भेजी गई,कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधानों को सुनिश्चित करने और उल्लंघन करने वालो पर कार्यवाही के लिए प्रवर्तन दल की बैठक और चालानी कार्यवाही वर्ष में 4 बार के लिए राशि जारी की गई,जिला तंबाखू नियंत्रण इकाई का गठन करने के निर्देश दिए गए थे। कैपेसिटी बिल्डिंग में बीते 2 वर्ष में 6 लाख रुपए दिए गए, जिसमे जिला एवं विकासखंड स्तर पर शैक्षणिक संस्थानों को तंबाखू मुक्त करने कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अनुसार सक्षम अधिकारियों का प्रशिक्षण, शैक्षणिक संस्थानों में तम्बाखू उत्पादों के सेवन से होने वाले दुष्परिणाम पर जागरूकता लाने व कोटपा अधिनियम के साथ महाविद्यालयो में भी इसका प्रचार-प्रसार करना है। इसमे आईटीसी राशि का उपयोग भी करना है जिसमे येलो लाइन कैम्पेन चलाना भी शामिल था, तम्बाखू नशामुक्ति केंद्र की स्थापना कर गरीबो को एनआरटी/नॉन एनआरटी दवाइयों के लिए बजट रखा गया बताया गया,डेढ़ लाख रुपए इसमे दिए भी गए, इसके अलावा तम्बाखू सेवन करने वाले व्यक्तियों की काउंसलिंग,जांच और उपचार, दंत चिकित्सक,काउंसलर सभी को प्रशिक्षित करनेज़ इसके साथ सामुदायिक स्तर की गतिविधियाँ,एफजीडी तम्बाखू नशामुक्ति से संबंधित वर्ष में 10 बार किया जाना है। विश्व तंबाखू निषेध दिवस मनाए जाने के लिए 1 लाख रुपए की राशि प्रदान की जा चुकी है। इसके अलावा आईटीसी के तहत और राशि प्रदान की जा चुकी है।


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