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कोरिया/सुरजपुर@क्या पूर्व डीपीएम सहायक लेखापाल के साथ सीएमएचओं कार्यालय के बंद कमरें में बैठ जांच रिपोर्ट के दस्तावेजों को कालापीला करने में जुटे हुए है?

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-ओंकार पाण्डेय-
कोरिया/सुरजपुर,29 मई 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में अब भी पूर्व डीपीएम का जलवा बरकरार है,सूत्र बताते है कि रोजाना रात में सीएमएचओं कार्यालय में अपने खिलाफ हो रही जांच की रिपोर्ट सीएमएचओ और पूर्व डीपीएम खुद बना रहे है,इसके लिए तमाम दस्तावेजों को कालापीला करने में सहायक लेखापाल को लेकर बंद कमरें में कलाकारी जारी है पूरा काम बेहद गुप्त तरीके से किया जा रहा है ताकि विभाग के किसी भी कर्मचारी तक को इसकी भनक नही लग सके।
कोरिया जिले के सीएमएचओ कार्यालय में बीते दो वर्षो में जमकर वित्तीय अनियमितताएं बरती गयी है, कई शिकायतों के बाद जिला प्रशासन के शह पर जांच में लिपापोती की जा रही है। सूत्रों की माने में सीएमएचओ कार्यालय में रात होने के बाद सीएमएचओं, सहायक लेखापाल और पूर्व डीपीएम की जुगलबंदी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ में जुट जाते है,इसके लिए बाकायदा सीसीटीवी कैमरों को खराब करवा दिया गया था,घटती-घटना की खबर के बाद कुछ दिन पूर्व ही सीसीटीवी कैमरों को दुरूस्त करवाया गया है। वहीं सूत्र यह भी बताते है कि मुख्यमत्री के यहां से आई जांच निर्देश के बाद कांग्रेस के समय के खास अधिकारी को जांच अधिकारी बनवाकर जांच प्रतिवेदन खुद सीएमएचओ और पूर्व डीपीएम के द्वारा बनवाया जा रहा है। ताकि पूरी अनियमितताओं में पाक साफ निकल सके। पूरा खेल आचार संहिता का फायदा उठाकर किया जा रहा है।
प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के नर्सिंग कॉलेज में भी है भारी अनियमितता…जांच की है आवश्यकता
प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के द्वारा कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में सेंध लगाकर कोरिया जिले में ही नर्सिंग कॉलेज का संचालन किया जा रहा है जो उनका निजी नर्सिंग कॉलेज है जिसे वह पिछले दरवाजे से संचालित करते हैं। उनके नर्सिंग कॉलेज को लेकर भी कई शिकायत हुई है की वह अनियमितता की बड़ी मिशाल है और वहां नियम-कायदों को किनारे करते हुए नर्सिंग कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। अब नर्सिंग कॉलेज में अनियमितता किन-किन मामलों में है और क्या कमियां हैं जिसके बावजूद वह संचालित है की जांच आवश्यक है वरना इस मामले में भी शासन-प्रशासन पर अनदेखी और पक्षपात का आरोप लगता रहेगा।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर कर रहे नौकरी,यह भी है आरोप
प्रभारी डीपीएम सूरजपुर का जाति प्रमाण-पत्र भी फर्जी है यह भी आरोप लग रहा है। बताया जा रहा है की वह पिछड़ा वर्ग समाज से होने का लाभ प्राप्त कर रहे हैं जबकि उनका जाति प्रमाण-पत्र फर्जी है। अब जाति प्रमाण-पत्र मामले में भी जांच की आवश्यकता है। वैसे सवाल यह भी है की क्या सभी नियम कायदे आम लोगों के लिए है। प्रभावशील के लिए अपराध की कोई सजा नहीं यदि ऐसा नहीं है तो प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के विरुद्ध हुई शिकायत जिसमे उनकी डिग्री फर्जी है वहीं उनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी है इसकी जांच होनी चाहिए तभी लोगों का न्याय और प्रशासन शासन पर विश्वास जागेगा।
नए डीपीएम की खबर प्लांट करवा रहा पूर्व डीपीएम
कोरबा से आकर कोरिया जिले में पदस्थ हुए नवपदस्थ डीपीएम अपनी की कार में आना जाना करते है, और सरकारी खर्च के वाहनों का दुरूपयोग अभी तक करते नहीं देखे गए है,2017 में पूर्व डीपीएम की शिकायत हुई थी कि मीडिया में विभाग की खबरें स्वयं देते है और शासन के खिलाफ खबर लगवाया करते है,सूत्र बता रहे है कि वे अभी नए डीपीएम के खिलाफ खबरें प्रकाशित करवा रहे है कि वो फील्ड में रहते है,डीपीएम का पद ही फील्ड में रह कर केन्द्र की योजनाओं का बेहतर क्रियांनवयन करवाना है,जिले के लिए अच्छी बात है डीपीएम फील्ड में तो है। पूरा जिला जानता है कि पूर्व डीपीएम तो सिर्फ कलेक्टर की चमचागिरी में व्यस्त रहते थे,बॉस को आयुवेर्दिक से लेकर होमियोपेथी दवाओं को लेकर दिलाने और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगाने को अपनी कर्तव्यनिष्ठा बताया करते थे, कोरिया में मीडिया का एक समूह उनके इस चमचागिरी का कायल रहा है। वैसे स्वास्थ्य विभाग में ही कार्यरत स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति जिम्मेदार लोगों की माने तो नव पदस्थ प्रभारी डीपीएम काफी कर्तव्यनिष्ठ हैं और विभाग के लोग उनकी कार्यप्रणाली से काफी प्रसन्न हैं और प्रेरित भी हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के ही लोगों की माने तो वर्तमान में पदस्थ प्रभारी डीपीएम ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और क्षेत्र में वह लगातार दौरा कर रहे हैं। वैसे उनके खिलाफ समाचार का प्रकाशन कराने का काम करने वाले पूर्व डीपीएम को लेकर भी स्वास्थ्य महकमा कोरिया जिला दबी जबान से यही कह रहा है की जो अपने विभाग का को बदनाम करता चला आया हो और जो जिले में कार्यरत रहते हुए स्वास्थ्य विभाग के लोगों के बीच पीठ पीछे दुत्कार का ही भागी बना रहा हो वह किसी की समीक्षा करेगा यह उचित नहीं। वैसे पूर्व डीपीएम स्वास्थ्य विभाग कोरिया को अभी भी विभीषण जैसी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं दूर रहकर भी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे दूषित हो यह प्रयास कर रहे हैं यह स्वास्थ्य विभाग के लोगों का ही कहना है और उन्हे घृणित मानसिकता का लोग बता रहे हैं।
क्या फर्जी डिग्री की होगी जांच?
प्रभारी डीपीएम सुरजपुर की डिग्री फर्जी है यह शिकायत बैकुंठपुर के सामाजिक कार्यकर्ता ने की है। अब यदि यह सही है या सही नहीं भी है तो क्या इसकी जांच होगी। वैसे जानकारों का कहना है की डिग्री मामले में झोलझाल है इसलिए ही सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम पुनः कोरिया जिले वापसी चाहते हैं क्योंकि वह यहां अपने विरुद्ध शिकायतों को जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों से संबंध के बल पर दबा ले जाते हैं। वैसे प्रभारी डीपीएम की डिग्री पर यदि प्रश्न खड़ा हुआ है तो अवश्य ही जांच होनी चाहिए। प्रभारी डीपीएम सूरजपुर दुनिया को भ्रष्टाचारी बताने में जब भिड़े हुए हैं तो वह भ्रष्टाचारी नहीं हैं उनकी डिग्री सही है यह उन्हे स्वयं जांच करवाने में मदद करनी चाहिए।


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