- खबर छपने पर काम करने वाले ने मंत्री के पति को लगाया फोन तो मंत्री के पति ने कहा पत्रकार तो खबर छापते ही हैं तुम करते रहो अपना काम: सूत्र
- क्या नाम की मंत्री हैं लक्ष्मी राजवाड़े,बाकी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं ठाकुर?
- विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि मंत्री पति तो विभागीय बैठकों में भी होते हैं शामिल,अधिकारियों को देते हैं निर्देश
- जिला स्तरीय अधिकारी कर्मचारियों के पास भी आता है मंत्री पति का कॉल
- विभाग से मिली शासकीय वाहन का भी उपयोग करते देखे जाते हैं मंत्री पति…काम के लिए मंत्री पति से हो गई है बात ऐसी जनचर्चा आम बात…
- सिर्फ रिश्तेदारों से घिरकर काम करना और उन्हें बढ़ावा देने से दिख रहा भाई-भतीजावाद
-रवि सिंह-
कोरिया,15 मई 2024(घटती-घटना)। प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के पति ठाकुर प्रसाद राजवाड़े के सर पर पत्नी के मंत्री होने का घमंड साफ झलक रहा है,उनके द्वार ही विभागीय एवं शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, चुनाव जीतने और पत्नी के मंत्री बनने के बाद से उनके व्यवहार में जबरजस्त बदलाव भी देखा जा रहा है,यह लोगो में भी चर्चा का विषय है । तो वहीं मंत्री पति विभागीय कार्यो में कुछ ज्यादा ही हस्तक्षेप कर रहे है। उनके द्वारा विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है, राजधानी में मंत्रालय में बैठे अफसर यह समझ नहीं पाते कि आखिर मंत्री है कौन। विभागीय बैठकों में उनकी मौजूदगी होती है जिससे अधिकारी वर्ग असहज महसूस करते हैं। सूरजपुर जिले के अधिकारी कर्मचारी भी मंत्री पति के कॉल से त्रस्त हो चुके हैं, दिन में कई बार उनके द्वारा अधिकारियों को कॉल कर आदेशात्मक लहजे में बात किया जाता है। एक ताजा मामला अभी कोरिया जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रो में रंगरोगन का सामने आया है, जिसमें मंत्री के द्वारा भाई भतीजावाद करते हुए अपने तथाकथित भाई को रंगरोगन का काम दिया गया है,उस कार्य में भी लीपापोती की जा रही है, घटती-घटना ने अपने पिछले अंक में इससे संबंधित खबर का प्रकाशन किया तो संबंधित रिश्तेदार ने मंत्री पति को फोन किया जिसमें सूत्रों का कहना है कि मंत्री पति द्वारा यह जवाब दिया गया कि पत्रकार का काम है खबर छापना तुम काम करते रहो, यदि सच में ऐसा जवाब मंत्री पति द्वारा दिया गया है तो फिर यह समझा जा सकता है कि वास्तव में मंत्री का सारा कामकाज और विभाग का संचालन मंत्री पति द्वारा ही किया जा रहा है,जो कि बड़ा ही गंभीर विषय है।
भाई संग अन्य रिश्तेदार खराब कर रहे मंत्री की छवि
बतलाया जाता है कि मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को उनके तथाकथित भाई केशव राजवाड़े एवं अन्य रिश्तेदारों ने इस कदर घेर रखा है कि कई पार्टी कार्यकर्ता भी अपनी बात मंत्री तक खुलकर नही रख पा रहे हैं। मंत्री के पास गोपनीयता की कमी रिश्तेदारों के कारण ही बनी हुई है। मंत्री को उटपटांग सलाह भी रिश्तेदारों द्वारा ही दिया जाता है ऐसे रिश्तेदार मंत्री के सिपहसलार बने हुए हैं जिन्हे राजनीति का थोड़ा भी अनुभव नही है। मंत्री के रिश्तेदार यह चाहते हैं कि किसी भी काम के लिए लोग पहले उनसे संपर्क करें फिर नफा नुकसान का आंकलन करते हुए बात मंत्री तक पहुचाई जाए,हलाकि इसके बाद भी निर्णय मंत्री पति द्वारा ही लिया जाता है। मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में ऐसे रिश्तेदारों की वजह से अराजकता की स्थिति भी निर्मित हो रही है। डायरी और पेन लेकर मंत्री के साथ घुमते हुए यह रिश्तेदार ऐसा शो करते देखे जाते हैं जैसे सर्वेसर्वा बन गए हों और ऐसे ही रिश्तेदार खुद मंत्री की छवि खराब कर रहे हैं जिसका खामियाजा आने वाले समय में मंत्री को ही भुगतना पड़ेगा। भाई-भतीजावाद करने की शिकायत कार्यकर्ताओं द्वारा संगठन स्तर पर भी किये जाने की जानकारी मिल रही है।
कौन है यह ठाकुर जिसे लोग करवाते हैं पैरवी?
1975 में एक फिल्म आई थी जो लोगों को काफी पसंद आई थी और इस फिल्म ने काफी नाम कमाया था इस फिल्म का नाम था शोले,इस फिल्म में भी एक ठाकुर नाम काफी चर्चा में था उसे समय, उसे किरदार को सभी लोग जानते होंगे और सभी ने उसे फिल्म को देखा भी होगा इसलिए उसे पर ज्यादा कहना जरूरी नहीं है पर इस समय छत्तीसगढ़ में एक ठाकुर काफी फेमस होते जा रहे हैं, अब यह ठाकुर कौन है यह सवाल है? इस समय जिस भी पूछो उनका यही कहना है की ठाकुर से बात हो गई है किसी भी काम के पैरवी के लिए लोग ठाकुर को फोन लगाते हैं, अधिकांश पर संरक्षण देने वाले ही या भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले ही ठाकुर को फोन लगाते हैं, अब यह ठाकुर छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री से काम नहीं है? छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री की जितनी चर्चा नहीं है उतनी इस ठाकुर की चर्चा आखिर यह ठाकुर कौन है? किसी कैबिनेट मंत्री के रिश्तेदार हैं या फिर वह अपने आप को कैबिनेट मंत्री से काम नहीं समझते हैं?
क्या मंत्री का रिश्तेदार होना ही नियम विरूद्व काम की देता है इजाजत?
कोरिया जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में रंगरोगन का काम महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के भाई केशव राजवाड़े के द्वारा किया जा रहा है,उक्त युवक छात्र संगठन एबीवीवी का जिला संयोजक भी बतलाया जाता है। एक आंगनबाड़ी केन्द्र में पुताई हेतु 3000 रूपये की राशि स्वीकृत है जबकि जिस पेंटर के माध्यम से रंगरोगन का काम कराया जा रहा है उसे मात्र 1000 रूपये प्रति आंगनबाड़ी दिया जा रहा है। नियम के तहत 3 लाख रूपये से अधिक के कार्यो के लिए निविदा आमंत्रित की जाती है लेकिन महिला बाल विकास विभाग में निविदा प्रक्रिया का पालन भी नही किया जाता और इस प्रकार भाई-भतीजावाद करते हुए चहेतो को काम दिया जाता है। महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के भाई को कोरिया जिले के आंगनबाडि़यों के रंगरोगन का काम दिया गया है जबकि अन्य रिश्तेदारों को दूसरे जिले का काम दिया गया है। विश्वस्त सूत्रों का कहना है सारे काम का जिम्मा मंत्री पति द्वारा ही लिया गया है और उनके इशारे पर ही विभागीय अधिकारी रिश्तेदारों को काम दे रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या मंत्री का रिश्तेदार होना ही नियम विरूद्व काम की इजाजत देता है।
खबर प्रकाशन के बाद मंत्री पति ने दिखलाया पत्नी के मंत्री होने का घमंड
घटती-घटना अखबार ने अपने 13 मई के अंक में क्या कोरिया के आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिला बाल विकास मंत्री का रिश्तेदार करा रहा रंगरोगन का काम इस शीर्षक के साथ खबर का प्रकाशन कर भाई भतीजावाद किये जाने की बात कही थी। जैसा कि सूत्रों का कहना है कि इस खबर के बाद काम करने वाले युवक ने मंत्री पति ठाकुर राजवाड़े को कॉल लगाया जिसके बाद मंत्री द्वारा युवक को पूरा सहयोग देते हुए यह कहा गया कि अपना काम जारी रखो पत्रकार का काम ही है खबर छापना। जाहिर सी बात है ऐसे भाई-भतीजावाद करने से मंत्री की साख गिर रही है,साथ ही साथ सरकार पर भी उंगली उठती है लेकिन मंत्री पति द्वारा ऐसा कहा जाना समझ से परे है। एक तो मंत्री पति का विभाग और कार्यो में जबरन का हस्तक्षेप और और ऊपर से गलत कार्यो में भरपूर सहयोग। इससे ऐसा प्रतीत होता है जैसा कि उन्हे एहसास है कि भविष्य में मंत्री पद को लेकर कुछ भी हो सकता है,जितना समय है उसी में खुद के करीबियों को जितना हो सके उतना उपकृत करते चलो। यही नही इससे ऐसा भी लगता है जैसे मंत्री पति पर पत्नी के मंत्री होने का घमंड सर चढकर बोल रहा है और सत्ता या पद स्थायी है उन्हे ऐसी गलतफहमी है।
हर जगह दिख रहा मंत्री पति का हस्तक्षेप
महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े नाम मात्र की हैं उनके द्वारा वही काम किया जाता है जिसका आदेश उन्हे पति द्वारा दिया जाता है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मंत्री सिर्फ हस्ताक्षर करती है बाकि निर्णय पति द्वारा लिया जाता है। सूत्रों ने बतलाया कि मंत्री पति द्वारा हर शासकीय काम काज एवं विभागीय कार्यो में भी हस्तक्षेप किया जाता है। अभी अचार संहिता प्रभावशील है लेकिन इसके पहले राजधानी में जितनी भी विभागीय बैठक होती थी उसमें भी मंत्री पति खुद शामिल रहकर अधिकारियों को निर्देश देते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि सूरजपुर जिले के अधिकारी कर्मचारी भी मंत्री पति के फोन कॉल से परेशान हैं उनके द्वारा अधिकारी कर्मचारियों को आदेशात्मक कॉल किया जाता है। यही नही विभाग से मिली वाहन का उपयोग भी मंत्री पति अपने दौरे के लिए करते हैं जैसा कि सूत्रों का कहना है।
विधानसभा क्षेत्र में निर्माण कार्यों की स्वीकृति भी पति की इच्छा पर
प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री का निर्वाचन क्षेत्र भटगांव विधानसभा है यह क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से भी काफी बड़ा है। बतलाया जाता है कि क्षेत्र का विधायक होने के नाते ग्रामीण जन विकास कार्य की जब मांग करते हैं तो क्षेत्र में निर्माण कार्यो की स्वीकृति मंत्री पति की इच्छा पर ही संभव है। लोग यह भी कहते सुने जाते हैं कि काम के लिए बात…भैया से हो चुका है। ऐसे में एक महिला जनप्रतिनिधी के अधिकार का भी उल्लंघन तो हो ही रहा है नागरिकों का भी कहना है कि हमने तो विधायक लक्ष्मी राजवाड़े को चुना था ना कि उनके पति को…।