प्रतापपुर,@आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम लाखों की वसूली

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नहीं मिला… स्कूली बच्चों को लाभ…
-सोनू कश्यप-
प्रतापपुर,15 मई 2024 (घटती-घटना)। शासन द्वारा विद्यालयों में अध्यनरत छात्रांओं को विपरीत परिस्थितियों में सेल्फ डिफेंस हेतु कराटे एवं आत्मरक्षा कौशल का प्रशिक्षण सभी मिडिल,हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्तर पर 3 महीने दिया जाकर छात्राओ में सेल्फ डिफेंस क्षमता विकसित किया जाना है इस हेतु पुरे प्रदेश में रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। विकासखंड प्रतापपुर में प्रशिक्षण हेतु प्राइवेट एजेंसी को उत्तरदायित्व दिया गया था। जिन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न करना था। प्रशिक्षण मे प्रशिक्षकों को 3 महीना प्रतिदिन विद्यालय में उपस्थित होकर लगभग दो घंटा प्रशिक्षण देना था,आत्मरक्षा संबंधी बातें बताते हुए नोट्स बनवाने थे, प्रशिक्षण उपरांत छात्राओ को प्रमाण पत्र भी प्रदान करना था। जिसके एवज में सभी विद्यालयों को प्रशिक्षण देने वालों के खाते में ₹15000 , क्करूस्नस् के माध्यम से भुगतान करना था। सूरजपुर जिले में प्रशिक्षण देने वाली एजेंसी ने शासन के महत्वपूर्ण योजना के नाम पर करोड़ों की वसूली तो किया पर स्कूली बच्चों को कुछ भी नहीं मिला । लगभग 80 परसेंट विद्यालयों में 3 महीने के स्थान पर 10 से 15 दिन ही प्रशिक्षण का आयोजन हुआ है। प्रशिक्षण अवधि भी 2 घंटे के स्थान पर 15 से 20 मिनट ही रहा है। प्रशिक्षण देने वाला कोई भी व्यक्ति आत्मरक्षा प्रशिक्षण का जानकार नहीं था। स्कूली बच्चों को आत्मरक्षा से संबंधित कोई भी नोट्स नहीं बनवाया गया है। ना ही छात्राओ को कोई प्रमाण पत्र ही दिया गया है। प्रशिक्षण के नाम पर पूरी तरह से खानापूर्ति की गई है एवं शासन के महत्व कांक्षी योजना को मजाक बनाकर ₹15000 के हिसाब से विकासखंड प्रतापपुर एवं जिले के हजारों स्कूलों से कई लाख रुपए वसूल लिए है। रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की जांच किसी बड़े एजेंसी से कराकर प्रशिक्षण के नाम पर खाना पूर्ति करने वाले दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि भविष्य में शासन के ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं को निचले स्तर पर मजाक ना बनाकर इसका पूरा-पूरा लाभ बच्चों को दिया जा सके।
अधिकारियों की मिली भगत से प्रतापपुर विकासखंड शाहिद पूरे जिले में इसका गोरख धंधा चलता रहा और बिना प्रशिक्षित कराटा मास्टर के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए भुगतान किया गया स्कूली छात्राओं ने बताया कि किसी प्रकार का प्रशिक्षण दिए बिना सिर्फ खाना पूर्ति करते हुए कराता के नाम पर लड़कियों के आत्मरक्षा के लिए सिखाए गए प्रशिक्षण का किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल पाया वही तपेश्वर में शिक्षकों ने भी यह माना कि शासन का यह पैसा सिर्फ कागजों में खाना पूर्ति करने के लिए आया हुआ था इसकी शिकायत अधिकारियों से भी की गई मगर किसी प्रकार का पहल नहीं किया गया जो जांच का विषय है।
अधिकारियों की मिली भगत से सर कलाकारनामा कागजों में सिमट कर रह गया और प्रशिक्षण के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए डकार लिए गए जोश जिसकी सत्यता जांच करने पर सामने आएगी ।
इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर राम ललित पटेल ने बताया कि मामले की जांच करता हूं। और बिना प्रशिक्षण दिए भुगतान कैसे हुआ जांच कराई जाएगी,इस विषय में सूरजपुर डीएमसी शशिकांत सिंह ने कहा कि मामले की जांच करने के लिए टीम गठित करता हूं पूर्व में भी इसकी शिकायत प्राप्त हो चुकी है और शासन के पैसा को दुरुपयोग करने वाले लोगों को एवं कम अवधि में करता करवाने वाले के ऊपर में कार्यवाही की जाएगी, यह योजना शासन का महत्वपूर्ण योजना था।
जिला शिक्षा अधिकारी राम ललित पटेल ने कहा कि यह जिले के शिक्षा विभाग के डीएमसी सूरजपुर मत से प्रशिक्षण का कार्य हुआ था अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो जांच होगी इस विषय में डीएमसी से बात करें।


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