चिरमिरी,@सेंट्रल बैंक वेस्ट चिरमिरी शाखा में हमेशा लिंक फेल

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एसईसीएल,नगर निगम,एलआईसी,सहित इनमें कार्यरत श्रमिकों के हैं खाते,नित नए बहाने बनाकर किया जा रहा है ग्राहकों को परेशान…
ग्राहक परेशान श्रमिकों और व्यापारियों के नहीं हो पा रहे हैं बैंकिंग कार्य…
मात्र दो स्टाफ के भरोसे चल रहे हैं बैंक,शाखा प्रबंधक वसूली में मस्त,कैशियर और ग्राहक पूरी तरह से हुए पस्त…

-रवि सिंह-
चिरमिरी,12 मई 2024 (घटती-घटना)।
सेंट्रल बैंक वेस्ट चिरमिरी का हाल बेहाल है,मात्र दो स्टाफ के भरोसे पूरा बैंक का संचालन बैंक प्रबंधन करवा रहा है,एक माह में लगभग 20 दिन लिंक फेल रहता है,काम ज्यादा और स्टाफ की कमी की वजह से ग्राहक और बैंक कर्मचारी दोनों परेशान हो चले हैं, बैंक का संचालन बद से बत्तर स्थिति में प्रबंधन द्वारा कराया जा रहा है, इस शाखा में कोयला कंपनी एसईसीएल, एलआईसी, नगर निगम के बड़े खाते संचालित हैं, जिसमें करोड़ों रुपए का टर्नओवर होता है इसके अलावा स्थानीय व्यापारी के भी खाते हैं आए दिन बैंक प्रबंधन और सरकारी अधिकारियों एवं व्यापारियों के बीच नोक झोंक देखी जा रही है बैंक मैनेजर का चिड़चिड़ा व्यवहार उनका काम टालने के रवैया से भी लोग बेहद परेशान है स्थानीय खाता धारकों ने बैंक की बदतर स्थिति को देखते हुए जल्द ही बड़े आंदोलन की योजना बना रहे है।
चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में वैसे सेंट्रल बैंक की कई शाखाएं संचालित हैं लेकिन बेस्ट चिरमिरी एरिया में स्थित शाखा का हाल बेहाल है मिली जानकारी के अनुसार मात्र दो स्टाफ के भरोसे पूरा बैंक संचालित है एक बैंक मैनेजर हैं दूसरा कैशियर है प्रतिदिन कम से कम 500 लोगों का इस बैंक में आना-जाना बना रहता है जो बैंकिंग संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए यहां पर आते हैं इस बैंक में बड़े से बड़े व्यापारियों सहित गवर्नमेंट के के भी खाते संचालित है इसके अलावा शासकीय विभिन्न योजनाओं के तहत ग्रामीणों के भी खाते इस बैंक में संचालित है आए दिन ग्रामीण दूर से आकर बैंकों के सामने घंटे बैठे देखे जा सकते हैं और कई-कई बार तो वह अपने छोटे से काम के लिए एक-एक हफ्ते बैंक दौड़ते रहते हैं कभी बैंक का लिंक नहीं रहता तो कभी स्टाफ छुट्टी पर रहता है तो कभी बिजली गोल है तो कभी इनका कंप्यूटर सिस्टम फेल हो जाता है तो कभी कैश नहीं रहता, हर बार ग्राहको को बेवकूफ बनाने और डालने का सिलसिला बदस्तूर जारी है, प्रत्येक ग्राहक को हल्दीबाड़ी शाखा में या अन्य शाखा में भेजा जाता है और उन्हें सलाह दी जाती है कि वहां सारा सिस्टम ठीक रहता है आप वही काम अपना करवा लिया करें, बैंक के बाहर एक सेंट्रल बैंक का एटीएम भी लगाया गया है जो बैंक की तरह वह भी बीमार रहता है लोग रोज परेशान देखे जा सकते हैं पेंशनधारी खाताधारक महिलाएं हमेशा बैंकों के सामने बैठी रहती हैं और कई बार तो दो-दो तीन-तीन दिन तक वह अपनी सरकार की योजनाओं से जो पैसे उनके खाते में आते हैं वह परेशान दिखती है एक महिला ने तो बताया कि वह पिछले 4 दिन से बैंक आ रही है परंतु उसे पैसे नहीं मिल रहे हैं वही एक वयो वृद्ध दंपति ने बताया कि वह हफ्ते में दो बार आ चुकी है लेकिन बैंक का दरवाजा ही बैंक मैनेजर द्वारा नहीं खोला जा रहा है जिससे वह काफी परेशान है उसे बैंक से पैसे निकाल कर अपने इलाज के लिए पैसे देने हैं लेकिन पैसे नहीं होने के कारण वह अपनी दवाइयां नहीं खरीद पा रही है।
सेंट्रल बैंक के रिजनल मैनेजर से भी हुई शिकायत पर समस्या जस की तस
रीजनल मैनेजर सेंट्रल बैंक को भी इस समस्या के निराकरण के लिए कई बार स्थानीय जनों ने निवेदन किया है लेकिन उनके द्वारा भी अभी तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा रहा है इस दौर में पैसों के लेनदेन के के सारे कार्य सारे काम ऑनलाइन के निर्देश सरकारी दे रही हैं, लेकिन जब ग्राहक अपने कार्यों के लिए बैंक में जाते हैं तो बैंक की अपनी अलग कहानी होती है आए दिन नई-नई कहानी सुना कर शाखा प्रबंधक और बैंक स्टाफ से लोग बोर हो चुके हैं शाखा प्रबंधक सिर्फ और सिर्फ पिछली वसूली में व्यस्त रहते हैं और उसी को वसूल कर अपना नंबर ऊपर बनाए में प्रयासरत रहते हैं 3:30 ही मुख्य द्वार को बंद कर दिया जाता है और धूप में बाहर लोगों को खड़ा रखा जाता है प्रीतम नामक स्टाफ 3:30 के बाद सिर्फ गेट खोलना और बंद करता देखा जा सकता है शाखा प्रबंधक यदि वह गेट खोलता है तो उसे डांट फटकार करते रहते हैं ग्राहकों को भी धमकाते हैं जबकि अन्य सभी बैंकों में पांच साढे 5 और 6 बजे तक ग्राहक आते जाते रहते हैं और उनको सेवाएं दी जा रही हैं।
सारे ग्राहकों को इसी शाखा में मर्ज कर दिया गया है…
वेस्ट चिरमिरी और जी एम कांप्लेक्स में पहले दो बैंक होती थी उनके सारे ग्राहकों को इसी शाखा में मर्ज कर दिया गया है इस स्थिति में यहां पर स्टाफ और व्यवस्थाएं और दुरुस्त करने की जरूरत थी लेकिन सेंट्रल बैंक प्रबंधन ग्राहक सेवा में फिसड्डी दिख रहा है और लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहा है ऐसी स्थिति पहले नहीं थी पिछले तीन-चार साल से ही बैंक का हाल बेहाल हो चला है सप्ताह में वैसे भी 5 दिन की बैंकिंग रहती है ऊपर से कई सारी छुट्टियां है इसके बाद यदि बैंक खुलता भी है तो दुनिया भर के नए-नए समस्याओं से ग्रस्त या बैंक पूरी तरह से बीमार हो चला है ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को नहीं है सारा काम ऑनलाइन होता है और ऊपर के लोग बैठे-बैठे वहां से भी देख रहे हैं की कौन सी शाखा बढç¸या काम कर रहा है कौन सा बैंक ठीक काम नहीं कर रहा है,, करोड़ों रुपए की डिपॉजिट रखने वाला या बैंक का हाल बेहाल हो चला है ग्राहक काफी परेशान है समस्या की निराकरण की मांग कर रहे हैं यदि बैंक प्रबंधन इस पर त्वरित निर्णय नहीं लेता है तो जल्दी एक सामूहिक आंदोलन करने की योजना बैंक ग्राहकों द्वारा बनाई जा रही है जिसकी चर्चा प्रतिदिन बैंक के सामने सुनने और देखने को मिलती है ग्राहक काफी परेशान हुए हैं जिला कलेक्टर महोदय से भी निवेदन है कि इस गंभीर लापरवाही वाले मामले को संज्ञान में लेकर हो रहे नागरिकों को दिक्कतों के निराकरण के लिए त्वरित कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करें।


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