अंबिकापुर@टीबी की बिमारी हर उम्र के लोगों में,व्ययस्कों को होगा बीसीजी वैक्सीनेशन

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अंबिकापुर, 10 मई 2024 (घटती-घटना)। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सभाकक्ष में शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। व्ययस्कों में बीसीजी वैक्सीनेशन कराये जाने को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को जानकारी दी गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएन गुप्ता ने स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियों को बताया कि बीसीजी वैक्सीनेशन मैजूदा समय में अभी तक टीबी की रोकथाम हेतु 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बीसीजी वैक्सीन के एक डोज दी जाती है, परन्तु अब 16 देशों में हुये अध्यन के बाद भारत में सेन्ट्रल टीबी डिवीजन द्वारा देश को टीबी मुक्त बनाने हेतु वर्ष 2025 तक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लिए टीबी बिमारी की रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए निर्णायक वार के रूप में व्ययस्कों में बीसीजी का टीका दिए जाने हेतु निर्णय लिया गया है। व्ययस्कों एवं बुजूर्गो मे टीबी की रोकथाम में ज्यादा कारगर साबित नहीं हुई है, इस वजह से टीबी की रोकथाम चुनौती बनी हुई है। टीबी की बिमारी हर उम्र के लोगों में देखी जा रही है। बुजूर्ग व धुम्रपान करने वाले लोग टीवी से अधिक पिडि़त होते है। जिला क्षय अधिकारी डॉ. शेलेंद्र गुप्ता ने प्रशिक्षर्णीयों को बताया कि वर्तमान में बीसीजी का टीकाकरण के पूर्व पात्र व्यक्यिों से सहमति ली जायेगी और उन परिवारों को चिन्हांकित किया जाएगा जिनके परिवार में कभी टीवी मरीज रहे है। बीसीजी का टीका 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग जिन लोगों को पिछले 5 वर्ष में एक बार भी टीबी बिमारी हुई हो। 60 वर्ष और उससे अधिक के बुजूर्ग,धुम्रपान करने वाले, पिछले 3 साल से टीबी रोगियों के सम्पर्क में आने वाले लोग, मधुमेह से पिडि़त व्यक्ति, कुपोषित व्यक्ति ही टीकाकरण हेतु पात्र होंगे। सभी वर्गों में टीकाकरण स्वेच्छा से होगा, एक्टिव टीबी के केस टीकाकरण हेतु पात्र नहीं होंगे। जिला क्षय अधिकारी डॉ. शेलेंद्र गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में 222 ग्राम पंचायत (अम्बिकापुर-57. लुण्ड्रा-36, बतौली-26, सीतापुर-17, मैनपाट-15, लखनपुर-45, उदयपुर-26) टीबी मुक्त किए गए हैं। जिसमे विगत वर्ष प्रति एक हजार की जनसंख्या मे एक या एक से कम टीबी मरीज पाए गए हैं। वर्तमान में सरगुजा में टीबी के मरीज मिल रहे है यह बिमारी फेफड़ा, मस्तिष्क, किडनी, रिड की हड्डी को प्रभावित करता है, तथा खांसने, छिकने से फैलने वाली बिमारी है। जिले में वर्ष 2019 में 1268, वर्ष 2020 में 673, वर्ष 2021 में 653, वर्ष 2022 में 1090, वर्ष 2023 मे 1318 टीबी मरीजों को चिन्हांकित किया गया है।


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