अंबिकापुर,04 मई 2024(घटती-घटना)। राजमोहिनी देवी भवन के पीछे शासकीय नजूल भूमि के मूल रिकॉर्ड में कूटरचना कर निजी भूमि में दर्ज कराकर बिक्री करने के अलावा मामले में चर्चित व्यक्ति बंशु लोहर का बैंक अकाउंट फॉर्म भरने सहित शासकीय भूमि के सम्बन्ध में तैयार आरआई पंचनामा में हस्ताक्षर किया गया था। पुलिस ने आरोपी के कजे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल, आरोपी के भाई की रजिस्ट्री के दस्तावेज एवं वर्तमान में उपयोग किया जा रहा मोबाइल जत किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420,467, 468, 471, 120(बी) के तहत कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया है।
पुलिस के अनुसार देव सिंह उईके नजूल अधिकारी अम्बिकापुर द्वारा 11 मार्च 2024 को थाना गांधीनगर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने रिपोर्ट में बताया था कि शिकायत कर्ता कमल सिंह पिता स्व. रामबाबू सिंह निवासी अम्बिकापुर द्वारा 12 जनवरी 24 को कलेक्टर सरगुजा के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर नमनाकला स्थित शासकीय नजूल की भूमि खसरा नंबर 243/1 में से रकबा 1.710 हेक्टयर भूमि को फर्जी तरिके से नामांतरित कर करोड़ों रूपये की राशि हड़प कर भ्रष्टाचार किया गया है। उक्त शिकायत पत्र की जांच कलेक्टर के आदेशानुसार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) फागेश सिन्हा द्वारा किया था। भूमि से संबंधित पूर्व रिकार्ड, नामांतरण पंजी,सेंटल में राजस्व प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन कर 8 फरवरी को विस्तृत जांच रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। उक्त जांच रिपोर्ट में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, तत्कालीन नजूल लिपिक अजय तिवारी, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक नजूल नारायण सिंह, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अम्बिकापुर राहुल सिंह द्वारा उक्त भूमि को सुनियोजित तरिके से षडयंत्र पूर्वक बन्सु पिता भुटकुल के नाम पर नामांतरित किया किया था। बन्सु लोहार द्वारा अलग-अलग व्यक्तियों को बिक्री कर शासन को करोड़ों रूपये की हानि होना पाया गया है। विवेचनाा के दौरान पुलिस ने घुटरापारा निवासी आकाश अग्रवाल उर्फ गोलू 34 वर्ष मामले में संलिप्त पाए जाने पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। आकाश अग्रवाल ने फर्जी तरीके से जमीन नामांतरित कराना और उसे बिक्री करने की बात स्वीकार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी आकाश अग्रवाल को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया है।
शासकीय भूमि को कराया गया था निजी मद में शामिल
पुलिस ने बताया कि आरोपी आकाश द्वारा आरोपी बन्सु लोहार के बैंक अकाउंट में फॉर्म भरना तथा शासकीय भूमि के संबंध में तैयार आरआई पंचनामा में हस्ताक्षर किया गया था। प्रकरण के आरोपी द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर शासकीय नजूल भूमि के मूल रिकार्ड में कूटरचना कर शासकीय भूमि को निजी मद में आरोपी बन्शू के नाम पर अवैध तरिके से दर्ज कराकर बिक्री किया गया था। राजमोहिनी देवी भवन के पीछे स्थित 4.22 एकड़ जमीन घोटाला मामले में शामिल बंशु लोहार आत्मज भुटकुल जो कि चर्चा का विषय बना हुआ था। बंशू लोहार 10 अपै्रल को सीजीएम न्यायालय में सरेंडर किया था। मामले में गांधीनगर पुलिस ने बंशू लोहार को रिपामंड पर लिया था। पुलिस ने रिमांड अवधी पूर्ण होने के बाद बंशू लोहार को जेल दाखिल कर दिया था। वहीं इसके पुत्र रामकुमार को भी जेल दाखिल कर दिया गया है। इस मामले में अब तक तीन आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं।
