मनेन्द्रगढ़,@मनेन्द्रगढ़ एनएच पर स्थित एक प्रसिद्ध होटल में चल रहा था जुआ…पुलिस को दी गई जानकारी फिर भी नहीं पहुंची पुलिस,पुलिस के आने से पहले भागे जुआरी:सूत्र

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  • 28 अप्रैल का मामला यदि होटल का सीसीटीवी खंगाला जाए तो आ सकती है सच्चाई बाहर
  • होटल संचालक है भाजपा समर्थक इस समय उस होटल में भाजपा नेताओं सहित मंत्री, विधायको की होती है बैठक…क्या इस वजह से पुलिस वहां घुसने की हिम्मत नहीं जुटा पाई?
  • प्रसिद्ध होटल में भाजपा नेताओं सहित अन्य नेताओं का लगता है जमावड़ा

-रवि सिंह –
मनेन्द्रगढ़,30 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)।
नवीन जिले एमसीबी के मनेन्द्रगढ़ शहर में 28 अप्रैल रविवार के दिन एनएच 43 पर स्थित एक नामी होटल में जुआ एक कमरे में चल रहा था जिसकी जानकारी वहां पर आए व्यक्ति को लग गई और उसने तत्काल संबंधित पुलिस अधिकारियों को उसकी जानकारी दे दी की होटल में एक कमरे में जुआ हो रहा है, सूत्रों के अनुसार रविवार को एक नामी होटल के रूम नंबर 104 में जुआ चल रहा था, 28 अप्रैल 2024 इसकी प्रथम सूचना शाम को सिटी कोतवाली प्रभारी को शाम 7ः36 पर सूचना दी गई जिस पर थाना प्रभारी यह कह कर पल्ला झाड़ लिए की मैं रायपुर आया हूं, दूसरी सूचना एसडीओपी को दी गई जिस पर यह कह कर बच निकले की मैं जनकपुर में हूं, तीसरी सूचना एडिशनल एसपी को दिया गया शाम 7ः43 पर उन्होंने कहा 15 से 20 मिनट लगेंगे हम कार्रवाई करेंगे,परंतु उसके बाद 8ः09 में जुआरी वहां से निकल भागे ऐसा लगा कि जुआरियों को इसकी जानकारी पुलिस ने दे दी। क्या होटल संचालक इतने प्रभावशाली व्यक्ति थे की पुलिस कार्यवाही करने के बजाय उन्हें यह सूचना दे दी की वहां पर जुआ खेलने वाले भाग गए?
यदि इस पूरे मामले के तथ्यों पर गौर किया जाए तो समझने वाली बात यह है कि पुलिस समाज में अपराध कम करने के लिए है या फिर अपराधियों को संरक्षण देने के लिए? यदि पुलिस को जानकारी मिली थी तो पुलिस को तत्काल जाकर उस होटल में कार्यवाही करनी थी पर पुलिस के पहुंचने से पहले जुआरियों को सूचना मिल जाना और वहां से उनका भाग निकलना पुलिस की संलिप्तता पर सवाल खड़ा करता है, सवाल यह भी है कि आखिर इतने नमी होटल के संचालक क्या अपने होटल में अवैध कारोबार करवा रहे हैं? आखिर किस स्तर पर यह कारोबार हो रहा था? सूत्रों का यह भी कहना है कि होटल संचालक भाजपा समर्थित है इनका भाजपा में काफी बोलबाला रहता है वैसे सरकार किसी की भी रहे इनके होटल में कार्यवाही करना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितने प्रभावशील व्यक्ति हैं? इस होटल का नाम पूरे संभाग में लिया जाता है पर ऐसे होटल में ऐसे अवैध कारोबार का होना भी कहीं ना कहीं होटल की छवि पर सवालिया निशान है, होटल संचालक कांग्रेस की सरकार में भी कारोबार करते रहे पर कोई कार्यवाही करने की जुर्रत नहीं उठाया और एक बार एकदम सटीक जानकारी होने के बाद भी पुलिस के पास मौका था कार्यवाही करने का पर पुलिस यहां पर भी चूक गई, ऐसा लगा कि पुलिस की जानकारी में ही यहां पर ऐसा हो रहा था? यदि कोई ईमानदार पुलिस वाला होता तो कार्यवाही जरूर करता, यदि इस मामले से अनभिज्ञ होता तो अलग बात है, पर ऐसा लगा नहीं की पुलिस मामले से अनभिज्ञ थी जबकि ऐसा लगा कि पुलिस जुआरियों को भगाने के लिए होटल संचालक को सूचना दी और संचालक पुलिस के पहुंचने से पहले जुआरियों को वहां से भगा दिए और पुलिस वहां पर गई भी तो गेट के पास सायरन बजाते हुए वापस लौट गई।
नामी होटल का सीसीटीवी फुटेज खांखला जाए तो खुल जाएंगे जुआरियों के राज
एमसीबी जिले के जिला मुख्यालय का नामी होटल है जहां जुआ खेला जा रहा था। नामी होटल में जगह जगह सीसीटीवी भी लगे हुए हैं। अब यदि 28 अप्रैल की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जाए तो जुआरियों का राज खुल जायेगा। सूत्रों की माने तो जुआ बड़े स्तर पर खेला जा रहा था और जीत हार का दांव बड़े पैमाने पर लगाया जा रहा था इसलिए मामले में सीसीटीवी की जांच होनी चाहिए यदि मामले में कोई दोषी नहीं है या पुलिस ने तत्परता दिखाई या फिर वहां जुआ नहीं चल रहा था।
नामी होटल में भाजपा नेताओं मंत्रियों का लगा रहता है आना-जाना
शहर का यह वही नामी होटल है जहां भाजपा के बड़े नेताओं का आना जाना लगा रहता है। इस होटल में ही मंत्री विधायक और बड़े भाजपा नेता आते जाते रहते हैं। यह होटल एक तरह से भाजपा नेताओं के लिए महत्वपूर्ण स्थान है जहां वह बैठकर पार्टी गतिविधियों का संचालन करते हैं। अब ऐसे होटल में जुआ फड़ का संचालन बड़ी बात है और यह मंत्री नेताओं के छवि के साथ भी एक तरह का समझौता है क्योंकि यदि उनके रहते हुए ऐसा होता है तो उनकी छवि धूमिल होगी ही।
क्या बीजेपी नेताओं के उस होटल में आने-जाने की वजह से पुलिस नहीं जुटा पाई कार्यवाही की हिम्मत?
वैसे जब पुलिस को जुआ संचालित होने की पुख्ता खबर मिली इसके बावजूद पुलिस ने होटल पर छापा नहीं मारा…ऐसा क्यों हुआ यह बड़ी बात है…वैसे क्या पुलिस इसलिए छापा नहीं मारने पहुंची क्योंकि मामला ऐसे होटल से जुड़ा हुआ था जहां भाजपा नेताओं का आना-जाना लगा रहता है। होटल वैसे भी भाजपा से ताल्लुक रखने वाले भाजपा नेता का है और वहां भाजपा के नेता मंत्री विधायक अक्सर आते रहते हैं।
होटल से पुलिस थाने की दूरी एक किलोमीटर से भी कम,फिर भी पुलिस नहीं पहुंच सकी समय पर
होटल से पुलिस थाने की दूरी एक किलोमीटर के भी कम है। पुलिस को सूचना समय पर मिली।सूचना देने वाले ने कई पुलिस अधिकारियों को सूचना दी और सभी से यह भी कहा की वह वहां उपस्थित है और उसने जुआ होने की पुष्टि की लेकिन एक किलोमीटर से भी कम की दूरी भी पुलिस तय समय पर नहीं कर सकी और जुआरियों को भागने का मौका प्रदान कर दिया। जुआरियों के भागने के बाद पुलिस सायरन बजाते पहुंची और बाहर से ही लौट गई जैसा बताया जा रहा है।
एसडीओपी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित निरीक्षक को सूचना दी गई,तीनो में से कोई नहीं पहुंच सका समय पर
सूचना देने वाले ने पुलिस अधिकारियों में से निरीक्षक, एसडीओ अतरिक्त पुलिस अधीक्षक सभी को फोन से सूचना दी लेकिन सभी ने अलग अलग बहाना बनाया और जुआ फड़ पर पहुंचने में सभी ने विलंब किया। जुआ फड़ के नाम पर जहां यह भी देखा जाता है की आम मामलो में एक दो आरक्षक भी कार्यवाही करने पहुंच जाते हैं वहीं इस मामले में यह देखा गया की सूचना के बाद भी पुलिस ने पहुंचने में विलंब किया।


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