अंबिकापुर@तापमान रहा 40.5 डिग्री,तेज धूप व गर्म हवाओं से लोग परेशान

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अंबिकापुर,30 अपै्रल 2024 (घटती-घटना)। मंगलवार को अंबिकापुर का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री रहा। तेज धूप व गर्म हवाओं ने लोगों को घर से निकलने नहीं दिया। लोग आवश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकले वह भी अपने चेहरों को गुमछा व स्कार्प से बांध कर। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार अगले 3-4 दिनों के दौरान मध्य भारत का तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढऩे की अनुकूल परिस्थितियां है। 4 -5 मई के आसपास पुनः पछुवा के प्रभाव होने की अनुमान जताई जा रही है।
मौसम वैज्ञानिक एएम भट्ट के अनुसार अम्बिकापुर और इसकी परिधि का उारी छाीसगढ़ पर अप्रैल का महीना एक मिश्रित जलवायु की छाप छोड़ कर आगे बढ़ गया। अमूमन अप्रैल का पूर्वार्ध मार्च के उारार्ध के तपिश का अवलम्बन करता हुआ आगे बढ़ता है और अपने उारार्ध की अवधि में वायुमंडल की तापीय ऊर्जा को 40 डिग्री के पार तक ले जाता है। परंतु अप्रैल में कभी भी एकतरफा तापमान वृद्धि नहीं देखी जाती। इस माह में पछुआ की आवृçा 5 से 6 तक रहती है जो अपने साथ तीव्र वायु झंझा,गरज-चमक के साथ ओला युक्त वृष्टि करती है जिससे उारोार बढ़ते दैनिक तापमान पर अंकुश लगता है और उारी छाीसगढ़ का वातावरण शीतलता हो कर सुहावना बन जाता है।
यदि पिछले 50-55 वर्षों के अप्रैल के मासिक औसत अधिकतम तापमान पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि अप्रैल का औसत अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री, न्यूनतम 21.2 डिग्री और औसत वर्षा 15.8 मिमी होती थी। 2024 में अप्रैल में अम्बिकापुर का औसत तापमान 36.3 डिग्री न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री और कुल वर्षा 14.5मिमी दर्ज किया गया। 7 अप्रैल के लगातार 36 से 39 डिग्री तामपान के बीच बना हुआ था जो हमारे शरीर के तापमान अधिक था लिहाजा हमें वायुमंडलीय तपिश महसूस कराने में सक्षम था। इस दौरान न्यूनतम तापमान भी 18 से 21 डिग्री के बीच विचलित होता रहा था। परंतु अप्रैल के पहले सप्ताह में सक्रिय हुए एक ताकतवर पछुआ के झोंको का व्यापक प्रभाव दिखा जिससे उारी छाीसगढ़ के सभी इलाकों में 6 व 7 अप्रैल को व्यापक वर्षा और ओलावृष्टि हो गई जिससे वायुमंडल में त्वरित शीतलता से अधिकतम तापमान गिर कर 26.0 डिग्री और न्यूनतम 15.7 डिग्री पर आ गया। इस समय गर्मी से व्याकुल जन जो पंखे, कूलर और एसी की शरण में जा चुके थे उन्हें गर्म कपड़ों की आवश्यकता महसूस हुई थी। पछुआ का प्रभाव कम होते ही तापमान पुन: बढऩे लगा था और 19 अप्रैल को उच्चतम मासिक 40.5 डिग्री तक पहुंचा था। इस समय न्यूनतम तापमान में भी उछाल आया था और उच्चतम न्यूनतम तापमान 22 डिग्री के ऊपर चला गया था। इस दौरान कुछ कमजोर पछुआ अवश्य प्रभावी हुए पर वे उारी छाीसगढ़ तक अपनी ऊर्जा पहुँचा पाने में सक्षम नहीं रहे। 20 अप्रैल के बाद अल्प अंतराल में त्वरित 3 पश्चिमी विक्षोभ मध्य भारत पर प्रभावी हुए जिसके प्रभाव से उार छाीसगढ़ पर सूर्य किरणें अपनी रौद्रता के प्रयास में सक्षम नहीं हो पाई और 40 डिग्री की सीमा में ही सिमटी रही। कुछ अवसरों पर बादलों की मोटी परतों के उपस्थिति के कारण रातें अवश्य 23 डिग्री तक गर्म रहीं और हमें रात में वातावरण की तीक्ष्ण उष्णता की अकुलाहट का अनुभव कराती रही।


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