दंगे में गई थी 22 साल के भुनेश्वर साहू की जान
सीबीआई ने बिरनपुर केस में इन लोगों को बनाया आरोपी
बेमेतरा,27 अप्रैल 2024 (ए)। बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में पिछले साल हुई चर्चित हत्याकांड में सीबीआई ने मुकदमा कायम कर लिया है। बिरनपुर में सांप्रदायिक हिंसा में भुवनेश्वर साहू की हत्या हो गई थी। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की सरकार ने सीबीआई से इस मामले की जांच कराने का ऐलान किया था। भारत सरकार ने इसे स्वीकार करते हुए कल अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद सीबीआई ने आज एफआईआर दर्ज कर लिया है। इस केस में 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों के खिलाफ 147,148,149,336, 307, 302 और 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया है। सीबीआई ने पीएस साजा, जिला में एफआईआर संख्या 87/2023 दिनांक 08.04.2023 के तहत पहले दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। बेमेतरा, छत्तीसगढ़ में एक शिकायत पर 12 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 336, 307, 302 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि, एक गांव के कक्षा 07-08 में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल से लौट रहे थे, तभी कबाड़ी की दुकान पर काम करने वाले एक समुदाय के लड़कों ने उनकी पिटाई कर दी, जिस पर बैठक हुई. यह भी आरोप लगाया गया कि जब पीडि़त अपने दोस्तों के साथ दोपहर में उक्त समुदाय के इलाके में गया, तो समुदाय के सदस्यों ने छत से पथराव करना शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पीडç¸त नीचे गिर गया और उसके सिर में चोटें आईं। इसके बाद, उक्त 12 आरोपियों और अन्य लोगों ने कथित तौर पर तेज चाकू/घातक हथियारों से पीडि़त की हत्या कर दी। अपनी जांच के दौरान, स्थानीय पुलिस को उपरोक्त 12 एफआईआर नामित आरोपियों के खिलाफ आपराधिक सबूत मिले और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद, स्थानीय पुलिस ने सक्षम अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया। वर्तमान में, सभी आरोपपत्रित आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत मामले को आगे की जांच के लिए खुला रखा गया था और अब इसे जांच के लिए सीबीआई ने अपने कब्जे में ले लिया है।
झीरमकांड की भी सीबीआई जांच करवाये : कांग्रेस नेता
बीरनपुर और पीएससी मामले की सीबीआई जांच पर प्रतिक्रिया
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब सीबीआई जांच कराने की बात हो ही रही है। भाजपा में साहस हो तो वह झीरम मामले की सीबीआई जांच करवाये। एनआईए झीरम मामले पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। भूपेश सरकार के द्वारा गठित एसआईटी को जांच नहीं करने दिया गया। न्यायिक जांच भी अधूरी है। ऐसे में झीरम मामले की भी सीबीआई जांच होनी चाहिये
बीरनपुर और पीएससी मामले की सीबीआई जांच पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा को अपने पुलिस पर भरोसा नहीं है या अपने शासन प्रणाली पर भरोसा नहीं है जो सीबीआई जांच करवा रहे है। क्या पुलिस इस मामले की जांच करने में सक्षम नहीं है या साय सरकार का शासन तंत्र कमजोर है।
झीरम मामले की सीबीआई जांच क्यों जरूरी?
एनआईए की जांच में कुछ सामने नहीं आया।. एनआईए ने भूपेश सरकार के द्वारा गठित एसआईटी को मामले की फाईल नहीं वापस किया था, इस कारण एसआईटी जांच शुरू नहीं कर पाई थी।
एनआईए ने घटना के राजनैतिक षड़यंत्रों की जांच नहीं किया था।
.न्यायिक आयोग की जांच भी लंबित है।
राज्य की एसआईटी
जांच शुरू करें
सीबीआई से जांच नहीं करवा सकते तो राज्य के द्वारा गठित एसआईटी से जांच करवाया जाय। सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए को राज्य की एसआईटी को फाईल वापस देने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के दिसंबर 2023 के फैसले के बाद एसआईटी की जांच का रास्ता खुल गया है। भाजपा सरकार झीरम मामले की जांच के लिये पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच शुरू करवाये।