- बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे चिरमिरी, क्या कोरबा भाजपा लोकसभा प्रत्याशी के प्रचार के लिए आयोजित था एक दिवसीय कथा?
- आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की कथा से पूर्व भाजपा नेताओं ने मांगा उपस्थित श्रद्धालुओं से भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट:सूत्र
- सुबह से ही लोकसभा प्रत्याशी के साथ भाजपा नेता श्रद्धालुओं के बीच पहुंचते रहे,जीत के लिए समर्थन की मांग करते रहे…
- छाीसगढ़ के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम की रूपरेखा देखने वाले बसंत अग्रवाल तो हर पल कोरबा लोकसभा प्रत्याशी के लिए मांगते रहे समर्थन…
- एक दिवसीय की जगह सात दिवसीय होगा आयोजन यदि भाजपा प्रत्याशी की होगी जीत यह भी कहते रहे बसंत अग्रवाल…
- कार्यक्रम में भाजपा नेताओं के लिए भी कई स्तर की थी बैठक व्यवस्था,मंत्री विधायक जिलाध्यक्ष को पार्टी के ही वरिष्ठ लोगों का नहीं था ध्यान…
- कोरिया जिला भाजपा अध्यक्ष ने अपने ही क्षेत्र से आए भाजपा नेताओं का नहीं दिया ध्यान,विधायक मंत्री के साथ ही वह चिपके रहे…
- आम लोग सुबह से ही पहुंच चुके थे पंडाल में,पंडाल व्यवस्था में रत कार्यकर्ताओं से लोगों की बार बार होती रही हुज्जत…
- पंडाल व्यवस्था में रत कार्यकर्ता जो की युवा थे लोगों के मान सम्मान का नहीं रख रहे थे ख्याल,इसलिए हो रही थी हुज्जत…
- कार्यक्रम में भीड़ से ज्यादा बनाए गए थे व्यवस्था के लिए कार्यकर्ता इसलिए भी हो रही थी हुज्जत…
- कार्यक्रम में कांग्रेस के नेता भी नजर आए,कार्यक्रम का विरोध करने वाले भी पहुंचे थे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को देखने…
- कार्यक्रम में नहीं जुटी अपेक्षित भीड़,आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के आते ही लोग मैदान से जाने भी लगे…
- राजनीतिक पार्टी के प्रचार में पहुंचे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में इसलिए भी नहीं हुई भीड़ क्योंकि कार्यक्रम एक प्रत्याशी के प्रचार के लिए आयोजित था…
–रवि सिंह –
कोरिया/कोरबा/एमसीबी 27 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। क्या कोरबा लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान की अपील के लिए चिरमिरी के गोदरीपारा मैदान में बागेश्वर बालाजी महराज आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का एक दिवसीय रामकथा आयोजन संपन्न हुआ? आयोजन पूरी तरह भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी की तरफ से आयोजित था और यह पहले एक दिवसीय था वहीं यदि वह जीत दर्ज कर ले जायेंगी तो यही कथा सात दिवसीय होगा यह लगातार मंच से उदघोष होता रहा जो आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के ही छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के संयोजक लगातार मंच से कहते रहे और उपस्थित श्रद्धालुओं से वह भाजपा प्रत्याशी को मतदान करने की अपील करते रहे। चिरमिरी के गोदरीपारा मैदान में आयोजित एक दिवसीय रामकथा आयोजन भले ही भाजपा का लोकसभा प्रत्याशी के लिए मत अपील का कार्यक्रम था लेकिन बागेश्वर बालाजी आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को मानने वाले लोगों के लिए उनके अनुयायियों के लिए उनके आराध्य का नगर आगमन था इसलिए लोगों का पहुंचना भी जारी था यह आरोप विपक्ष का था।
ज्ञात हो की पहले आगमन का समय 1 बजे निर्धारित था जो बाद में 2 बजे से बाद संभव हो सका जब आचार्य मैदान में बने मंच पर पहुंचे जबकि श्रद्धालु सुबह से ही भूखे प्यासे उनके इंतजार में बैठे थे। कार्यक्रम भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी ने भले ही इस उद्देश्य से आयोजित किया था की भीड़ काफी होगी और एक साथ एक बड़ी भीड़ के सामने वह अपने लिए समर्थन मांग सकेंगी लेकिन भीड़ उस स्तर की जुटी नहीं और कुल मिलाकर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का जो एक अनुयायी समूह है वह कहीं न कहीं कार्यक्रम राजनीतिक होने की वजह से भी नहीं पहुंचा जो माना जा रहा है। वैसे बताया यह भी जा रहा है की यही कार्यक्रम यदि बैकुंठपुर के आसपास कहीं होता कार्यक्रम में भीड़ अपार होती वहीं यदि भाजपा प्रत्याशी के जीत के लिए ही आयोजित कार्यक्रम था तो इसका असर सरगुजा लोकसभा सीट पर भी पड़ता। वैसे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के चिरमिरी पहुंचने से कई घंटे पहले ही श्रद्धालु मैदान में पहुंच चुके थे जो भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी के लिए सुनहरा अवसर था वह लगातार भीड़ में स्वास्थ्य मंत्री के साथ पहुंचकर अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रही थीं वहीं श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा भी जारी थी। वैसे इस बार पहली बार ऐसा हुआ की आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के कथा अयोजन में उपस्थित श्रद्धालुओं के ऊपर पुष्प वर्षा होती देखी गई। कथा अयोजन को लेकर वैसे समय काफी कम मिला था फिर भी प्रचार प्रसार में कमी हुई थी यह कहना गलत होगा क्योंकि सोशल मिडिया के इस युग में प्रचार एक दिन में ही संभव हो जाता है।
कार्यक्रम चूंकि पूरी तरह भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के उद्देश्य से आयोजित: कांग्रेस
कार्यक्रम चूंकि पूरी तरह भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के उद्देश्य से आयोजित था इसलिए वहां कार्यकर्ता व्यवस्था देखने वाले लोग भी भाजपा के ही नेता थे कार्यकर्ता थे जिनकी संख्या उपस्थित श्रद्धालुओं से भी ज्यादा हो गई थी जिसके कारण बाहर से आए श्रद्धालुओं से उनकी हुज्जत होती रही। व्यवस्था देख रहे कार्यकर्ता अपनी ही धुन में मस्त थे उन्हे उपस्थित श्रद्धालुओं के मान सम्मान की भी फिक्र नहीं थी और उन्हे छोटे बड़ों का लिहाज भी नहीं था जो नजर आया। वैसे लोगों ने सब कुछ इसलिए सह लिया क्योंकि उन्हे अपने आराध्य आचार्य धीरेंद्र शास्त्री जी के दर्शन करने थे और जिसके कारण वह कुछ अभद्रता भी सहकर चुप रह गए। सूत्रों की माने तो भाजपा के वह लोग जो इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी देख रहे थे वह भाजपाइयों को ही तवज्जो नहीं दे रहे थे खासकर वरिष्ठ और पुराने भाजपाइयों को कोई पूछने भी नहीं आया की उन्हे स्थान मिला की नहीं। संयुक्त कोरिया जिले के दौरान के दो दो पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष कार्यक्रम में उपस्थित हुए एक को जमीन में बैठकर कार्यक्रम में शिरकत करते देखा गया वहीं एक को कुर्सी तब मिल सकी जब उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से अर्जी लगाई। वैसे एमसीबी जिले के भाजपाइयों को लेकर बैठक व्यवस्था बेहतर थी लेकिन कोरिया जिले से पहुंचने वाले भाजपाइयों के लिए ऐसी व्यवस्था नहीं थी यह बताया जा रहा है। वैसे कार्यक्रम में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का विलंब से आना श्रद्धालुओं के सब्र को पार कर गया और लोग उनके आते ही उनके एक झलक पाते ही लौटने लगे अधिकांश ने कथा का रसपान करना मुनासिब नहीं समझा।
भाजपा के ही दो पूर्व जिलाध्यक्ष पहुंचे कार्यक्रम में,एक को मंत्री जी ने दिलाई कुर्सी,एक ने जमीन पर बैठकर सुनी कथा
संयुक्त कोरिया जिले के दो पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष कार्यक्रम में पहुंचे थे। एक को किसी तरह मंत्री जी के कहने पर कुर्सी मिल सकी जो नहीं मिल पा रही थी वहीं एक को जमीन पर ही बैठकर कार्यक्रम का आनंद लेना पड़ा। वैसे जमीन पर भी बैठकर पूर्व जिलाध्यक्ष ने किसी से शिकायत नहीं की जबकि कई नए नवेले भाजपा में प्रवेश करने वाले भी कुर्सी दौड़ में आगे थे। वैसे भाजपा का संगठन अनुशासित माना जाता है और वरिष्ठ कनिष्ठ की इज्जत और एक मर्यादा संगठन में होती है इसलिए यह सफल संगठन है ऐसा माना जाता है लेकिन चिरमिरी के कार्यक्रम में यह नजर नहीं आया। वरिष्ठ जहां जमीन पर गुमनाम व्यक्ति की तरह बैठकर कथा सुनकर लौट गए वहीं नए भाजपाई कई स्तर के कार्ड के साथ गैलरी में ही घूमते रहे।
कार्यक्रम प्रत्याशी के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगा या कम फायदेमंद यह कह पाना मुश्किल
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री जी का एक दिवसीय रामकथा कार्यक्रम चिरमिरी में कोरबा लोकसभा प्रत्याशी ने आयोजित कराया और उन्होंने यह वादा किया लोगों से की यदि वह जीतकर आती हैं तो वहीं वह सात दिनों का कार्यक्रम आयोजित कराएंगी जो उनका वादा है। वैसे चिरमिरी में आयोजित एक दिवसीय एक दिवसीय रामकथा आयोजन में भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी को फायदा होगा चुनाव में की नुकसान यह अभी से कह पाना मुश्किल है क्योंकि कार्यक्रम में एक तो आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का विलंब से आना और फिर व्यवस्था में लगे कार्यकर्ताओं की हुज्जत से लोग परेशान हुए जिसका नुकसान भी हो सकता है क्योंकि कई लोग कार्यकर्ताओं से नाराज होकर भी लौट गए जैसा बताया जा रहा है।
कार्यक्रम में इतने थे व्यवस्था देखने वाले की उनकी ही संख्या हो गई थी अधिक,अव्यवस्था के लिए वह भी रहे जिम्मेदार
कथा कार्यक्रम में व्यवस्था देखने वालों की संख्या ज्यादा ही नजर आई। सूत्रों की माने तो कार्यकर्ता हद से ज्यादा थे जो खुद ही अव्यवस्था का कारण बन बैठे थे। रास्तों में और सामने खड़े होकर पीछे सुबह से बैठे श्रद्धालुओं के बीच और आचार्य धीरेंद्र शास्त्री जी के बीच वह दीवार का काम कर रहे थे। अनेकों बार हुज्जत करते वह श्रद्धालुओं से नजर आए। कुल मिलाकर वह यह मान बैठे थे की कार्यक्रम भाजपा का है इसलिए वह ही सर्वेसर्वा हैं अन्य के मान सम्मान का उन्होंने नही। रखा ध्यान।
कांग्रेस नेताओं की भी उपस्थिति नजर आई
कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं की भी उपस्थिति नजर आई। पूर्व विधायक के प्रतिनिधि और पार्षद शिवांश जैन के साथ कई कांग्रेसी कार्यक्रम में नजर आए। वैसे कांग्रेसी ही इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे वहीं उनकी उपस्थिति से यह साबित होता है की वह आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के अनुयाई हैं और ऐसे में वह पार्टी लाइन से हटकर भी कार्यक्रम में शामिल होने से नहीं चूके।
भाजपा को कार्यक्रम के बाद फायदा होगा या नुकसान अभी कह पाना जरा जल्दबाजी
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के बाद भाजपा प्रत्याशी को चुनाव में फायदा ही हो जायेगा यह कहना जल्दबाजी होगी। कथा कार्यक्रम के नाम पर भीड़ जुटाकर जिस तरह लोगों से घंटों पार्टी प्रत्याशी के लिए मतदान की अपील की जाती रही उसके बाद लोगों का क्या रुख होने वाला है यह मतदान और परिणाम के बाद समाने आने वाला मामला है वैसे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री जी को बुलाकर लोकसभा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील का कार्यक्रम आयोजित किया जाना उनके ही अनुयाई समूह को नागवार गुजरा है जैसा बताया जा रहा है जो सुनने को मिला है।
भाजपा नेताओं का घमंड
भी नजर आया,लोगों को पहचानने से भी परहेज करते रहे भाजपा नेता,क्या ऐसे ही फतेह होगा मिशन 400 का लक्ष्य
कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं का घमंड भी नजर आया। अपने ही लोगों को लोग पहचानने से इंकार करते नजर आए। वैसे यदि यही हाल होगा तो लक्ष्य 400 पार कैसे पार होगा यह बड़ा प्रश्न है। वैसे भाजपा नेताओं में ही कुछ की आपसी चर्चा भी सुनने को मिली जिसमे मुकाबला बराबरी का मान रहे हैं भाजपा के कुछ नेता वहीं वह कांग्रेसियों की एकजुटता की भी तारीफ कर रहे हैं।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामने स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा लोकसभा प्रत्याशी हाथ जोड़े खड़ी रही
कार्यक्रम में यह भी देखने को मिला की स्वास्थ्य मंत्री साथ ही लोकसभा प्रत्याशी आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के सामने हांथ जोड़कर खड़े नजर आए। वह हांथ जोड़कर अपने लिए जीत का आशीर्वाद मांग रही थीं मंत्री जी भी लोकसभा प्रत्याशी की जीत का आशीर्वाद मांग रहे थे जिससे उनकी कुर्सी बची रहे यह बताया जा रहा है।
एमसीबी कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को रद्द करने की रखी थी मांग
एमसीबी कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को रद्द करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा था। वैसे उन्होंने यह भी मांग की थी की कार्यक्रम का खर्च प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाए।
भाजपा के दो जिलों के जिलाध्यक्ष अपनी ही कुर्सियों में चिपके रहे,एमसीबी जिलाध्यक्ष तो एक दो बार उठे बैठे भी लेकिन कोरिया जिलाध्यक्ष ने एक बार भी अपनों की सुध नहीं ली
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम जो चिरमिरी में आयोजित था में दो जिलों के भाजपा जिलाध्यक्ष उपस्थित थे और दो जिलों के लोग भी उपस्थित थे जो कार्यक्रम की भीड़ थे सफलता थे। भीड़ के साथ भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी उपस्थित हुए थे जो दोनों जिलों से थे। सूत्रों की माने तो एमसीबी जिलाध्यक्ष तो कुछ देर अपने लोगों की सुध लेते नजर आए लेकिन कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष अपनी कुर्सी से जो चिपके वह तभी तभी उठे जब उन्हे मंच पर बुलाया गया। कौन उनके जिले से वरिष्ठ भाजपाई आया है कौन उनके जिले से मतदाता आया है किसी का अभिवादन करने वह भीड़ की तरफ नजर नहीं आए जबकि वह जा सकते थे। वैसे कोरिया जिला भाजपा अध्यक्ष खुद तक ही सीमित माने जाते हैं। उनका पहला प्रयास यही देखा गया है की उन्हे मंच पर सम्मान मिलता रहे बाकी अन्य वरिष्ठ मंच पर जगह भी न पाएं तो भी उन्हे कोई फिक्र नहीं रहती। वैसे मंच पर भाजपा कोरिया जिलाध्यक्ष विधायक के साथ अपनी उपस्थिति बनाते नजर आए।